मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फिर खोला राहत का पिटारा
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को विधानसभा मे राज्य के वर्ष 2014-15 के बजट पर हुई बहस का जवाब देते पूर्व कांग्रेस सरकार पर प...
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 25 जून, 1975 से मार्च, 1977 के दौरान घोषित आपातकाल में कारागारो में बंद हुए व्यक्तियों को एवं इनमें से दिवंगत व्यक्तियों के पति/पत्नियों को प्रतिमाह रुपए 12000/- पेंशन एवं 1200/- रुपए चिकित्सा सहायता प्रदान करने की घोषणा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सहायता 1 जनवरी, 2014 से दी जाएगी।
उन्होनें बताया कि आपातकाल के दौरान बंद हुए व्यक्तियों को पेंशन एवं चिकित्सा भत्ता देने के लिए राजस्थान मीसा एवं डीआईआर बन्दियो को पेंशन नियम 2008 बनाया था। इससे सम्बन्धित अधिसूचना राजस्थान राज-पत्र में 17 सितम्बर, 2008 को जारी कर दी गई थी, लेकिन पूर्व सरकार ने राजनीतिक दुराग्रह से इसे निरस्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों ने देश एवं राज्य में प्रजातंत्र एवं संवैधानिक ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु अनूठा कार्य किया था।
मुख्यमंत्री ने आगे बजट भाषण परिचर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि राज्य में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के ईलाज के लिए 58 ट्रोमा सेंटर बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग के दौरे के दौरान सूरतगढ़ और रतनगढ़ में यह देखकर आश्चर्य हुआ कि स्टॉफ की कमी के कारण इन ट्रोमा सेंटर्स का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। इन सभी ट्रोमा सेंटर्स को शीघ्र फिर से नए सिरे से संचालन करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मैं राजगढ़ जिला चूरू, देवगढ़ जिला राजसमन्द, झाडोल जिला उदयपुर तथा बायतू जिला बाडमेर में नये महाविद्यालय खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में इन प्रोबेशनर प्रशिक्षणकर्ता के पारिश्रमिक में संशोधन नहीं किया। राज्य में लगभग 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी निश्चित वेतन पर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अब इसमें राहत देते हुए इनके वेतन में 1 सितम्बर 2014 से 20 प्रतिशत की वृद्घि करने की घोषणा की। राज्य में पर्यटकों एवं यात्रियों की सुविधा हेतु चयनित किये गये पर्यटन स्थलों तथा बस स्टैंडों पर सुलभ कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में किसान भवन बनाए जा चुके है, लेकिन इन भवनों का मुख्य उद्देश्यों के तहत इसका सही उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब राज्य की सरकार इन भवनों का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए होगा, इस पर सरकार ध्यान देंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में 30 लाख से अधिक है और जयपुर अब देश का 10वां सबसे बड़ा शहर है।
उन्होंने कहा कि जयपुर शहर में बढ़ता ट्रैफिक दवाब, कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का संकट और सुरक्षा को लेकर गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई है। एक बार फिर इतने बड़े शहर की कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने और लोगों में भयमुक्त जीवन देना और हरा-भरा रखने का काम सरकार के भरोसे ही नहीं हो सकता है। इसके लिए राजधानी के प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इस काम में सरकार को व्यापार संगठन व अन्य गैर सरकारी और सामाजिक सेवा संस्थाओं सबके सहयोग की आवश्यकता है। इसके लिए शहर को सुरक्षित और हरा-भरा शहर बनाने के लिए अब सभी के सहयोग से एक संस्था या ट्रस्ट बनाने जाएगा जो शहर के समग्र विकास पर ध्यान देगा।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए मजबूत बनाने के लिए 8 रेंजर्स प्राथमिकी एवं शिकायत शाखा, विधि शाखा, अभियोजन शाखा और इंटेलिजेंस शाखा में 125 अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के पद सृजित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने इसके साथ 2 करोड़ रुपये की राशि का अतिरिक्त प्रावधान करने की घोषणा की। वहीं इटावा तथा किशनगढ़ बास को नगर पालिका बनाए जाने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि संशोधित बजट 2014-15 में की गई घोषणा के अनुसरण में तम्बाकू पर प्रवेश कर वैट दर के बराबर 65 प्रतिशत किया गया है। राज्य में तम्बाकू उत्पादों के विनिमार्ताओं पर इसके अत्यधिक भार को दृष्टिगत रखते हुए, राज्य में विनिर्माण हेतु उपयोग में लायी जाने वाली तम्बाकू पर प्रवेश कर की दरों में आंशिक छूट देने की घोषणा की।