"सवैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना" की अवधि 31 तक बढ़ाई
अजमेर। अजमेर विद्युत वितरण निगम क्षेत्रा के कृषि उपभोक्ताओं के कृषि क्षेत्रा में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में वृद्धि और राजस्व हानि को र...
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/01/31.html
अजमेर। अजमेर विद्युत वितरण निगम क्षेत्रा के कृषि उपभोक्ताओं के कृषि क्षेत्रा में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में वृद्धि और राजस्व हानि को रोकने के लिए कृषि उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना को 31 जनवरी, 2016 तक बढ़ा दिया गया है।
अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक हेमन्त कुमार गेरा ने बताया कि पूर्व में यह योजना 14 नवम्बर, 2015 तक लागू की गई थी जिसे अब एक जनवरी, 2016 से पुनः लागू कर 31 जनवरी, 2016 तक के लिए बढ़ा दिया गया हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार ऐसे कृषक जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते है अथवा दूसरे कुएं पर जो उस खसरा/खेत/परिसर/मुरब्बा में हो, दूसरी मोटर चलाने के लिए भार बढ़ाते है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना के अन्तर्गत उन कृषि उपभोक्ताओं का जिनके कनेक्शन को एक वर्ष से अधिक समय हो गया है यदि विद्युत भार बढ़ा हुआ पाया जाए तो उनसे कोई पेनल्टी राशि नहीं ली जाकर मात्रा धरोहर राशि जमा करवा कर भार नियमित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिन कृषि उपभोक्ताओं के कनेक्शनों को एक वर्ष की अवधि नहीं हुई है वे भी उक्त योजना का लाभ ले सकते है किन्तु इसके लिए उन्हें धरोहर राशि के अतिरिक्त रूपये 2500/- प्रति हार्स पावर (अतिरिक्त बढ़े भार पर) देने होंगे। लेकिन ऐसे उपभोक्ताओं को जो इसका लाभ नहीं उठाते है तो उक्त योजना की अवधि समाप्ति पर चैकिंग के दौरान उनका भार स्वीकृत भार से अधिक पाए जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं को बढ़े हुए भार पर प्रति एचपी रूपये पांच हजार मात्रा पैनल्टी जमा करानी होगी। उन्होंने बताया कि योजना अवधि में योजना का लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व नई 11 केवी लाईन एवं सब स्टेशन का खर्च निगम द्वारा वहन किया जाएगा। योजनान्तर्गत 31 जनवरी, 2016 के उपरान्त भार सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक हेमन्त कुमार गेरा ने बताया कि पूर्व में यह योजना 14 नवम्बर, 2015 तक लागू की गई थी जिसे अब एक जनवरी, 2016 से पुनः लागू कर 31 जनवरी, 2016 तक के लिए बढ़ा दिया गया हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार ऐसे कृषक जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते है अथवा दूसरे कुएं पर जो उस खसरा/खेत/परिसर/मुरब्बा में हो, दूसरी मोटर चलाने के लिए भार बढ़ाते है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना के अन्तर्गत उन कृषि उपभोक्ताओं का जिनके कनेक्शन को एक वर्ष से अधिक समय हो गया है यदि विद्युत भार बढ़ा हुआ पाया जाए तो उनसे कोई पेनल्टी राशि नहीं ली जाकर मात्रा धरोहर राशि जमा करवा कर भार नियमित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिन कृषि उपभोक्ताओं के कनेक्शनों को एक वर्ष की अवधि नहीं हुई है वे भी उक्त योजना का लाभ ले सकते है किन्तु इसके लिए उन्हें धरोहर राशि के अतिरिक्त रूपये 2500/- प्रति हार्स पावर (अतिरिक्त बढ़े भार पर) देने होंगे। लेकिन ऐसे उपभोक्ताओं को जो इसका लाभ नहीं उठाते है तो उक्त योजना की अवधि समाप्ति पर चैकिंग के दौरान उनका भार स्वीकृत भार से अधिक पाए जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं को बढ़े हुए भार पर प्रति एचपी रूपये पांच हजार मात्रा पैनल्टी जमा करानी होगी। उन्होंने बताया कि योजना अवधि में योजना का लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व नई 11 केवी लाईन एवं सब स्टेशन का खर्च निगम द्वारा वहन किया जाएगा। योजनान्तर्गत 31 जनवरी, 2016 के उपरान्त भार सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।