बिना हेलमेट होने पर अब नहीं मिल सकेगा बीमा क्लेम
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/04/insurance-claim-will-no-longer-without-helmet.html
जयपुर (गोविन्द तिवाड़ी)। राजस्थान में अब बिना हेलमेट वाहन चलाते समय दुर्घटना होने पर बीमा क्लेम लेने में दिक्कतें आ सकती हैं। अब पुलिस प्राथमिकी रिपोर्ट (एफआईआर) में ही साफ लिखेगी कि दुर्घटना में मृतक या घायल ने हेलमेट पहना था या नहीं। शीघ्र ही राजस्थान पुलिस इस बारे में निर्देश जारी करेगी।
प्रदेश में बिना हेलमेट दुपहिया वाहन सवारों की मौत और घायलों की बढ़ती संख्या पर अंकुश के लिये ये पहल की जा रही है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने बताया कि दुपहिया सवार के हेलमेट के बारे में प्राथमिकी रिपोर्ट में उल्लेख होगा। इस बारे में शीघ्र ही आदेश जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में यातायात नियम पालन नहीं करने पर बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम के भुगतान में मुश्किल आती है। सेंट्रल फोर रोड सेफ्टी की कॉर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि एक मई से प्रदेशभर के सात संभाग क्षेत्रों में दुपहिया सवार दोनों लोगों को और नगर पालिका स्तर पर चालक को हेलमेट पहनाना अनिवार्य होगा।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी हेलमेट अनिवार्य करवाने के प्रयास किए जा रहे है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2014 में 10,289 की मौत, 27,453 घायल हुए इनमें से करीब 65 प्रतिशत दुपहिया सवार थे और इनमें भी अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था।
प्रदेश में बिना हेलमेट दुपहिया वाहन सवारों की मौत और घायलों की बढ़ती संख्या पर अंकुश के लिये ये पहल की जा रही है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने बताया कि दुपहिया सवार के हेलमेट के बारे में प्राथमिकी रिपोर्ट में उल्लेख होगा। इस बारे में शीघ्र ही आदेश जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में यातायात नियम पालन नहीं करने पर बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम के भुगतान में मुश्किल आती है। सेंट्रल फोर रोड सेफ्टी की कॉर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि एक मई से प्रदेशभर के सात संभाग क्षेत्रों में दुपहिया सवार दोनों लोगों को और नगर पालिका स्तर पर चालक को हेलमेट पहनाना अनिवार्य होगा।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी हेलमेट अनिवार्य करवाने के प्रयास किए जा रहे है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2014 में 10,289 की मौत, 27,453 घायल हुए इनमें से करीब 65 प्रतिशत दुपहिया सवार थे और इनमें भी अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था।