आसाम में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए लोंगासर के शहीद नरपतसिंह की दी अंतिम विदाई
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/11/funeral-to-martyr-of-longasar-narpat-singh.html
पोकरण। आसाम में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए लोंगासर के शहीद नरपतसिंह की देह का आज उनके पैतृक गांव राजमंथाई के लोंगासर में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद राठौड़ की पार्थिव देव को उनके सात वर्षीय पुत्र फूलसिंह ने मुखाग्नि दी। इसके बाद भारतीय सैना ने उनके सम्मान में सशस्त्र सलामी दी।
अपने पैतृक गांव पहुंची शहीद की पार्थिव देह को चंदन की लकड़ी पर सजाया गया, जिसके बाद वैदिक रीति से शहीद नरपतसिंह की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार कर उन्हें अंतिम विदाई दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान शहीद के परिजनों के साथ पूरे गांव के लोगों की आंखे नम थी। देश के जवानों ने भी नम आंखों से अंतिम संस्कार की रस्म निभाई।
इससे पहले शहीद राठौड़ की पार्थिव देह को उनके घर से भारतीय सेना के जवान व उनके परिजन लेकर रवाना हुए और राजमथाई लेकर पहुंचे, जहां शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर मौजूद हजारों लोग अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। देश की रक्षा के लिए शहीद हुए राजमथाई के इस सपूत की शान में हर किसी का सिर गर्व से उंचा था, तो सीना गर्व से फूला हुआ था, लेकिन फिर भी आंखे नम थी।
इससे पहले रविवार की रात को शहीद नरपतसिंह राठौड़ की पार्थिव देह जैसलमेर पहुंची। सोमवार सुबह पार्थिव देह को नरपतसिंह के पैतृक गांव राजमथाई लाने के बाद अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की गई। इस दौरान भारतीय सेना के अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित किए, वहीं जवानों ने सशस्त्र सलामी दी।
सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी, भारतीय थल सेना की तरफ से एडम कमांडेंट एस के शर्मा, जैसलमेर के विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड़, पूर्व विधायक सांगसिंह सालेह मोहम्मद, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर, जिला कलेक्टर मातादीन शर्मा, पुलिस कप्तान गौरव यादव ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
फूट पड़ी अश्रुधार :
उस वक्त लोग अपनी आंखों से बहते आंसू नहीं रोक पाए, जब शहीद की पत्नी ने शहीद की पार्थिक देह से लिपटकर अपने हाथों के कंगन उतार फेंके। वहीं उसके 8 वर्षीय पुत्र रावल सिंह ने अपने निवास स्थान पर पिता के अंतिम दर्शन करते हुए शहीद के पार्थिक देह पर पुष्प अर्पित किए, तो लोगों की आंखें आंसुओं से भर आई और हर तरफ अश्रुधारा फूट पड़ी।
अपने पैतृक गांव पहुंची शहीद की पार्थिव देह को चंदन की लकड़ी पर सजाया गया, जिसके बाद वैदिक रीति से शहीद नरपतसिंह की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार कर उन्हें अंतिम विदाई दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान शहीद के परिजनों के साथ पूरे गांव के लोगों की आंखे नम थी। देश के जवानों ने भी नम आंखों से अंतिम संस्कार की रस्म निभाई।
इससे पहले शहीद राठौड़ की पार्थिव देह को उनके घर से भारतीय सेना के जवान व उनके परिजन लेकर रवाना हुए और राजमथाई लेकर पहुंचे, जहां शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर मौजूद हजारों लोग अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। देश की रक्षा के लिए शहीद हुए राजमथाई के इस सपूत की शान में हर किसी का सिर गर्व से उंचा था, तो सीना गर्व से फूला हुआ था, लेकिन फिर भी आंखे नम थी।
इससे पहले रविवार की रात को शहीद नरपतसिंह राठौड़ की पार्थिव देह जैसलमेर पहुंची। सोमवार सुबह पार्थिव देह को नरपतसिंह के पैतृक गांव राजमथाई लाने के बाद अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की गई। इस दौरान भारतीय सेना के अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित किए, वहीं जवानों ने सशस्त्र सलामी दी।
सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी, भारतीय थल सेना की तरफ से एडम कमांडेंट एस के शर्मा, जैसलमेर के विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड़, पूर्व विधायक सांगसिंह सालेह मोहम्मद, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर, जिला कलेक्टर मातादीन शर्मा, पुलिस कप्तान गौरव यादव ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
फूट पड़ी अश्रुधार :
उस वक्त लोग अपनी आंखों से बहते आंसू नहीं रोक पाए, जब शहीद की पत्नी ने शहीद की पार्थिक देह से लिपटकर अपने हाथों के कंगन उतार फेंके। वहीं उसके 8 वर्षीय पुत्र रावल सिंह ने अपने निवास स्थान पर पिता के अंतिम दर्शन करते हुए शहीद के पार्थिक देह पर पुष्प अर्पित किए, तो लोगों की आंखें आंसुओं से भर आई और हर तरफ अश्रुधारा फूट पड़ी।