कांग्रेसी महिला ब्रिगेड की जासूसी मामले की जांच की मांग
नई दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की चार प्रमुख नेताओं ने रविवार को यहां विशेष प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद...
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नई दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की चार प्रमुख नेताओं ने रविवार को यहां विशेष प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उनके तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह द्वारा एक युवती की निजता का उल्लंघन करते हुए पुलिस द्वारा उसकी अकारण जासूसी कराने की घटना की सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास, जयंती नटराजन, रीता बहुगुणा और वर्तमान महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा ने मोदी और शाह को आज आड़े हाथ लेते हुए यह मांग की और इससे महिला की निजता और गरिमा का सरासर उल्लंघन बताया।
व्यास ने कहा कि कोबरा पोस्ट और गुलेल जैसे न्यूज पोर्टल के ऑडियो टेप्स से दो दिन पहले यह रहस्योद्घाटन हुआ है कि गुजरात पुलिस ने 2009 के अगस्त-सितम्बर में तत्काल गृहमंत्री अमित शाह के कहने पर माधुरी नामक इस युवती की जासूरी की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यह बताए कि पेशे से एक वास्तुशिल्प युवती का किन कारणों से और किसके निर्देश पर न केवल गुप्तचर एजेंसी, बल्कि अपराधा शाखा तथा आतंकवादी विरोधी दस्ते से जासूसी करवाई गई।
रीता बहुगुणा ने कहा कि पहले तो यह पता नहीं चल पा रहा था कि अमित शाह ने किस साहब के लिए यह जासूसी करवाई, लेकिन अब जब भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह बयान देकर खुलासा कर दिया कि, युवती के पिता के अनुरोध पर गुजरात के मुख्यमंत्री ने यह जासूसी कराई। इसलिए कोबरा पोस्ट और गुलेल पोर्टल ने जो ऑडियो टेप जारी किया वे निराधार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी पिता ने कहा भी है कि इस तरह की जासूसी न केवल गैर कानूनी है, बल्कि राज्य पुलिस का गलत इस्तेमाल और अधिकारों का दुरुपयोग है।
जयंती नटराजन ने कहा कि जब दिल्ली के एक पुलिसकर्मी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के टेलीफोन के कॉल्स का पता लगाया था तो संसद में बड़ा हंगामा हुआ था और तीन दिन तक सदन की कार्यवाही बाधित रही थी। उस मामले में 6 लोग गिरफ्तार भी किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी युवती के फोन कॉल्स का पता लगाया गया है जो उसकी निजता का उल्लंघन है। इसलिए इस मामले में भी कार्रवाई होनी चाहिए और भारतीय जनता पार्टी इसका जवाब दे।
इन महिला नेताओं का कहना था कि गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी का यह कैसा सुशासन है, जिसमें एक महिला सुरक्षित नहीं रह सकती है। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने मोदी हाय हाय के नारे भी लगाए।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास, जयंती नटराजन, रीता बहुगुणा और वर्तमान महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा ने मोदी और शाह को आज आड़े हाथ लेते हुए यह मांग की और इससे महिला की निजता और गरिमा का सरासर उल्लंघन बताया।
व्यास ने कहा कि कोबरा पोस्ट और गुलेल जैसे न्यूज पोर्टल के ऑडियो टेप्स से दो दिन पहले यह रहस्योद्घाटन हुआ है कि गुजरात पुलिस ने 2009 के अगस्त-सितम्बर में तत्काल गृहमंत्री अमित शाह के कहने पर माधुरी नामक इस युवती की जासूरी की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यह बताए कि पेशे से एक वास्तुशिल्प युवती का किन कारणों से और किसके निर्देश पर न केवल गुप्तचर एजेंसी, बल्कि अपराधा शाखा तथा आतंकवादी विरोधी दस्ते से जासूसी करवाई गई।
रीता बहुगुणा ने कहा कि पहले तो यह पता नहीं चल पा रहा था कि अमित शाह ने किस साहब के लिए यह जासूसी करवाई, लेकिन अब जब भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह बयान देकर खुलासा कर दिया कि, युवती के पिता के अनुरोध पर गुजरात के मुख्यमंत्री ने यह जासूसी कराई। इसलिए कोबरा पोस्ट और गुलेल पोर्टल ने जो ऑडियो टेप जारी किया वे निराधार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी पिता ने कहा भी है कि इस तरह की जासूसी न केवल गैर कानूनी है, बल्कि राज्य पुलिस का गलत इस्तेमाल और अधिकारों का दुरुपयोग है।
जयंती नटराजन ने कहा कि जब दिल्ली के एक पुलिसकर्मी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के टेलीफोन के कॉल्स का पता लगाया था तो संसद में बड़ा हंगामा हुआ था और तीन दिन तक सदन की कार्यवाही बाधित रही थी। उस मामले में 6 लोग गिरफ्तार भी किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी युवती के फोन कॉल्स का पता लगाया गया है जो उसकी निजता का उल्लंघन है। इसलिए इस मामले में भी कार्रवाई होनी चाहिए और भारतीय जनता पार्टी इसका जवाब दे।
इन महिला नेताओं का कहना था कि गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी का यह कैसा सुशासन है, जिसमें एक महिला सुरक्षित नहीं रह सकती है। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने मोदी हाय हाय के नारे भी लगाए।