आतंकवाद से निपटने के लिए NSG ने VVIP सुरक्षा में लगे 600 कमांडो को हटाया
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/NSG-removed-600-commandos-from-VVIP-security.html
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय की अधीनस्थ नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) ने देश में चलने वाले आतंकवाद रोधी अभियानों में अपनी वास्तविक भूमिका की ओर लौटने के इरादे से वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात अपने 600 कमांडो को हटा लिया है और वीवीआईपी की सुरक्षा से हटाए जाने के बाद उनका इस्तेमाल पहली बार उनका इस्तेमाल पठानकोट हमले के दौरान किया।
दरअसल, यह योजना पिछले दो साल से अधिक समय से चल रही है। पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमले के दौरान इन ब्लैक कैट कमांडो का पहली बार इस्तेमाल किया गया। बल द्वारा नए ब्लू प्रिंट पर किए जा रहे काम के अनुसार 11वें स्पशेल रेंजर्स ग्रुप (एसआरजी) की कुल तीन टीमों में से दो टीमों को वीवीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटा लिया गया है और उन्हें आतंकवादी रोधी अभियानों का दायित्व सौंपा गया है
एनएसजी की कमांडो टीमें पांच प्राथमिक इकाइयों के तहत गठित की गई हैं। इनमें दो एसएजी शामिल हैं, जिनमें सेना से अधिकारी और जवान लिए गए हैं। इसके अलावा तीन एसआरजी टीमें हैं, जिनमें अर्धसैनिक बलों से कर्मी लिए गए हैं। दो एसएजी (51 और 52) में से प्रत्येक को आतंकवाद रोधी, अपहरण रोधी और बंधक बचाव अभियानों का दायित्व सौंपा गया है।
एसआरजी (11, 12 और 13) को इस तरह के अभियानों के दौरान एसएजी को इस तरह के अभियानों के दौरान एसएजी को साजो सामान की मदद उपलब्ध कराने में इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा लंबे समय तक उच्च जोखिम वाले वीवीआईपी की सुरक्षा में प्राथमिक रूप से तैनात किया गया है। प्रत्येक एसआरजी में तीन टीमें हैं और हर टीम में 300 से अधिक कमांडो हैं। पूरी यूनिट में करीब 1,000 कमांडो शामिल हैं। एनएसजी का गठन 1984 में किया गया था।
दरअसल, यह योजना पिछले दो साल से अधिक समय से चल रही है। पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमले के दौरान इन ब्लैक कैट कमांडो का पहली बार इस्तेमाल किया गया। बल द्वारा नए ब्लू प्रिंट पर किए जा रहे काम के अनुसार 11वें स्पशेल रेंजर्स ग्रुप (एसआरजी) की कुल तीन टीमों में से दो टीमों को वीवीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटा लिया गया है और उन्हें आतंकवादी रोधी अभियानों का दायित्व सौंपा गया है
एनएसजी की कमांडो टीमें पांच प्राथमिक इकाइयों के तहत गठित की गई हैं। इनमें दो एसएजी शामिल हैं, जिनमें सेना से अधिकारी और जवान लिए गए हैं। इसके अलावा तीन एसआरजी टीमें हैं, जिनमें अर्धसैनिक बलों से कर्मी लिए गए हैं। दो एसएजी (51 और 52) में से प्रत्येक को आतंकवाद रोधी, अपहरण रोधी और बंधक बचाव अभियानों का दायित्व सौंपा गया है।
एसआरजी (11, 12 और 13) को इस तरह के अभियानों के दौरान एसएजी को इस तरह के अभियानों के दौरान एसएजी को साजो सामान की मदद उपलब्ध कराने में इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा लंबे समय तक उच्च जोखिम वाले वीवीआईपी की सुरक्षा में प्राथमिक रूप से तैनात किया गया है। प्रत्येक एसआरजी में तीन टीमें हैं और हर टीम में 300 से अधिक कमांडो हैं। पूरी यूनिट में करीब 1,000 कमांडो शामिल हैं। एनएसजी का गठन 1984 में किया गया था।