फिल्म समीक्षा : अद्भुत और नया प्रयोग है 'कोचादियान'
कलाकार : रजनीकांत, दीपिका पादुकोण, जैकी श्रॉफ, आर सरथ कुमार, आदि पिनीशेट्टी, नासिर और शोभना निर्देशक : सौंदर्या रजनीकांत मुंबई। स...
https://khabarrn1.blogspot.com/2014/05/film-review-of-kochadaiyaan-is-amazing-and-new-experiment.html
कलाकार : रजनीकांत, दीपिका पादुकोण, जैकी श्रॉफ, आर सरथ कुमार, आदि पिनीशेट्टी, नासिर और शोभना
निर्देशक : सौंदर्या रजनीकांत
मुंबई। सुपरस्टार रजनीकांत की पिछले काफी समय से बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘कोचादियान’ आज रिलीज होकर सिल्वर स्क्रीन पर आ गई है, जिससे रजनीकांत से प्रशंसकों में काफी उत्साह है। कोचादियान की निर्देशक रजनीकांत की बेटी सौंदर्या रजनीकांत है।
कोचादियान भारत की पहली ऐसी फिल्म है, जो मोशन कैप्चर टेक्नोलॉजी के साथ शूट की गई है, जिसमे अभिनेता के केवल मोशन कैप्चर किये जाते हैं। बाकी का काम पोस्ट प्रोडक्शन में एनिमेशन की मदद से किया जाता है। यह 3-डी मोशन में बनी 3-डी कंप्यूटर एनिमेटेड पीरियड फिल्म है।
सुपरस्टार होने के बावजूद रजनीकांत केवल एक से किरदार या फिल्में नहीं करते, वे अक्सर नित-नए प्रयोग करते हैं, जिनमें उन्हें सफलता मिलती रही है। कोचादियान से पहले ‘रोबोट’ में भी रजनीकांत की काफी सराहना की गई थी और रोबोट ने जबरदस्त सफलता हासिल की थी। कोचादियान के बारे में इतना कहा जा सकता है कि रोबोट से एक कदम आगे है रजनीकांत की यह 3-डी मोशन एनिमेटेड फिल्म ‘कोचादियान’।
कोचादियान के माध्यम से रजनीकांत की बेटी सौंदर्या ने भारतीय सिनेमा में एक नई शुरूआत की है। यह फिल्म आपको एक नया अनुभव देने में सफल रहेगी। आम सिनेमा की तरह इस फिल्म में कहानी ढूंढना दर्शकों की गलती होगी। चूंकि यह फिल्म पूरी तरह से तकनीक पर आधारित है और इस तरह के नये अनुभव और नये प्रयोग का स्वागत किया जाना चाहिए। निश्चित तौर पर खुद सुपरस्टार रजनीकांत के लिए भी यह बिल्कुल नया एक्सपीरियंस ही है।
कहानी : फिल्म में रजनीकांत एक अलग ही अवतार में नजर आ रहे हैं, वह एक राजा की भूमिका में हैं जिसे अपने दुश्मनों से लोहा लेना है। फिल्म की कहानी राणा और उनके पिता कोचादियान के इर्द-गिर्द घूमती है और यह दो राज्यों के बीच शासन व राजनीति की कहानी है।
कोचादियान एक सेनापति हैं और उन्हें प्रजा का प्यार मिलता है। लेकिन राजा की ईष्या उसकी जान ले लेती है और फिर कोचादियान का शेष कार्यभार उनका बेटा राणा संभालता है। फिल्म में गानों की तादाद भले ही ज्यादा बहुत हो लेकिन सभी आंखों को सुकून देते हैं।
जिस तरह से फिल्म को खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया है, उसे शब्दों में बयां कर पाना थोड़ा मुश्किल है, जिसे सिर्फ अनुभव ही किया जा सकता है। फिल्म के बारे में बस इतना कहा जा सकता है कि भारतीय सिनेमा में यह एक नया और अद्भुत प्रयोग है, जिसे अनुभव करने के लिए भारतीय फिल्म प्रेमियों को एक बार जरूर देखनी चाहिए।