भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना : एक करोड़ परिवारों का होगा कैशलेस इलाज
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/12/one-crore-family-to-get-profit-of-bhamashah-swasthya-beema-yojna.html
जयपुर। 13 दिसंबर को प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर जनपथ पर आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश की स्वास्थ्य बीमा योजना को लॉन्च करेंगी। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर स्वास्थ्य भवन में आज चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ योजना के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की।
चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि प्रदेश में आगामी 13 दिसम्बर से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत् आने वाले प्रदेश के लगभग 1 करोड़ परिवारों के लगभग साढ़े चार करोड़ लोगों का कैशलेस ईलाज किया जायेगा। इस योजना का क्रियान्वयन करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी के बीच अनुबन्ध किया जा चुका है।
राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार के इस अभिनव प्रयास से गरीब लोगों को भी उन निजी चिकित्सा संस्थानों में भी इलाज कराने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि आगामी 13 दिसम्बर से लागू होने जा रही इस योजना में प्रतिवर्ष 370 करोड़ रुपये व्यय कर एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्ता वाले निजी चिकित्सा संस्थानों का सहयोग मिलने से सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव कम होगा।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत अंतरंग मरीजों के विभिन्न बीमारियों के कुल 1715 पैकेज निर्धारित किये गये हैं जो देश में सर्वाधिक हैं। इस योजना में अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें 1 हजार 45 सामान्य बीमारियां, 500 गंभीर बीमारियां एवं 170 राजकीय चिकित्सा संस्थानों के लिए बीमारियां शामिल हैं। प्रदेश में सामान्य बीमारियों के लिए 30 हजार रुपये एवं गम्भीर बीमारियों के लिए 3 लाख रुपये तक का बीमा कवर निर्धारित किया गया है, जबकि तमिलनाडु में डेढ़ लाख रुपये एवं महाराष्ट्र में ढाई लाख रुपये तक ही बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।
राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में इस योजना की प्रशासनिक लागत भी अन्य राज्यों की तुलना में कम केवल 3 से 7 प्रतिशत है। योजना के अंतर्गत चिन्ह्ति बीमारियों के लिए आवश्यक भर्ती के अतिरिक्त चिकित्सा प्रक्रिया से पूर्व 7 दिन तथा अस्पताल के डिस्चार्ज के बाद 15 दिन की चिकित्सा भी कवर की जायेगी। हृदय रोग एवं पाॅलीट्रोमा की स्थिति में 100 से 500 रुपये तक का प्रति परिवार प्रतिवर्ष यात्रा भत्ता भी बीमा राशि में शामिल होगा। इस योजना में 10 करोड़ रुपये के अतिरिक्त काॅरपस फंड का भी प्रावधान किया गया है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को इस योजना से लाभान्वित कराने के लिए प्रत्येक 50 मरीजों पर एक स्वास्थ्य मार्गदर्शक का प्रावधान किया गया है। योजना के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हेै एवं जयपुर के कांवटिया अस्पताल में 9 नवम्बर से एवं समस्त मेडिकल काॅलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों तथा जिला अस्पतालों में 30 नवम्बर से साॅफ्टवेयर का ड्राईरन प्रारंभ किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बीमा कम्पनी के माध्यम से निजी चिकित्सालयों के 167 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं एवं 107 निजी चिकित्सालयों को अधिकृत किया जा चुका है।
अतिरिक्त मिशन निदेशक, एनएचएम डाॅ नीरज के. पवन ने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में बताया कि आगामी 13 दिसम्बर से इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस संबंध में चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्साकर्मियों एवं अन्य संबंधित कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि प्रदेश में आगामी 13 दिसम्बर से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत् आने वाले प्रदेश के लगभग 1 करोड़ परिवारों के लगभग साढ़े चार करोड़ लोगों का कैशलेस ईलाज किया जायेगा। इस योजना का क्रियान्वयन करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी के बीच अनुबन्ध किया जा चुका है।
राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार के इस अभिनव प्रयास से गरीब लोगों को भी उन निजी चिकित्सा संस्थानों में भी इलाज कराने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि आगामी 13 दिसम्बर से लागू होने जा रही इस योजना में प्रतिवर्ष 370 करोड़ रुपये व्यय कर एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्ता वाले निजी चिकित्सा संस्थानों का सहयोग मिलने से सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव कम होगा।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत अंतरंग मरीजों के विभिन्न बीमारियों के कुल 1715 पैकेज निर्धारित किये गये हैं जो देश में सर्वाधिक हैं। इस योजना में अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें 1 हजार 45 सामान्य बीमारियां, 500 गंभीर बीमारियां एवं 170 राजकीय चिकित्सा संस्थानों के लिए बीमारियां शामिल हैं। प्रदेश में सामान्य बीमारियों के लिए 30 हजार रुपये एवं गम्भीर बीमारियों के लिए 3 लाख रुपये तक का बीमा कवर निर्धारित किया गया है, जबकि तमिलनाडु में डेढ़ लाख रुपये एवं महाराष्ट्र में ढाई लाख रुपये तक ही बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।
राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में इस योजना की प्रशासनिक लागत भी अन्य राज्यों की तुलना में कम केवल 3 से 7 प्रतिशत है। योजना के अंतर्गत चिन्ह्ति बीमारियों के लिए आवश्यक भर्ती के अतिरिक्त चिकित्सा प्रक्रिया से पूर्व 7 दिन तथा अस्पताल के डिस्चार्ज के बाद 15 दिन की चिकित्सा भी कवर की जायेगी। हृदय रोग एवं पाॅलीट्रोमा की स्थिति में 100 से 500 रुपये तक का प्रति परिवार प्रतिवर्ष यात्रा भत्ता भी बीमा राशि में शामिल होगा। इस योजना में 10 करोड़ रुपये के अतिरिक्त काॅरपस फंड का भी प्रावधान किया गया है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को इस योजना से लाभान्वित कराने के लिए प्रत्येक 50 मरीजों पर एक स्वास्थ्य मार्गदर्शक का प्रावधान किया गया है। योजना के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हेै एवं जयपुर के कांवटिया अस्पताल में 9 नवम्बर से एवं समस्त मेडिकल काॅलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों तथा जिला अस्पतालों में 30 नवम्बर से साॅफ्टवेयर का ड्राईरन प्रारंभ किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बीमा कम्पनी के माध्यम से निजी चिकित्सालयों के 167 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं एवं 107 निजी चिकित्सालयों को अधिकृत किया जा चुका है।
अतिरिक्त मिशन निदेशक, एनएचएम डाॅ नीरज के. पवन ने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में बताया कि आगामी 13 दिसम्बर से इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस संबंध में चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्साकर्मियों एवं अन्य संबंधित कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।