राज्य सरकार के आदेशों की उड़ रहीं धज्जियां
पॉलीथिन का खुलेआम हो रहा है उपयोग बालोतरा (भगाराम पंवार)। पॉलीथिन के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद शहर में पॉलीथिन की...
पॉलीथिन का खुलेआम हो रहा है उपयोग
बालोतरा (भगाराम पंवार)। पॉलीथिन के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद शहर में पॉलीथिन की बिक्री रुक नहीं रही। राज्य सरकार द्वारा अगस्त 2010 में पॉलीथिन (कैरी बैग) पर लगाया गया प्रतिबंध बालोतरा उपखंड मुख्यालय सहित पूरे क्षेत्र में बेअसर साबित हो रहा है। शहर सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी राज्य सरकार आदेशों की खुलेआम धज्जियां उडाई जा रहीं है।यहां तक की सरकार नुमाईंदो को भी पॉलीथिन कैरी बैग में सामान ले जाते देखा जा सकता है। क्षेत्र की मिठाई, खिलौना, सब्जी, किराना, रेडीमेड, जूते, कपड़े व फैंसी की दुकानों पर प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग धडल्ले से किया जा रहा है।
आवारा पशु बनते हैं काल के ग्रास : औद्योगिक नगरी बालोतरा के हर मौहल्लों व चौरायों पर पॉलीथिन कैरी बैग की गंदगी अधिक मात्रा में दिखाई देती है। कचरों के ढ़ेर पर पड़ी पॉलिथिन को पशु खाते है। इस तरह पॉलिथिन को खाने से प्रतिदिन आवारा पशु अकाल मौत मारे जा रहे है। इसके सेवन से पशुओं में भी कई तरह की बिमारिया भी फैलती जा रहीं है। लेकिन सब कुछ जानते हुए भी नगर परिषद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है।
जिम्मेदार भी पॉलिथिन कैरी बैग में ले जाते हैं सामान : पॉलीथिन कैरी बैग पर रोक लगाने की कोशिश तो सरकार ने की लेकिन जिन जिम्मेदार अधिकारियों को ये कार्यभार सौंपा है वे हीं इसकी धज्ज्यिां उडाने में सबसे आगे है। आम लोग तो नियमों को ताक पर रखकर सामान ले जाते है लेकिन सरकारी कर्मचारियों को तो इसकी पालना करवाने की जिम्मेदारी होती है परंतु वे हीं इसका मखौल उड़ाते है।
आखिर, कौन करेगा कार्रवाई : राज्य सरकार ने तो पॉलीथिन कैरी बैग के उपयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के साथ उपयोग में लेने वालों के विरूद्ध जुमार्ने के साथ कैद का भी प्रावधान लागू कर दिया है। मगर नगर परिषद प्रशासन राज्य सरकार के आदेशों की कतई पालना करते दिखाई नहीं देते है।
ये है जुर्माना व प्रावधान : जानकारी के अनुसार पॉलीथिन कैरी बैग का उपयोग करते पाए जाने पर राज्य सरकार के आदेशानुसार एक लाख रुपए तक का जुमार्ना या पांच वर्ष की कैद का प्रावधान है। लेकिन प्रशासन इसकों जानबूझकर अनदेखा कर रहा है। कार्रवाई करने के अधिकारी भी दे दिए गए है, लेकिन कार्रवाई करने की जहमत कोई सरकारी कारिंद नहीं उठाता है।