बाल-विवाह पर कार्रवाई करने गया पुलिस-प्रशासनिक अमला बैरंग लौटा
निवाई (निर्भयराम मीणा)। एक ओर जहां राज्य सरकार बाल-विवाह की रोकथाम को लेकर कड़े कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों-कर्मचारियों के द्...
https://khabarrn1.blogspot.com/2014/05/police-and-administrative-staff-could-not-action-aggainst-bal-vivah.html
निवाई (निर्भयराम मीणा)। एक ओर जहां राज्य सरकार बाल-विवाह की रोकथाम को लेकर कड़े कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा झूंठे आंकडे भेजकर अपने अपने कर्तव्य की इतिश्री करने का जीता-जागता उदाहरण शुक्रवार को उस समय देखने को मिला, जब निवाई में दो नाबालिग लड़कियों का शादी समारोह आयोजित किया गया और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौन रहे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को रक्तांचल पर्वत की तलहटी में वनभूमि पर बसी एक अवैध कच्ची बस्ती पांच कुआं क्षेत्र में मुबारिक खान के घर पर दोपहर करीब साढ़े 3 बजे बेण्ड-बाजे के साथ नाचते-गाते बारातियों के साथ दो घोडियों पर सवार नाबालिग दुल्हों की निकासी निकालने की सूचना पर तहसीलदार गजेन्द्र गोयल ने सूचना के करीब एक घंटा बाद कस्बा पटवारी और दो पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली।
पुलिस व राजस्वकर्मी भी कार्यवाही करने के बजाय मूकदर्शक बैरंग लौट आए, क्योंकि सैकड़ों बराती और कई लोगों के बीच से दोनो नाबालिग दुल्हा-दुल्हन वहां नजर नहीं आए। विवाह स्थल पुलिस थाने से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है, फिर भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को वहां पहुंचने में करीब एक घंटा लग गया, जो चौकाने वाली बात है।
इस मामले को लेकर जब पुलिस वृत्ताधिकारी सुनील कुमार से बात की गई तो उन्होंने तो इस घटना से ही अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि बाल-विवाह रोकथाम के लिए एसडीएम और तहसीलदार नोडल अधिकारी हैं, पुलिस कुछ नही कर सकती है। आप नोडल अधिकारियों से ही जानकारी लें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को रक्तांचल पर्वत की तलहटी में वनभूमि पर बसी एक अवैध कच्ची बस्ती पांच कुआं क्षेत्र में मुबारिक खान के घर पर दोपहर करीब साढ़े 3 बजे बेण्ड-बाजे के साथ नाचते-गाते बारातियों के साथ दो घोडियों पर सवार नाबालिग दुल्हों की निकासी निकालने की सूचना पर तहसीलदार गजेन्द्र गोयल ने सूचना के करीब एक घंटा बाद कस्बा पटवारी और दो पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली।
पुलिस व राजस्वकर्मी भी कार्यवाही करने के बजाय मूकदर्शक बैरंग लौट आए, क्योंकि सैकड़ों बराती और कई लोगों के बीच से दोनो नाबालिग दुल्हा-दुल्हन वहां नजर नहीं आए। विवाह स्थल पुलिस थाने से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है, फिर भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को वहां पहुंचने में करीब एक घंटा लग गया, जो चौकाने वाली बात है।
इस मामले को लेकर जब पुलिस वृत्ताधिकारी सुनील कुमार से बात की गई तो उन्होंने तो इस घटना से ही अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि बाल-विवाह रोकथाम के लिए एसडीएम और तहसीलदार नोडल अधिकारी हैं, पुलिस कुछ नही कर सकती है। आप नोडल अधिकारियों से ही जानकारी लें।
इनका कहना है : घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। मौके पर एक ही दुल्हा-दुल्हन मिले, जो रिकार्ड में बालिग पाए गए हैं, पुलिस और अधिकारियों के पहुंचने से पहले शायद नाबालिग दुल्हा-दुल्हन को कहीं छिपा दिया होगा। इसलिए कोई कार्रवाई नही की जा सकी।
- फूलचंद मीना, ‘एसएचओ’ निवाई।
- फूलचंद मीना, ‘एसएचओ’ निवाई।