लोकदेवता वीर तेजाजी एवं रामदेवजी के थानकों पर उमड़ी भक्तों के भीड़

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जयपुर। लोकदेवता वीर तेजाजी के पर्व तेजादशमी के अवसर पर आज प्रदेशभर में स्थित तेजाजी के थान एवं मंदिरों सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया और तेजाजी के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है। वहीं, दूसरी ओर लोकदेवता बाबा रामदेव जी की जयंती के मौके पर भी आज राजधानी जयपुर के साथ ही जोधपुर, जैसलमेर, नागौर आदि क्षेत्रों समेत पूरे राजस्थान में तेजाजी के थानों और रामदेवजी के मंदिरों में विशेष सजावट की गई है एवं आकर्षक झाकियां सजाई गई है।

राजधानी जयपुर में आज तेजादशमी के अवसर पर कई मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया, जहां लोग लाइन में लगकर अपने देवता के दर्शनों के लिए अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं। वहीँ मानसरोवर न्यू सांगानेर रोड पर स्थित करीब 400 वर्ष पुराने तेजाजी मंदिर में आज शाम को मेला भरेगा, जिसे देखते हुए प्रशासन की ओर से शाम को यातयात एक तरफा किया जाएगा।

तेजाजी के आज दर्शन करने के साथ नारियल, गुडधानी, अगरबत्ती, पताशे चढ़ाए जाते हैं और उनसे सालभर जहरीले जीव-जन्तुओं से रक्षा का वरदान मांगा जाता है। वहीं तेजाजी से घर में मौजूद पशुधन के संवर्धन के साथ सुख-समद्धि की कामना की जाती है। शहर में मुरलीपुरा, हसनपुरा, सोडाला, मानसरोवर, न्यू सांगानेर रोड, मुहाना, सांगानेर, सांगासेतू रोड, बम्बाला पुलिया, आदर्श नगर, शास्त्री नगर सहित अन्य जगहों पर तेजाजी जयंती पर भक्तों का भारी सैलाब उमड़ रहा है।

इसलिए मानते हैं लोकदेवता :

राजस्थान के नागौर जिले के खरनाल गाँव में नौवी शताब्दी में एक जाट परिवार में जन्में वीर तेजाजी अपनी गायों को गौ चरवाहे गिरोह से वापस लेने जंगल में जा रहे थे, तो उन्होंने सांप को जलते हुए देखकर उसे बचाया। इस पर नागराज ने कहा कि मुझे क्यो बचाया, मेरे जलने से मेरी योनी बदल रही थी। अब तूने मुझे बचाया है तो में तुझे डसूंगा। इस पर तेजाजी ने कहा कि मेरी गायें चोरी हो गई हैं। मैं उन्हें लेकर आता हूँ, उसके पश्चात मुझे काट लेना और वचन देकर वह चोरों के पास गायें लेने चले गए।

चोरो से लड़कर वे उन्हें हटाकर गायों को वापस लेकर नागराज के पास आए। नाग देवता ने उनका लडाई में घायल शरीर देखकर कहा कि अब में तुझे कहां काटू तो पहले से ही बहुत घायल है। इस पर तेजाजी ने अपनी जबान निकालकर कहा कि नाग देवता आप मुझे यहां काट लें। उनकी हिम्मत व नेक नियती को देखकर नाग देवता ने उन्हें जिभ पर काटकर यह आशीर्वाद दिया कि संसार में तेरा नाम अमर रहेगा और जो भी जहरीले जानवर के काटने से पीड़ित व्यक्ति तेरे चबूतरे तक आयेगा, उसका जहर का असर खत्म हो जाएगा और वह ठीक हो जायेगा। इसके बाद से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी चाहे वह किसी भी जाति-सप्रंदाय को हो, वीर तेजाजी के प्रति अगाध आस्था एवं अटूट विश्वास रखता है।

रामदेवरा की अटूट आस्था : 

बाबा रामदेव भी लोकदेवता है और इनका राजस्थान में सबसे ज्यादा मान्यता है। बाबा रामदेव के लिए राजधानी जयपुर सहित अन्य जिलों से यात्राओं का दौर इस माह में शुरू हो चुका है, प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां से बाबा रामदेव के स्थल तक पदयात्रा करते हैं।
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