15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया बेटी बचाने का संकल्प
अजमेर। राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम पर आज रविवारीय मेले में हजारों लोगों ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं नशामु...
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अजमेर। राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम पर आज रविवारीय मेले में हजारों लोगों ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं नशामुक्ति का संकल्प लिया। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल एवं राजगढ़ के मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने उन्हें यह संकल्प दिलाया।
मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले में प्रातःकाल चम्पालाल महाराज ने बाबा भैरव, माँ कालिका एवं सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण-स्तम्भ की पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात चम्पालाल महाराज के सानिध्य एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल के मुख्य आतिथ्य में प्रदेशभर से आये हजारों श्रद्वालुओ ने रैली निकालकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संकल्प लिया।
गुरूदेव चम्पालाल महाराज ने श्रध्दालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम एक ऐसा अनोखा धाम हैं जहाँ देशभर के लाखों श्रद्धालुओं ने धाम के नशामुक्ति महाअभियान में स्वेच्छा से नशे का त्याग किया है। उन्होंनेे कहा कि नशा नाश का कारण है। नशा अपराध की जड़ है, नशे से परिवार बिगड़ता है। आज जितने भी अपराध होते हैं सब नशे की लत के कारण नशे में ही होते हैं।
उन्होंने आए हुए श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश दिया और कहा कि आज के इस कलियुग में सभी को माँ चाहिए, बहन चाहिए, पत्नी चाहिए तो बेटी क्यों नहीं चाहिए? उन्हांेेने कहा कि बेटी भाग्य विधाता से अपना भाग्य स्वयं लिखाकर लाती है और बेटी लक्ष्मी का रूप होती है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि समाज में लड़कों के अनुपात में लड़कियों की कमी है। इसके लिए समाज में दहेज प्रथा जैसी कुरीतियां जिम्मेदार है। उन्होंने गुरूदेव चम्पालाल महाराज की प्रेरणा से धाम पर चल रहे कन्या भ्रूण हत्या रोकने के महाअभियान को आज के समाज की प्रमुख आवश्यकता बताते हुए सभी श्रद्धालुओं से कहा कि कन्या भ्रूण हत्या ऐसा महापाप है जिसका किसी भी तरह प्रायश्चित नहीं हो सकता। उन्होंने आए हुए सभी श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने का संकल्प दिलाया।
करीब 2000 श्रद्वालुओं ने लिया नशा मुक्ति का संकल्प
राजगढ़ स्थ्ति मसाणिया भैरव धाम पर रविवारीय मेले में देश-प्रदेश से पहुचें 20 हजार श्रद्धालुओं ने मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की। लगभग 2000 श्रद्धालुओं ने नशा मुक्ति का संकल्प लिया। श्रद्वालुओ ने बीड़ी, सिगरेट, गुटका, ड़ोड़ा पोस्त, अफीम, चरस, गांजा, शराब, चोरी व अपराध को अपने जीवन मे दुबारा नहीं करने का संकल्प लिया।
मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले में प्रातःकाल चम्पालाल महाराज ने बाबा भैरव, माँ कालिका एवं सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण-स्तम्भ की पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात चम्पालाल महाराज के सानिध्य एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल के मुख्य आतिथ्य में प्रदेशभर से आये हजारों श्रद्वालुओ ने रैली निकालकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संकल्प लिया।
गुरूदेव चम्पालाल महाराज ने श्रध्दालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम एक ऐसा अनोखा धाम हैं जहाँ देशभर के लाखों श्रद्धालुओं ने धाम के नशामुक्ति महाअभियान में स्वेच्छा से नशे का त्याग किया है। उन्होंनेे कहा कि नशा नाश का कारण है। नशा अपराध की जड़ है, नशे से परिवार बिगड़ता है। आज जितने भी अपराध होते हैं सब नशे की लत के कारण नशे में ही होते हैं।
उन्होंने आए हुए श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश दिया और कहा कि आज के इस कलियुग में सभी को माँ चाहिए, बहन चाहिए, पत्नी चाहिए तो बेटी क्यों नहीं चाहिए? उन्हांेेने कहा कि बेटी भाग्य विधाता से अपना भाग्य स्वयं लिखाकर लाती है और बेटी लक्ष्मी का रूप होती है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि समाज में लड़कों के अनुपात में लड़कियों की कमी है। इसके लिए समाज में दहेज प्रथा जैसी कुरीतियां जिम्मेदार है। उन्होंने गुरूदेव चम्पालाल महाराज की प्रेरणा से धाम पर चल रहे कन्या भ्रूण हत्या रोकने के महाअभियान को आज के समाज की प्रमुख आवश्यकता बताते हुए सभी श्रद्धालुओं से कहा कि कन्या भ्रूण हत्या ऐसा महापाप है जिसका किसी भी तरह प्रायश्चित नहीं हो सकता। उन्होंने आए हुए सभी श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने का संकल्प दिलाया।
करीब 2000 श्रद्वालुओं ने लिया नशा मुक्ति का संकल्प
राजगढ़ स्थ्ति मसाणिया भैरव धाम पर रविवारीय मेले में देश-प्रदेश से पहुचें 20 हजार श्रद्धालुओं ने मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की। लगभग 2000 श्रद्धालुओं ने नशा मुक्ति का संकल्प लिया। श्रद्वालुओ ने बीड़ी, सिगरेट, गुटका, ड़ोड़ा पोस्त, अफीम, चरस, गांजा, शराब, चोरी व अपराध को अपने जीवन मे दुबारा नहीं करने का संकल्प लिया।