भाजपा सरकार की नाकामियों को भुनाने की कांग्रेस की तैयारियां फीकी
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/12/preparations-of-bjp-and-congress-for-ceremony.html
जयपुर। प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूर्ण होने के अवसर पर जनपथ पर आयोजित किए जाने वाले समारोह में एक ओर जहां सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से बीते दो साल की उपलब्धियां दर्शाई जाएगी, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भाजपा सरकार की दो साल की नाकामियों को भुनाया जाएगा।
सरकार की दूसरी वर्षगांठ को लेकर भाजपा की ओर से व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है, तो कांग्रेस भी ब्लॉक स्तर पर बैठकें आयोजित कर रणनीति बनाने में जुटी है। लेकिन कांग्रेस की ब्लॉकवार बैठकों में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिती से कांग्रेस की स्थिती कमजोर नजर आ रही है। इसी लिहाज से प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी के संगठन के मुकाबले कांग्रेस संगठन कमजोर दिखाई दे रहा है।
13 दिसम्बर को प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर जनपथ पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं कई केन्द्रीय मंत्रियों की ओर से सरकार की उपलब्धियों का बखान किया जाएगा एवं प्रदेशभर में प्रदर्शनियां आयोजित आयोजित की जाएगी, जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं को दर्शाया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं समारोह में शमिल होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा प्रदेश के लिए कई अहम घोषणाएं भी जाएगी। इनमें मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश की स्वास्थ्य बीमा योजना एवं 26 जनवरी से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना शुरू किए जाने की घोषणा को प्रमुख माना जा रहा है। इनके अतिरिक्त समारोह में आने वाले केन्द्रीय मंत्रियों की ओर से भी कई घोषणाएं की जा सकती है।
दूसरी ओर, विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भाजपा सरकार के दो वर्ष के शासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर भाजपा सरकार की नाकामियों को भुनाने की तैयारियां की जा रही है, जिसमें ब्लॉकवार बैठकें आयोजित कर रणनीति बनाई जा रही है। लेकिन इन बैठकों में कार्यकर्ताओं की उपस्थिती कम नजर आ रही है, जिसे देखते हुए कांग्रेस की स्थिती कमजोर लग रही है। साथ ही बैठकों में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति ने कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी है।
इन दिनों कांग्रेस में ब्लॉकवार बैठकें आयोजित की जा रही है, जिसमें भाजपा सरकार की दो वर्षों की नाकामियों की सूचियां तैयार की जा रही है और कार्यकर्ताओं से 13 दिसम्बर को सरकार विरोधी प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए अपील की जा रही है। लेकिन नगर निगम चुनाव के दौरान टिकट वितरण में हुई धांधली और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और इसी वजह से बैठकों में कार्यकर्ताओं की सं या कम नजर आ रही है।
आलम ये है कि कार्यकर्ता अपने क्षेत्र से विधानसभा प्रत्याशियों को खुलकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। इस बार निगम चुनाव में ब्लॉक और जिलास्तर पर तय की गई सूची को तवज्जो नहीं मिलने के कारण भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। ऐसे में मान-मनोवल कर रहे नेताओं को कार्यकर्ताओं की जमकर नाराजगी झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व पिछले साल भी प्रदेश में भाजपा की सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के विरोध में कांग्रेस की ओर से विरोध-प्रदर्शन किया गया था। लेकिन वह प्रदर्शन मात्र औपचारिकता बनकर रह गया था और सत्ता पक्ष के मुकाबले विपक्ष का आयोजन फीका रहा था।
सरकार की दूसरी वर्षगांठ को लेकर भाजपा की ओर से व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है, तो कांग्रेस भी ब्लॉक स्तर पर बैठकें आयोजित कर रणनीति बनाने में जुटी है। लेकिन कांग्रेस की ब्लॉकवार बैठकों में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिती से कांग्रेस की स्थिती कमजोर नजर आ रही है। इसी लिहाज से प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी के संगठन के मुकाबले कांग्रेस संगठन कमजोर दिखाई दे रहा है।
13 दिसम्बर को प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर जनपथ पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं कई केन्द्रीय मंत्रियों की ओर से सरकार की उपलब्धियों का बखान किया जाएगा एवं प्रदेशभर में प्रदर्शनियां आयोजित आयोजित की जाएगी, जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं को दर्शाया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं समारोह में शमिल होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा प्रदेश के लिए कई अहम घोषणाएं भी जाएगी। इनमें मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश की स्वास्थ्य बीमा योजना एवं 26 जनवरी से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना शुरू किए जाने की घोषणा को प्रमुख माना जा रहा है। इनके अतिरिक्त समारोह में आने वाले केन्द्रीय मंत्रियों की ओर से भी कई घोषणाएं की जा सकती है।
दूसरी ओर, विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भाजपा सरकार के दो वर्ष के शासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर भाजपा सरकार की नाकामियों को भुनाने की तैयारियां की जा रही है, जिसमें ब्लॉकवार बैठकें आयोजित कर रणनीति बनाई जा रही है। लेकिन इन बैठकों में कार्यकर्ताओं की उपस्थिती कम नजर आ रही है, जिसे देखते हुए कांग्रेस की स्थिती कमजोर लग रही है। साथ ही बैठकों में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति ने कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी है।
इन दिनों कांग्रेस में ब्लॉकवार बैठकें आयोजित की जा रही है, जिसमें भाजपा सरकार की दो वर्षों की नाकामियों की सूचियां तैयार की जा रही है और कार्यकर्ताओं से 13 दिसम्बर को सरकार विरोधी प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए अपील की जा रही है। लेकिन नगर निगम चुनाव के दौरान टिकट वितरण में हुई धांधली और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और इसी वजह से बैठकों में कार्यकर्ताओं की सं या कम नजर आ रही है।
आलम ये है कि कार्यकर्ता अपने क्षेत्र से विधानसभा प्रत्याशियों को खुलकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। इस बार निगम चुनाव में ब्लॉक और जिलास्तर पर तय की गई सूची को तवज्जो नहीं मिलने के कारण भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। ऐसे में मान-मनोवल कर रहे नेताओं को कार्यकर्ताओं की जमकर नाराजगी झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व पिछले साल भी प्रदेश में भाजपा की सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के विरोध में कांग्रेस की ओर से विरोध-प्रदर्शन किया गया था। लेकिन वह प्रदर्शन मात्र औपचारिकता बनकर रह गया था और सत्ता पक्ष के मुकाबले विपक्ष का आयोजन फीका रहा था।