नेतृत्व का गुण विकसित कर समाज को नई दिशा दें शिक्षक : देवनानी
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/12/blog-post_33.html
अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं। शिक्षक अपनी ताकत को पहचानें, नेतृत्व के गुणों का विकास करें और विद्यार्थियों का नवनिर्माण कर समाज को दिशा दें। शिक्षक स्कूल को अपना समझ कर उसका विकास करें तो निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
देवनानी ने आज पुष्कर में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के संभाग स्तरीय लीडरशिप प्रशिक्षण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में स्वस्थ और सक्षम समाज का निर्माण तभी संभव है जब शिक्षक अपनी भूमिका का पूरी ताकत के साथ निर्वहन करें। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक स्कूल का मुखिया ही उसका नेतृत्व करे। हमें नेतृत्व के गुणों को आत्मसात करना होगा ताकि स्कूल का विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि आदर्श व उत्कृष्ट विद्यालय राजस्थान में शिक्षा की पहचान बनते जा रहे हैं। स्कूलों को विकसित करने के लिए शिक्षक अपने क्षेत्र के भामाशाहों से भी सतत सम्पर्क बनाए रखें तथा समय-समय पर स्कूल में योगदान के प्रति उन्हें प्रेरित करते रहें। प्राथमिक व उच्च पराथमिक विद्यालयों में बुनियादी ढांचे के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की भी आवश्यकता है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों से राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रगति हुई है। लाखों विद्यार्थियों का नामांकन तो बढ़ा ही है, साथ ही सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का विश्वास भी बढ़ा है। सरकार ने शिक्षकों की अधिकांश समस्याओं का निराकरण कर दिया है। एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
देवनानी ने आज पुष्कर में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के संभाग स्तरीय लीडरशिप प्रशिक्षण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में स्वस्थ और सक्षम समाज का निर्माण तभी संभव है जब शिक्षक अपनी भूमिका का पूरी ताकत के साथ निर्वहन करें। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक स्कूल का मुखिया ही उसका नेतृत्व करे। हमें नेतृत्व के गुणों को आत्मसात करना होगा ताकि स्कूल का विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि आदर्श व उत्कृष्ट विद्यालय राजस्थान में शिक्षा की पहचान बनते जा रहे हैं। स्कूलों को विकसित करने के लिए शिक्षक अपने क्षेत्र के भामाशाहों से भी सतत सम्पर्क बनाए रखें तथा समय-समय पर स्कूल में योगदान के प्रति उन्हें प्रेरित करते रहें। प्राथमिक व उच्च पराथमिक विद्यालयों में बुनियादी ढांचे के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की भी आवश्यकता है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों से राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रगति हुई है। लाखों विद्यार्थियों का नामांकन तो बढ़ा ही है, साथ ही सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का विश्वास भी बढ़ा है। सरकार ने शिक्षकों की अधिकांश समस्याओं का निराकरण कर दिया है। एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।