18 साल से कानूनी शिकंजे में फंसे सलमान को हाईकोर्ट ने किया बरी

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जोधपुर। पिछले करीब 18 साल से कानूनी शिकंजे में फंसे सलमान खान को हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है। चिंकारा शिकार प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट ने बॉलीवुड के 'सुल्तान' सलमान खान को 18 साल बाद इंसाफ देते हुए बरी कर दिया है।

न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की एकलपीठ ने आज  सलमान खान की याचिकाएं मंजूर करते हुए अधीनस्थ अदालत के आदेश को खारिज कर सलमान को बरी कर दिया है। सजा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से पेश की गई अपीलों को हाईकोर्ट ने नामंजूर करने का आदेश सुनाया।

वहीं इस मामले में सलमान को राहत मिलने पर सलमान की बहन अलवीरा ने भी राहत की सांस ली है। फैसले के वक्त सलमान की बहन अलवीरा वकीलों के साथ कोर्ट में मौजूद रहीं। वकीलों से खचाखच भरे कोर्ट में न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने ठीक साढ़े 10.30 बजे कोर्ट में बैठते ही फैसला सुनाया।

सलमान खान के बरी होने का फैसला सुनते ही बचाव पक्ष के वकीलों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान कोर्ट के बाहर जबर्दस्त गहमागहमी का माहौल रहा। सलमान खान की बहन अलवीरा ने कोर्ट रूम के बाहर हाईकोर्ट कॉरिडोर में मोबाइल पर कई लोगों को बधाई दी।

गौरतलब है कि सलमान के खिलाफ शिकार से जुड़े दो मामलों में अभी भी ट्रायल चल रहा है। कंकाणी हरिण शिकार प्रकरण और अवैध हथियार मामला का विचारण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) में चल रहा है।

ये है पूरा प्रकरण

  • 26-27 सितम्बर 1998 की मध्यरात्रि को जोधपुर के नजदीकी भवाद में एक चिंकारा के शिकार का आरोप लगा। इसमें सलमान सहित कुल आठ आरोपी थे।
  • मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) ने 17 फरवरी, 2006 को सलमान खान को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 51-4 के तहत दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनाई, जिसके खिलाफ सलमान ने वर्ष 2007 में हाईकोर्ट में अपील दायर की। वहीं राज्य सरकार ने सलमान को सजा बढ़ाने के लिए अपील पेश की।
  • हाईकोर्ट ने दोनों अपीलों पर लम्बी सुनवाई के बाद गत 13 मई को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसमें सोमवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सलमान की अपील मंजूर कर ली और सलमान को सभी आरोपों से मुक्त करते हुए अधीनस्थ अदालत का आदेश रद्द कर दिया। साथ ही राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी।
  • 28-29 सितम्बर 1998 की मध्यरात्रि को घोड़ा फार्म में 2 चिंकारों के शिकार का आरोप लगा, जिसमें सलमान सहित कुल छह आरोपी थे।
  • 10 अप्रेल, 2006 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) ने फैसला सुनाते हुए केवल सलमान खान और सहआरोपी गोरधनसिंह को दोषी माना।
  • कोर्ट ने सलमान खान को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 51-4 के तहत पांच साल की सजा व 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
  • इस आदेश के खिलाफ सेशन न्यायालय (जोधपुर जिला) में अपील की गई, जिसमें कोर्ट ने सहआरोपी गोरधनसिंह को बरी कर दिया, लेकिन सलमान को दोषी माना।
  • इस आदेश के खिलाफ सलमान खान की ओर से वर्ष 2007 में हाईकोर्ट में निगरानी याचिका पेश की गई।
  • वहीं सरकार की ओर से गोरधन सिंह को बरी किए जाने और सलमान खान को कुछ आरोपों से मुक्त किए जाने के खिलाफ दो अलग-अलग अपीलें पेश की गई।
  • हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं पर भी गत 13 मई को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर कोर्ट ने सोमवार को सलमान की निगरानी याचिका स्वीकार करते हुए सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया और अधीनस्थ अदालत का आदेश रद्द कर दिया तथा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अपील नामंजूर कर दी।

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