अगले पांच साल में 322 करोड़ रुपए का निवेश करेगा भारतीय डाक
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/02/india-post-to-invest-rs-322-crore-in-next-five-year.html
नई दिल्ली। अपने पार्सलों की रख-रखाव क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय डाक अगले पांच साल में 322 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। दरअसल, भारतीय डाक ई-कॉमर्स बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाना चाहता है और इसके लिए उसे अपनी पार्सल रख-रखाव की क्षमता बढ़ानी है। अपनी इसी योजना के तहत अगले पांच साल में किए जाने वाले निवेश के बाद भारतीय डाक को अपनी पार्सल सेवा से 1,608 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है।
डाक विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक ई-कॉमर्स बाजार में वृद्धि की मौजूदा गति को देखते हुए भारतीय डाक निकट भविष्य में प्रतिमाह 40 लाख पार्सल संभाल रहा होगा और इसके मुताबिक, उसकी क्षमता बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'विभाग ने पार्सल रखरखाव क्षमता बढ़ाने के लिए 2016-17 से 2019-20 तक 322 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव किया है।'
तुरंत एवं सुरक्षित प्रोसेसिंग सुनिश्चित करने के लिए भारतीय डाक केंद्रों को आधुनिक उपकरणों, कनवेयर बेल्ट एवं सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि खेप की मात्रा के आधार पर आय सुनिश्चित करने के लिए मापन प्रणाली भी पेश की जाएगी जिससे लदान में अधिक जगह घेरने वाले बड़े पार्सल के लिए उचित शुल्क वसूलने में मदद मिल सके, भले ही उस पार्सल का वजन कम क्यों न हो।
उन्होंने कहा, 'इस प्रस्तावित निवेश से सभी खंडों में ई-कॉमर्स से आय इन पांच सालों में 1,608 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।' विभाग ने पार्सल कारोबार के लिए मुंबई, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में स्वचालित मेल प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, विभाग सभी प्रमुख केंद्रों पर विभागीय मेल मोटर वाहनों में जीपीएस लागू कर रहा है।
डाक विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक ई-कॉमर्स बाजार में वृद्धि की मौजूदा गति को देखते हुए भारतीय डाक निकट भविष्य में प्रतिमाह 40 लाख पार्सल संभाल रहा होगा और इसके मुताबिक, उसकी क्षमता बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'विभाग ने पार्सल रखरखाव क्षमता बढ़ाने के लिए 2016-17 से 2019-20 तक 322 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव किया है।'
तुरंत एवं सुरक्षित प्रोसेसिंग सुनिश्चित करने के लिए भारतीय डाक केंद्रों को आधुनिक उपकरणों, कनवेयर बेल्ट एवं सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि खेप की मात्रा के आधार पर आय सुनिश्चित करने के लिए मापन प्रणाली भी पेश की जाएगी जिससे लदान में अधिक जगह घेरने वाले बड़े पार्सल के लिए उचित शुल्क वसूलने में मदद मिल सके, भले ही उस पार्सल का वजन कम क्यों न हो।
उन्होंने कहा, 'इस प्रस्तावित निवेश से सभी खंडों में ई-कॉमर्स से आय इन पांच सालों में 1,608 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।' विभाग ने पार्सल कारोबार के लिए मुंबई, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में स्वचालित मेल प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, विभाग सभी प्रमुख केंद्रों पर विभागीय मेल मोटर वाहनों में जीपीएस लागू कर रहा है।