जयपुर। जेडीए, नगर निगम तथा रीको की कार्रवाई के लिए यूडी टैक्स, व्यावसायिक प्रयोग एवं भू-उपयोग परिवर्तन सहित अन्य मामलों में बनाई गई डाटा प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। दरअसल, विभाग की ओर से एक ही मकानधारी को चार अलग-अलग नाम से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसके विरोध में अब लोगों सामने आने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार विभाग ओसवाल डाटा 2005 के अनुसार कार्रवाई और बकाया यूडी टैक्स भुगतान के लिए नोटिस और नोटिस के बाद बकाया जमा नहीं होने पर बिजली के कनक्शन काटे जा रहे हैं, जबकि विभाग की ओर से जो आकड़े जारी किए गए हैं, उनके बाद उस मकान का बेचान कई मर्तबा हो गया है। ऐसे में यह नोटिस उन लोगों को मिल रहे हैं, जिनके नाम मकान नहीं है।
सर्वे पुराना होने के कारण अब लोग पेशापेश में है और बिना जानकारी दिए बिजली कनेक्शन काटे जाने से लोगों में आक्रोश है। कांग्रेस के नेता गिरिराज खण्डेवाल ने इसी विभाग का तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि विभाग की ओर से ऐसा कदम केवल आम लोगों को परेशान करने के लिए उठाया जा रहा है और सर्वे ही पुराने और सही नहीं है।
कई मंजिला निर्माण :
जानकारी के अनुसार विभाग ने यह सर्वे 2005 में कराया था। इसके बाद मकानों में या तो बहुमंजिला निर्माण करवा लिया गया है या फिर ग्रुप हाउंसिंग स्कीमों के तहत प्राईवेट बिल्डर्स ने अलग-अलग व्यक्तियों को बेचान कर दिया है। ऐसे में अब भी बकाया का नोटिस एवं रसीद उन व्यक्तियों के नाम जारी हो रही है, जो अब उस मकान के मालिक ही नहीं है। ऐसे में विभाग की कार्रवाई से लोग गफलत एवं असमंजस की स्थिती में है।