मसूद अजहर पर भारत की नाराजगी को लेकर चीन ने कहा, आतंकवादी नहीं है मसूद
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/04/displeasure-of-India-over-Masood-Azhar-China-said-Masood-is-not-a-terrorist-52441.html
संयुक्त राष्ट्र। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना एवं पठानकोट हमले का मास्टर माइंड मौलाना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाने के लिए भारत की ओर से किए गए अनुरोध पर चीन के अडंगे से नाराज भारत को जवाब देते हुए चीन ने कहा कि मसूद अजहर आतंकवादी की श्रेणी में नहीं आता है।
संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई प्रतिनिधि लियु जिएयी ने पत्रकारों से कहा कि काली सूची में डालने के लिए सूचीबद्ध (करने की किसी प्रक्रिया) को शर्तों को पूरा करना होगा। जिएयी ने यह बात तब कही जब उनसे संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में अजहर का मामला 'तकनीकी स्थगन' पर रखने के चीन के फैसले पर पूछा गया।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के मसूद अजहर के फैसले के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दायर की है। इतना ही नहीं चीन के प्रति भी भारत ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद चीन ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना परिषद के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि इन शर्तों पर अमल कया गया है।'
बहरहाल, चीनी राजनयिक ने इस पर तफ्सील से कुछ नहीं कहा। जिएयी की यह टिप्पणी उस दिन आयी जिस दिन 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में शामिल चीन ने अप्रैल माह के लिए परिषद की चक्रीय अध्यक्षता संभाली।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जैश प्रमुख पर प्रतिबंध लगवाने की अपनी कोशिश में चीन की ओर से अडंगा लगाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया की है और कहा है कि प्रतिबंध समिति आतंकवाद से निबटने में 'चुनिंदा रुख' अपना रही है। कल ही, बीजिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने चीन के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि उनका देश तथ्यों और नियमों के आधार पर ऐसे मुद्दों पर 'यथार्थवादी और उचित तरीके से' कदम उठाता है'
ली ने कहा, 'हमने हमेशा (समूहों और उनके नेताओं पर प्रतिबंध लगाने के) सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर प्रस्ताव 1267 के तहत गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति के तहत यथार्थवादी और उचित तरीके से तथ्यों और प्रासंगिक नियमों एवं प्रक्रियाओं के अधार पर काम किया है।' उन्होंने संकेत दिया कि चीन इस मुद्दे पर भारत के साथ संपर्क में था और कहा, 'चीनी पक्ष हमेशा सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर संबंधित पक्षों के साथ संवाद में रहा है।'
संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई प्रतिनिधि लियु जिएयी ने पत्रकारों से कहा कि काली सूची में डालने के लिए सूचीबद्ध (करने की किसी प्रक्रिया) को शर्तों को पूरा करना होगा। जिएयी ने यह बात तब कही जब उनसे संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में अजहर का मामला 'तकनीकी स्थगन' पर रखने के चीन के फैसले पर पूछा गया।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के मसूद अजहर के फैसले के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दायर की है। इतना ही नहीं चीन के प्रति भी भारत ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद चीन ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना परिषद के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि इन शर्तों पर अमल कया गया है।'
बहरहाल, चीनी राजनयिक ने इस पर तफ्सील से कुछ नहीं कहा। जिएयी की यह टिप्पणी उस दिन आयी जिस दिन 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में शामिल चीन ने अप्रैल माह के लिए परिषद की चक्रीय अध्यक्षता संभाली।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जैश प्रमुख पर प्रतिबंध लगवाने की अपनी कोशिश में चीन की ओर से अडंगा लगाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया की है और कहा है कि प्रतिबंध समिति आतंकवाद से निबटने में 'चुनिंदा रुख' अपना रही है। कल ही, बीजिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने चीन के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि उनका देश तथ्यों और नियमों के आधार पर ऐसे मुद्दों पर 'यथार्थवादी और उचित तरीके से' कदम उठाता है'
ली ने कहा, 'हमने हमेशा (समूहों और उनके नेताओं पर प्रतिबंध लगाने के) सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर प्रस्ताव 1267 के तहत गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति के तहत यथार्थवादी और उचित तरीके से तथ्यों और प्रासंगिक नियमों एवं प्रक्रियाओं के अधार पर काम किया है।' उन्होंने संकेत दिया कि चीन इस मुद्दे पर भारत के साथ संपर्क में था और कहा, 'चीनी पक्ष हमेशा सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर संबंधित पक्षों के साथ संवाद में रहा है।'