नाथूराम गोडसे को पकड़ने वाले रघु नायक को मौत के 3 दशक बाद मिली आर्थिक सहायता

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भुवनेश्वर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर गोली चलाकर उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को पकड़कर एक उदाहरण बनने वाले शख्स के परिवार को उसकी मौत के 33 साल बाद में आर्थिक मदद मिली है। ओडिशा सरकार ने गोडसे को पकड़ने वाले रघु नायक के परिवार के लिए उनकी मौत के 3 दशक बाद 5 पांच रुपए की आर्थिक सहायता दी है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नाथूराम गोडसे को पकड़ने वाले शख्स रघु नायक की विधवा पत्नी मंदोदरी नायक को सचिवालय में 5 लाख रुपए का चैक दिया और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंदोदरी के साथ उनकी बेटी व अन्य परिजन और केंद्रपारा जिले के कलेक्टर भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि रघु नायक केंद्रपारा जिले के रहने वाले थे और बिरला हाउस दिल्ली में माली की नौकरी किया करते थे। 30 जनवरी, 1948 को जब गोडसे ने गांधी जी पर हमला किया, तब रघु नायक ही वे पहले शख्स से थे, जो गोडसे को पकड़ने के लिए दौड़े थे। इसके बाद गोडसे को मृत्यु की सजा सुनाई गई थी।

राज्य सरकार को जब रघु नायक की विधवा पत्नी मंदोदरी के जीवन में आ रही परेशानियों और कठिनाईयों के के बारे में जानकारी मिली, तो उसके बाद ओडिशा सरकार ने उनके परिवार की आर्थिक मदद करने का कदम उठाया। 1983 में पति रघु नायक की मौत के कुछ सालों बाद ही उनके बेटे का भी निधन हो गया। मंदोदरी फिलहाल अपनी बेटी के साथ रहती हैं।
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