राशन डीलरों के विरोध ने अटकाई पीओएस योजना

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जयपुर। राज्य सरकार की महत्ती ई-गवर्नेंस योजना के तहत खाद्य सुरक्षा योजना में वितरित होने वाली खाद्यान्न सामग्री, लेवी चीनी का वितरण मशीन के माध्यम से किए जाने के लिए लागू की गई पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) योजना राशन डीलरों के विरोध के कारण अधर में झूल रही है।

खाद्य विभाग इस योजना को लागू करने से पहले राशन डीलरों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बीते तीन महीनों में राशन की दुकानें तक नियमित नहीं खुल रही है। अब राजधानी में नई दुकानों का मामला कोर्ट में उलझने के कारण लोग राशन के लिए परेशान हो रहे हैं।

गौरतलब है कि विभाग ने राशन संचालकों की कालाबाजारी को रोकने के लिए पूरे प्रदेश में पीओएस योजना (प्वाईंट ऑफ सेल) लागू करने की योजना बनाई थी। योजना का प्रथम चरण ही ठीक ढग़ से लागू नहीं हो पाया तो द्वितीय चरण में तो विरोध के कारण विभाग इस इस माह के अंत तक लागू नहीं कर पाया है।

राज्य सरकार की ओर से खाद्य आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना ने कहा था कि राशन डीलरों को क प्यूटर संचालित मशीनों से राशन सामग्री वितरण करनी होगी। लेकिन न राशन डीलर इसके लिए तैयार हुए और ना ही विभाग के मंत्री ने दिलचस्पी दिखाई नतीजन खाद्य आपूर्ति विभाग की एक ओर योजना लागू होने से पहले सवालों के घेरे में अटक गई। अब राशन डीलर योजना को लागू करने में हड़ताल पर जाने का मन बना रहे हैं।

राशन डीलरों का तर्क

वहीं दूसरी ओर, पीओएस योजना को लेकर राशन डीलरों का कहना है कि इस योजना से उनके अस्तित्व पर खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है, क्योंकि उनके पास पहले ही भामशाह कार्ड वाले राशनकार्ड धारकों की सं या कम है। उस पर अब पॉस मशीन से राशन सामग्री वितरण किए जाने पर उनकी सं या में ओर भी कमी सामने आ सकती है, जिससे उनके रोजगार पर संकट उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में मुनाफा कम होने के बावजूद पॉस मशीन के लिए लगने वाले तमाम तामझाम की वजह से खर्चा ज्यादा होने पर राशन की दुकानें संचालित करने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।

खाद्य सामग्री वितरण की प्रक्रिया

राशन की दुकान से गेहूं, केरोसिन व चीनी जैसे नॉन कैश लाभ भामाशाह कार्ड के माध्यम से प्राप्त करने के लिए कार्डधारक को अपनी पहचान के लिए भामाशाह कार्ड प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद 'बायोमैट्रिक' पहचान सत्यापित कर परिवार को देय राशन में से मांगी गई सामग्री का वितरण किया जा सकेगा। उपभोक्ता नियमानुसार भुगतान कर सामग्री ले सकेंगे तथा उन्हें इसकी कम्प्यूटराइज्ड रसीद मिलेगी। यह पॉस मशीनें, खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के 'सेन्ट्रलाईज्ड सर्वर' तथा 'भामाशाह डेटा हब' से इन्टरनेट द्वारा जुड़ी रहेंगी। इससे लाभार्थी द्वारा ली जाने वाली सामग्री तथा राशन डीलर के पास शेष कोटे की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी।

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