बिना टेन्डर ही कर डाले लाखों रुपए के निर्माण कार्य
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/06/works-without-tanders-in-deoli.html
देवली। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए नई-नई योजनाएं अमल में लाइ जा रही है, वहीँ दूसरी ओर कई जगहों पर उन योजनाओं का कोई ना कोई तोड़ ढूंढते हुए किसी ना किसी प्रकार से घपलेबाजियों का दौर बदस्तूर जारी है। कुछ इसी तरह का एक मामला टोंक जिले के देवली कस्बे में सामने आया है, जिसमे नगर पालिका में एक फर्म द्वारा टेण्डर निरस्त होने के बाद भी लाखों रूपये के निर्माण कार्य करवाया जा रहा है और सम्बंधित प्रशाशन की अनदेखी के चलते पालिका में लाखों रूपये का गबन किए जाने का अंदेशा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका में पिछले पन्द्रह वर्षों से एक ही परिवार की बनाई गई तीन फर्मों - साहू कान्ट्रेक्टर, रमेश साहू कन्ट्रकेशन और तुलसी एन्टरप्राईज द्वारा कार्य किया जा रहा है। इन तीनों फर्मों और पालिकाध्यक्ष के खिलाफ पूर्व में भी कई भ्रष्टाचार से जुडी कई शिकायतें मिल चुकी हैं जिसकी एसीबी व विभागिय स्तर पर जांच जारी है।
मामले के अनुसार तत्कालीन कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी जगदीश प्रसाद गुर्जर व पालिकाध्यक्ष कैलाश सोनी के आदेशों से 23 फरवरी 2015 को पत्रांक न.पा.दे./15/684 द्वारा 1 से 11 तक के कार्यों की निविदा सूचना(12 / 2014-15)जारी की गई थी। नगर पालिका मण्डल द्वारा 27 मार्च को विकास कार्यों एवं सामान सप्लाई के लिए यह निविदाएं खोली जानी थी, जिसमें नगर पालिका नें खुले तौर पर आवेदन आमंत्रित किए गए थे। नगर पालिका द्वारा निविदा के अनुसार सड़क सुधार कार्य, शेड निर्माण, छतरी निर्माण, फव्वारा निर्माण, सी.सी. रोड सहित कई निर्माण कार्योे व सामान सप्लाई की 1 करोड़ 10 लाख रूपये के टेण्डर डाले जानें थे।
नगर पालिका कर्मचारियों की मनमानी के चलते कार्यालय पहुँचे ठेकेदारों को निविदा की कॉपी नहीं दी गई। ठेकेदारों को यह कहकर टाल दिया कि आज कोई टेण्डर है ही नहीं। इस पर ठेकेदारों नें नगर पालिका में हंगामा कर दिया था। आक्रोशित ठेकेदारों ने विधायक राजेन्द्र गुर्जर को दूरभाष पर पूरे मामले की जानकारी देते हुए भ्रष्टाचार से जुडा मामला होने का अंदेशा भी जताया था। इस पर मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रिय विधायक ने तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉ. टीना कुमार को मामले की जांच करवाकर टेन्डर निरस्त करने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी व तहसीलदार जगदीश प्रसाद गुर्जर स्वयं नगरपालिका कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्हे संबधित कर्मचारी नदारद मिले। कर्मचारियों की अनुपस्थिति मिलनें पर अधिशाषी अधिकारी नें अग्रीम आदेश तक टेण्डर स्थगित करनें के आदेश जारी कर दिये थे। नगरपालिका में हो रही अनियमितताओं और पालिकाकर्मीयों की मनमानी के विरोध में भाजपा पदाधिकारियों नें 7 अप्रेल को नगर पालिका के तत्कालीन कार्यवाहक अधिषाशी अधिकारी का घेराव कर जमकर खरी-खोटी सुनाई थी, जिसमें उपखण्ड अधिकारी के बीच-बचाव के बाद जाकर मामला शांत हुआ था।
