पात्र व्यक्तियों को अम्बेडकर फाउंडेशन की योजनाओं का लाभ दिलवाने के निर्देश
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अजमेर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य राजू परमार ने शुक्रवार को जिला स्तरीय अधिकारियों को अनुसूचित जाति अत्याचार उत्पीड़न अधिनियम के अन्तर्गत सहायता प्राप्त करने वाले पात्र व्यक्तियों को अम्बेडकर फाउंडेशन की योजनाओं का लाभ दिलवाने के निर्देश प्रदान किए। वे कलेक्ट्रेट सभागार में अनुसूचित जाति के मुद्दों से जुड़ी जनसुनवाई तथा राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर जिला प्रमुख वन्दना नोगिया एवं जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक भी उपस्थित थी।
परमार ने जिले में भूमि के नक्शों की गलतियों को सुधारने के लिए जांच कमेटी बनाकर उन्हें दुरूस्त करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के सर्वागिण विकास के लिए संचालित की जाने वाली योजनाओं का लाभ अधिकतम व्यक्तियों तक पहुंचना चाहिए साथ ही दलितों को उत्पीडित करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए। लोक अभियोजक को जिम्मेदारी के साथ न्यायालय में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का पक्ष रखना चाहिए। समाज में सकारात्मक सुधार के लिए पुलिस और प्रशासन का पर्याप्त सहयोग मिल रहा है। इसके लिए जागरूकता अभियान की विशेष आवश्यकता है।
उन्होंने जनसुनवाई के दौरान पांच अत्याचार उत्पीड़न तथा दो राजस्व से जुड़े प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने उच्च शिक्षा में छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़ित पक्ष के प्रति सहानुभूति दर्शाते हुए निष्पक्ष जांच के आधार पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
इस अवसर पर जिला रसद अधिकारी सुरेश सिंधी, पुलिस उप अधिक्षक अवनीश सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक विजय लक्ष्मी गोड़, महिला एवं बाल विकास विभाग की कुमुदनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. लक्ष्मण हरचन्दानी तथा नगर निगम उपायुक्त सीमा शर्मा उपस्थित थे।
परमार ने जिले में भूमि के नक्शों की गलतियों को सुधारने के लिए जांच कमेटी बनाकर उन्हें दुरूस्त करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के सर्वागिण विकास के लिए संचालित की जाने वाली योजनाओं का लाभ अधिकतम व्यक्तियों तक पहुंचना चाहिए साथ ही दलितों को उत्पीडित करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए। लोक अभियोजक को जिम्मेदारी के साथ न्यायालय में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का पक्ष रखना चाहिए। समाज में सकारात्मक सुधार के लिए पुलिस और प्रशासन का पर्याप्त सहयोग मिल रहा है। इसके लिए जागरूकता अभियान की विशेष आवश्यकता है।
उन्होंने जनसुनवाई के दौरान पांच अत्याचार उत्पीड़न तथा दो राजस्व से जुड़े प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने उच्च शिक्षा में छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़ित पक्ष के प्रति सहानुभूति दर्शाते हुए निष्पक्ष जांच के आधार पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
इस अवसर पर जिला रसद अधिकारी सुरेश सिंधी, पुलिस उप अधिक्षक अवनीश सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक विजय लक्ष्मी गोड़, महिला एवं बाल विकास विभाग की कुमुदनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. लक्ष्मण हरचन्दानी तथा नगर निगम उपायुक्त सीमा शर्मा उपस्थित थे।