राजस्थान सरकार के द्वारा 5% आरक्षण दिए जाने की सहमति के बाद गुर्जर आंदोलन ख़त्म
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/05/Gujjar-agitation-called-off-rajasthan-govt-agree.html
जयपुर। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में पिछले आठ दिनों से चल रहा गुर्जर आंदोलन गुरूवार देर शाम आखिकार उस वक्त जाकर ख़त्म हुआ जब गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों एवं राजस्थान सरकार के बीच हुई वार्ता में राजस्थान सरकार के द्वारा गुर्जर समुदाय की सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी रिजर्वेशन दिए जाने की मांग को मान लिया और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी सिंह बैंसला को सरकार की ओर से अनारक्षित 50 फीसदी कोटे में से अलग से गुर्जरों को आरक्षण का प्रावधान करने के प्रस्ताव से जुड़ी चिट्ठी सौंप दी गई।
बताया जा रहा है कि चिट्ठी मिलने के साथ ही सरकार से बातचीत करने गुरुवार को जयपुर पहुंचे बैंसला ने अपने समुदाय के लोगों से कहा है कि वे ट्रैक और हाईवे से हट जाएं। वहीँ बैंसला का कहना है कि आंदोलन ख़त्म किए जाने की घोषणा वे खुद ट्रेक पर बैठे अपने समुदाय के लोगों के बीच पहुंचकर करेंगे।
गौरतलब है कि गुर्जर समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर द्वारा पिछली बार जब आंदोलन हुआ था, तब भी सरकार ने गुर्जरों को इस तरह का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उस समय किरोड़ी बैंसला राजी नहीं हुए थे। लेकिन इस बार राजस्थान सरकार के द्वारा मांगें मान लिए जाने पर किरोड़ी बैंसला के मान जाने से गुर्जर आंदोलन को खत्म किया गया है।
राजस्थान में फिलहाल 50 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक भी दिया जा सकता है। गुर्जरों को मनाने के लिए राज्य सरकार ने यही फार्मूला गुर्जरों को दिया है। राज्य सरकार ने गुर्जर समुदाय से कहा है कि उन्हें आरक्षण देने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाएगा।
बहरहाल ऐसे में आसार नजर आ रहे हैं कि अब राजस्थान सरकार विधानसभा में प्रस्ताव ला सकती है और 50 फीसदी अनारक्षित कोटे में से गुर्जरों को अलग से आरक्षण को केंद्र को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजे।
बताया जा रहा है कि चिट्ठी मिलने के साथ ही सरकार से बातचीत करने गुरुवार को जयपुर पहुंचे बैंसला ने अपने समुदाय के लोगों से कहा है कि वे ट्रैक और हाईवे से हट जाएं। वहीँ बैंसला का कहना है कि आंदोलन ख़त्म किए जाने की घोषणा वे खुद ट्रेक पर बैठे अपने समुदाय के लोगों के बीच पहुंचकर करेंगे।
गौरतलब है कि गुर्जर समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर द्वारा पिछली बार जब आंदोलन हुआ था, तब भी सरकार ने गुर्जरों को इस तरह का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उस समय किरोड़ी बैंसला राजी नहीं हुए थे। लेकिन इस बार राजस्थान सरकार के द्वारा मांगें मान लिए जाने पर किरोड़ी बैंसला के मान जाने से गुर्जर आंदोलन को खत्म किया गया है।
राजस्थान में फिलहाल 50 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक भी दिया जा सकता है। गुर्जरों को मनाने के लिए राज्य सरकार ने यही फार्मूला गुर्जरों को दिया है। राज्य सरकार ने गुर्जर समुदाय से कहा है कि उन्हें आरक्षण देने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाएगा।
बहरहाल ऐसे में आसार नजर आ रहे हैं कि अब राजस्थान सरकार विधानसभा में प्रस्ताव ला सकती है और 50 फीसदी अनारक्षित कोटे में से गुर्जरों को अलग से आरक्षण को केंद्र को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजे।
समझौते के मुख्य बिंदु :
- राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) में 5 प्रतिशत आरक्षण सम्बन्धी नया विधेयक विधानसभा में लाने सम्बन्धी सुझाव दिए गए। इस पर दोनों पक्ष सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं।
- विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण सम्बन्धी पृथक नए विधेयक का प्रारूप राज्य मंत्रिमंडल से अनुमोदन करवाकर विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाकर पारित कराया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा उक्त पारित विधेयक को मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित कर वैधानिक रूप से केंद्र सरकार को भेजकर 9वीं अनुसूची में डलवाने के लिए कटिबद्ध है।
- इससे सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर मोडेलिटीज तय करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। समय-समय पर संघर्ष समिति द्वारा सुझाव एवं सहयोग करने की सहमति व्यक्त की गई।
- नए विधेयक के प्रारूप की मोडेलिटीज तय करने के लिए समिति विचार करेगी , जिसमे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आरक्षण विधेयक 2008 को विभक्त कर नया विधेयक लाने संबधी मुद्दे पर सभी कानूनी विश्लेषण किया जाना और अन्य बिंदु जो मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा इस समिति को संदर्भित किया जाना शामिल है।
- समझौते की समीक्षा समय-समय पर मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लगातार की जाती रहेगी, जिसमे नियमित रूप से राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों को बुलाया जाएगा।