पदाधिकारीयों ने उपखण्ड अधिकारी मनोज कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंप कर विगत चार माह में नगरपालिका में कार्यवाहक अधिषाशी अधिकारी जगदीश प्रसाद गुर्जर द्वारा जिन कार्यों का भुगतान किया गया है, उसका भौतिक सत्यापन करवानें, 27 मार्च को स्थगित किए गए टेण्डर को भौतिक सत्यापन के बाद जारी करनें, दशहरा मैदान के पीछे हुए अतिक्रमण का निस्तारण करनें, बिना टेण्डर के कीर मौहल्ले से हरिजन मोहल्ले तक जिस व्यक्ति या फर्म द्वारा खुदाई की गई है, उसके खिलाफ सरकारी सम्पत्ती को नुकसान पहुंचानें का मामला दर्ज करनें और जिन नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा टेण्डर प्रकिया के दिन कोताही बरती उन पर सख्त कार्यवाही करनें सहित कई मांगे उठाई थी।
इस पर उपखण्ड अधिकारी मनोज कुमार नें तुरन्त कार्यवाही करते हुए कार्यवाहक अधिषाशी अधिकारी गुर्जर को पांच सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे। कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी गुर्जर नें 8 अप्रेल को नगर पालिका के कार्यालय आदेश क्रमांक न.पा.दे. /15/1277 जारी कर एक जाँच कमेटी गठित की जिसमें बिसलपुर परियोजना के सहायक अभियंता मनीष बंसल, नगरपालिका के कनिष्ठ अभियंता रमेश कुमार व अर्पित गोलिया, वरिष्ठ लिपिक गोविन्द ग्वाला और सम्बंधित वार्ड पार्षद को शामिल किया गया था।
विधायक राजेन्द्र गुर्जर और प्रशाशनिक अधिकारीयों के आदेशों की अवहेलना करते हुए बिना किसी टेण्डर प्रकिया के हुए ओर बिना कार्यादेश के ही नगर पालिका के चहेते ठेकेदार द्वारा आधा दर्जन कार्य लगभग पूर्ण कर दिए हैं। शिकायतों के बाद भी किसी भी तरह की विभागीय जांच नहीं होने से ठेकेदार के हौसलें बुलन्द हैं और कुछ स्थानों पर निर्माण का कार्य अभी भी जारी हैै। पूर्व में भी ठेकेदार नें बिना टेण्डर ही लगभग 70 लाख रूपये के मिट्टी भराई के कार्य कर चुका है।
संवाददाता द्वारा नगर पालिका कार्यालय सेे इन सभी कार्यो के संबध में जानकारी मांगे जाने पर कर्मचारी टाल-मटोल कर एक-दूसरे पर कार्यो की जानकारी होने का हवाला देकर बचते नजर आए। पालिका कर्मचारी और ठेकेदार सभी नियमों की धज्जीयां उडाकर प्रशाशन से बैखोफ पालिका क्षेत्र में लगातार घटीया निर्माण कार्यों को अंतिम रूप देने में लगे हुए है। बहरहाल, ऐसे में अगर प्रशाशन द्वारा सम्बंधित मामलों की जांच की जाए तो ओर कई मामले उजागर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका में पिछले पन्द्रह वर्षों से एक ही परिवार की बनाई गई तीन फर्मों - साहू कान्ट्रेक्टर, रमेश साहू कन्ट्रकेशन और तुलसी एन्टरप्राईज द्वारा कार्य किया जा रहा है। इन तीनों फर्मों और पालिकाध्यक्ष के खिलाफ पूर्व में भी कई भ्रष्टाचार से जुडी कई शिकायतें मिल चुकी हैं जिसकी एसीबी व विभागिय स्तर पर जांच जारी है।
मामले के अनुसार तत्कालीन कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी जगदीश प्रसाद गुर्जर व पालिकाध्यक्ष कैलाश सोनी के आदेशों से 23 फरवरी 2015 को पत्रांक न.पा.दे./15/684 द्वारा 1 से 11 तक के कार्यों की निविदा सूचना(12 / 2014-15)जारी की गई थी। नगर पालिका मण्डल द्वारा 27 मार्च को विकास कार्यों एवं सामान सप्लाई के लिए यह निविदाएं खोली जानी थी, जिसमें नगर पालिका नें खुले तौर पर आवेदन आमंत्रित किए गए थे। नगर पालिका द्वारा निविदा के अनुसार सड़क सुधार कार्य, शेड निर्माण, छतरी निर्माण, फव्वारा निर्माण, सी.सी. रोड सहित कई निर्माण कार्योे व सामान सप्लाई की 1 करोड़ 10 लाख रूपये के टेण्डर डाले जानें थे।
