दुनिया में सबसे ऊंचे चंद्रोदय मंदिर में होगी 511 खम्भों की नींव

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वृंदावन। श्रीकृष्ण की लीलाभूमि पवित्र नगरी वृंदावन में भगवान कृष्ण के दुनिया में सबसे ऊंचे निर्माणाधीन चंद्रोदय मंदिर में 511 खम्भों की नींव होगी, जिनमें से प्रत्येक की गहराई 55 मीटर रखी जाएगी। जबकि प्रत्येक खम्भे का व्यास एक मीटर होगा। यह भव्य एवं गगनचुंबी मंदिर कुतुब मीनार से भी तीन गुना ऊंचा होगा। इसके निर्माण कार्य में अब तक सौ से अधिक खम्भों का काम पूरा हो चुका है।

गौरतलब है कि नवम्बर 2014 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राज्यपाल राम नाईक द्वारा की गई पूजा व शिलान्यास के बाद शुरू किए गए इस मंदिर के निर्माण कार्य के तहत नींव का काम इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जायेगा। इस काम पर करीब 80 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। जबकि मंदिर के निर्माण में कुल 300 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है और 2020 तक इसके बन कर तैयार हो जाने की उम्मीद है।

वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के परियोजना निदेशक सुव्यक्त नरसिम्हा दास ने बताया कि गहन भू-तकनीकी अध्ययन और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर नींव के खम्भों को डिजाइन किया गया। जमीन के नरम होने के चलते खंबों को 55 मीटर नीचे तक ले जाने का फैसला किया गया। इन खम्भों की लंबाई इंडिया गेट (42 मीटर) से अधिक तथा कुतुब मीनार (73 मीटर) से थोड़ी ही कम है।

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उन्होंने बताया कि मंदिर को कम से कम 500 वर्ष तक कोई क्षति नहीं पहुंचे और स्टील मेें जंग नहीं लग पाए, इसक लिए इनमें विशेष तरह की स्टील (ग्लबैनाइज्ड स्टील) और अत्यंत मजबूत कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि प्रत्येक खम्भा 1000 टन का भार सहन कर सके। हालांकि इसके भार सहने की क्षमता 1800 टन तक की होगी।

उल्लेखनीय है कि इस मंदिर को सिर्फ कंक्रीट, शीशे एवं दुर्लभ कीमती पत्थरों से बनाया जाएगा। मंदिर के केंद्र में भगवान श्रीकृष्ण की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 70 मंजिला यह मंदिर प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला का अभूतपूर्व संगम होगा। आध्यात्म के इस अद्‍भुत केंद्र की ऊंचाई 700 फुट होगी, जो 65 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। मंदिर के चारों तरफ कृत्रिम पहाड़ियां एवं वन होंगे। इसमें बृज के 12 वन क्षेत्र शामिल होंगे।
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