राधाष्टमी के मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
बालोतरा। खेड़ तीर्थ पर शुक्रवार को राधाष्टमी का मेला भरा। मेले में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी को भोग लगाकर पूजा अर्चना कर मन्नते मांगी...
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बालोतरा। खेड़ तीर्थ पर शुक्रवार को राधाष्टमी का मेला भरा। मेले में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी को भोग लगाकर पूजा अर्चना कर मन्नते मांगी। खेड़ तीर्थ के प्रचार मंत्री भंवरलाल वैष्णव ने बताया कि मेले के दौरान तीर्थ प्रांगण को शुक्रवार को विविध प्रकार की रंग-बिरंगी रोशनी व फूलों से सुसज्जित किया गया।
राधाजी की प्रतिमा को श्रृंगारित कर फूलों से सुसज्जित झूले में झूलाकर संगीतमय वातावरण में शुक्रवार सवेरे 11 बजे आरती कर भोग लगाया गया। मेले को सुव्यवस्थित आयोजन के लिए कमेटियां गठित कर सदस्यों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है।
उन्होंने बताया कि मेले में स्थानीय सहित दूर-दराज से सैकडो श्रद्धालुओं ने मेले का लुत्फ उठाया। मेले को देखते हुए उनके दर्शन एवं प्रसाद वितरण के लिए बेरिकेडिंग की विशेष व्यवस्था की गइ। मंदिर परिसर के बाहर मेलार्थियों के मनोरंजन के लिए हाट बाजार व दुकानें लगाई गई। श्रद्धालुओं ने हॉट बजार व दुकानों से जमकर खरीदारी की व बच्चों के लिए खिलौने खरीदें। बच्चो व महिलाओं ने झूलों का खूब आनंद उठाया। मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही।
मेले के दौरान भंवरलाल टावरी, रमेशचन्द्र मंगल, पुरुषोत्तम सिंघल, अयोध्या प्रसाद, महेन्द्रकुमार, रमेश, अशोक, माधव, भगवानदास, सरजूप्रसाद, महेन्द्र व राधेश्याम सहित कई सदस्यों ने अपनी सेवाएं दी।
राधाजी की प्रतिमा को श्रृंगारित कर फूलों से सुसज्जित झूले में झूलाकर संगीतमय वातावरण में शुक्रवार सवेरे 11 बजे आरती कर भोग लगाया गया। मेले को सुव्यवस्थित आयोजन के लिए कमेटियां गठित कर सदस्यों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है।
उन्होंने बताया कि मेले में स्थानीय सहित दूर-दराज से सैकडो श्रद्धालुओं ने मेले का लुत्फ उठाया। मेले को देखते हुए उनके दर्शन एवं प्रसाद वितरण के लिए बेरिकेडिंग की विशेष व्यवस्था की गइ। मंदिर परिसर के बाहर मेलार्थियों के मनोरंजन के लिए हाट बाजार व दुकानें लगाई गई। श्रद्धालुओं ने हॉट बजार व दुकानों से जमकर खरीदारी की व बच्चों के लिए खिलौने खरीदें। बच्चो व महिलाओं ने झूलों का खूब आनंद उठाया। मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही।
मेले के दौरान भंवरलाल टावरी, रमेशचन्द्र मंगल, पुरुषोत्तम सिंघल, अयोध्या प्रसाद, महेन्द्रकुमार, रमेश, अशोक, माधव, भगवानदास, सरजूप्रसाद, महेन्द्र व राधेश्याम सहित कई सदस्यों ने अपनी सेवाएं दी।