शहर में चेपा मच्छरों के प्रकोप से वाहन चालकों को हो रही परेशानी
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/vehicle-drivers-getting-trouble-with-chepa-mosquito.html
जयपुर। बीते कुछ दिनों से सर्दी का मौसम रुखसत हो रहा है और गर्मी ने धीरे-धीरे अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही तेज धुप से की मार से पहले मोयले का प्रकोप बढ़ गया है। तापमान में मामूली बढ़ोतरी और सरसों के खिलते ही रसचूसक मोयला फिर उड़ने लगा है। खेतोंं में सरसों की फसल के कारण पैदा होने वाले चेपा मच्छरों ने इन दिनों शहर का रूख कर लिया है। इस मच्छर के कारण दुपहिया वाहन चालकों को वाहन चलाने में परेशानी हो रही है।
चेपा मच्छर कब आखों में घुस जाए पता ही नहीं। मच्छर आंख ही नहीं नाक और कान में भी घुसकर परेशान कर रहे हैं। पीले कपड़ों पर तो चेपा का विशेष आतंक देखा जा सकता है।
पीले कपड़े पहनकर बाहर निकले राहगीर या वाहन चालक को चेपा के प्रकोप से वापस उल्टे पांव घर पहुंचकर कपड़े बदलने पड़ रहे हैं। चेपा मच्छरों का प्रकोप बाहरी इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां मच्छरों ने वाहन चालकों की स्पीड पर ब्रेक लगा दिए हैं।
जारी रहेगा प्रकोप : गौरतलब है कि चेपा मच्छर सरसों की फसल पर फूल आने से पनपता है और आसपास के क्षेत्रों में मंडराता है। हालांकि अभी फसल पकने में समय है। जैसे ही सरसों के फूल झड़ जाएंगे, इसका प्रकोप भी कम हो जाएगा।
चेपा मच्छर कब आखों में घुस जाए पता ही नहीं। मच्छर आंख ही नहीं नाक और कान में भी घुसकर परेशान कर रहे हैं। पीले कपड़ों पर तो चेपा का विशेष आतंक देखा जा सकता है।
पीले कपड़े पहनकर बाहर निकले राहगीर या वाहन चालक को चेपा के प्रकोप से वापस उल्टे पांव घर पहुंचकर कपड़े बदलने पड़ रहे हैं। चेपा मच्छरों का प्रकोप बाहरी इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां मच्छरों ने वाहन चालकों की स्पीड पर ब्रेक लगा दिए हैं।
जारी रहेगा प्रकोप : गौरतलब है कि चेपा मच्छर सरसों की फसल पर फूल आने से पनपता है और आसपास के क्षेत्रों में मंडराता है। हालांकि अभी फसल पकने में समय है। जैसे ही सरसों के फूल झड़ जाएंगे, इसका प्रकोप भी कम हो जाएगा।
ये बरतें सावधानी
- घर से निकले तो पीले कपड़े न पहने।
- दुपहिया वाहन चला रहे तो गति नियंत्रण में रखें।
- मुंह पर स्कार्फ बांधकर रखे तथा आंखों पर चश्मा लगाएं।
- जेब में आई ड्रॉप अवश्य रखें।