नगर पालिका कर्मचारियों की मनमानी के चलते कार्यालय पहुँचे ठेकेदारों को निविदा की कॉपी नहीं दी गई। ठेकेदारों को यह कहकर टाल दिया कि आज कोई टेण्डर है ही नहीं। इस पर ठेकेदारों नें नगर पालिका में हंगामा कर दिया था। आक्रोशित ठेकेदारों ने विधायक राजेन्द्र गुर्जर को दूरभाष पर पूरे मामले की जानकारी देते हुए भ्रष्टाचार से जुडा मामला होने का अंदेशा भी जताया था। इस पर मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रिय विधायक ने तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉ. टीना कुमार को मामले की जांच करवाकर टेन्डर निरस्त करने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी व तहसीलदार जगदीश प्रसाद गुर्जर स्वयं नगरपालिका कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्हे संबधित कर्मचारी नदारद मिले। कर्मचारियों की अनुपस्थिति मिलनें पर अधिशाषी अधिकारी नें अग्रीम आदेश तक टेण्डर स्थगित करनें के आदेश जारी कर दिये थे। नगरपालिका में हो रही अनियमितताओं और पालिकाकर्मीयों की मनमानी के विरोध में भाजपा पदाधिकारियों नें 7 अप्रेल को नगर पालिका के तत्कालीन कार्यवाहक अधिषाशी अधिकारी का घेराव कर जमकर खरी-खोटी सुनाई थी, जिसमें उपखण्ड अधिकारी के बीच-बचाव के बाद जाकर मामला शांत हुआ था।
पदाधिकारीयों ने उपखण्ड अधिकारी मनोज कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंप कर विगत चार माह में नगरपालिका में कार्यवाहक अधिषाशी अधिकारी जगदीश प्रसाद गुर्जर द्वारा जिन कार्यों का भुगतान किया गया है, उसका भौतिक सत्यापन करवानें, 27 मार्च को स्थगित किए गए टेण्डर को भौतिक सत्यापन के बाद जारी करनें, दशहरा मैदान के पीछे हुए अतिक्रमण का निस्तारण करनें, बिना टेण्डर के कीर मौहल्ले से हरिजन मोहल्ले तक जिस व्यक्ति या फर्म द्वारा खुदाई की गई है, उसके खिलाफ सरकारी सम्पत्ती को नुकसान पहुंचानें का मामला दर्ज करनें और जिन नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा टेण्डर प्रकिया के दिन कोताही बरती उन पर सख्त कार्यवाही करनें सहित कई मांगे उठाई थी।
इस पर उपखण्ड अधिकारी मनोज कुमार नें तुरन्त कार्यवाही करते हुए कार्यवाहक अधिषाशी अधिकारी गुर्जर को पांच सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे। कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी गुर्जर नें 8 अप्रेल को नगर पालिका के कार्यालय आदेश क्रमांक न.पा.दे. /15/1277 जारी कर एक जाँच कमेटी गठित की जिसमें बिसलपुर परियोजना के सहायक अभियंता मनीष बंसल, नगरपालिका के कनिष्ठ अभियंता रमेश कुमार व अर्पित गोलिया, वरिष्ठ लिपिक गोविन्द ग्वाला और सम्बंधित वार्ड पार्षद को शामिल किया गया था।
विधायक राजेन्द्र गुर्जर और प्रशाशनिक अधिकारीयों के आदेशों की अवहेलना करते हुए बिना किसी टेण्डर प्रकिया के हुए ओर बिना कार्यादेश के ही नगर पालिका के चहेते ठेकेदार द्वारा आधा दर्जन कार्य लगभग पूर्ण कर दिए हैं। शिकायतों के बाद भी किसी भी तरह की विभागीय जांच नहीं होने से ठेकेदार के हौसलें बुलन्द हैं और कुछ स्थानों पर निर्माण का कार्य अभी भी जारी हैै। पूर्व में भी ठेकेदार नें बिना टेण्डर ही लगभग 70 लाख रूपये के मिट्टी भराई के कार्य कर चुका है।
संवाददाता द्वारा नगर पालिका कार्यालय सेे इन सभी कार्यो के संबध में जानकारी मांगे जाने पर कर्मचारी टाल-मटोल कर एक-दूसरे पर कार्यो की जानकारी होने का हवाला देकर बचते नजर आए। पालिका कर्मचारी और ठेकेदार सभी नियमों की धज्जीयां उडाकर प्रशाशन से बैखोफ पालिका क्षेत्र में लगातार घटीया निर्माण कार्यों को अंतिम रूप देने में लगे हुए है। बहरहाल, ऐसे में अगर प्रशाशन द्वारा सम्बंधित मामलों की जांच की जाए तो ओर कई मामले उजागर होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।