चरित्र निर्माण के लिए शिक्षा का मूल्य प्रधान होना जरूरी : राज्यपाल

अजमेर। राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा है शिक्षा एवं समाज में अत्यन्त तीव्र गति से परिवर्तन हो रहे हैं। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्म...

अजमेर। राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा है शिक्षा एवं समाज में अत्यन्त तीव्र गति से परिवर्तन हो रहे हैं। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्माण है। चरित्रा निर्माण के लिए शिक्षा का मूल्य प्रधान होना जरूरी है। राज्यपाल सोमवार को अजमेर में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मूल्य प्रधान शिक्षा ही व्यक्ति को मानवीय गुणों का आभास कराती है। छात्र-छात्राओं में मानवीय मूल्यों एवं सहिष्णुता का तब ही विकास संभव है, जब शिक्षक की भूमिका राष्ट्र के प्रति समर्पित होगी।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे जीवन में जिज्ञासा  एवं सकारात्मक सोच  रखें और अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें। संसाधनों का समुचित उपयोग करें और सही समय पर सही कार्य कर सफलता अर्जित करेें। स्वावलम्बन और सहयोगात्मक नीति मानव जीवन में सफल होने की कुंजी है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर शोध पीठ की स्थापना हो गई हैं साथ ही परिसर में डाॅ. अब्दुल कलाम व भरत मुनि रंग-मंच बन गया है। विश्वविद्यालय में मंगलम् भवन व कुबेर भवन का शिलान्यास भी हो गया है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय, शैक्षिक उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है।
     
राज्यपाल ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से विश्वविद्यालय में सिन्धु शोध पीठ और पृथ्वीराज चौहान ऐतिहासिक-सांस्कृतिक शोध केंद्र की भी स्थापना की गई है। यह युग प्रतिस्पर्धा का है, जो जीवन में नित-नई चुनौतियाँ प्रस्तुत कर रहा है। निःसंदेह समाज के सभी वर्ग इससे प्रभावित हैं। युवाओं को इसके लिए तैयार होना होगा। उन्होंने कहा कि आज युग बदल रहा है शिक्षा पद्धति में बदलाव हो रहे है ऐसे में हमें भी समय के साथ बदलना होगा। विज्ञान एवं तकनीकी युग में विशेष प्रयास करते हुए छात्रों में अभिरूचि का विकास करना होगा। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों के पद स्वीकृत किए है इनका भर्ती कलेन्डर तैयार करें। जिसमें नियुक्ति प्रदान करने तक का ब्यौरा हो। चयन प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूर्ण ईमानदारी एवं पारदर्शिता से सम्पादित किए जाए।

उन्होंने बताया कि राज्य के अनाथ बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा के साथ ही जहां छात्रावास उपलब्ध है,  वहां निशुल्क रहने व खाने की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वे अपने विशाल परिसर में सौर ऊर्जा उत्पादन का अभिनव प्रयोग अपनाकर विद्युत ऊर्जा संबंधी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ साथ राष्ट्र विकास में भी योगदान देने का आदर्श स्थापित करें।

प्रारम्भ में विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश सोडानी ने विश्वविद्यालय में छात्रा कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज दीक्षान्त समारोह में विभिन्न संकायाओं में टाॅप करने वालों में 39 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा 69 पी.एच.डी धारकों को दीक्षा देकर सम्मानित किया गया।

समारोह में राज्यपाल ने समस्त स्वर्ण पदक धारकों एवं पी.एच.डी. धारकों को दीक्षा देकर सम्मानित किया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रारम्भ में विश्वविद्यालय का कुलगीत गाया गया।

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