दिल्ली का दंगल : त्रिकोणीय मुकाबले में शीला दीक्षित
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने की हैट्रिक लगाने वाली शीला दीक्षित का कहना है कि वह चुनाव परिणाम का इंतजार कर रही हैं। इस सीट पर क...
जब फोटोग्राफरों ने उनके आवास पर विजय चिन्ह प्रदर्शित करने को कहा तब उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह आप के संभावित प्रभाव से चिंतित हैं, शीला ने कहा, नहीं। 75 वर्षीय शीला के नेतत्व में कांग्रेस ने लगातार तीन बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 15 वर्षों के दौरान समावेशी विकास सुनिश्चित करने का काम किया है और उम्मीद जतायी कि लोग उन्हें एक बार और सेवा का मौका देंगे। शीला ने कहा कि मैं चुनाव पूरे विश्वास के साथ लड़ रही हूं। हमने सतत विकास सुनिश्चित की है। हमने समावेशी विकास के एजेंडे का अनुसरण किया है। हमने दिल्ली को सर्वश्रेष्ठ शहर बनाया है।
शीला ने कहा कि विपक्ष बड़े बड़े दावे कर रहा है और हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है । लेकिन दिल्ली के लोग हमारे कामकाज के बारे में जानते हैं। मेरा मानना है कि वे इस बात पर विचार करते हुए वोट डालेंगे कि उनके लिए क्या अच्छा है।
राजनीतिक पटल पर अरविंद केजरीवाल के आने से चुनावी मुकाबले का स्वरूप बदल गया है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह नयी पार्टी चुनावी रंग खराब करने वाली होगी या कुछ सीट जीत भी सकेगी जैसा कि कुछ चुनानी विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की है।
उल्लेखनीय है कि शीला दीक्षित पिछले 15 सालों से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और उनके विकास के मॉडल को क्षेत्र में कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जहां के 1.18 लाख मतदाताओं में 60 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य हैं।