बसपा विधायक बी. एल. कुशवाहा ने किया समर्पण
जयपुर। पिछले काफी समय से फरार चल रहे धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के विधायक बी. एल. कुशवाहा ने आखिरकार सोमवार को पुलिस म...
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जयपुर। पिछले काफी समय से फरार चल रहे धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के विधायक बी. एल. कुशवाहा ने आखिरकार सोमवार को पुलिस मुख्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष समर्पण कर दिया। राजस्थान पुलिस उनके क्षेत्र में हुई कथित हत्या के सिलसिले में उन्हें तलाश कर रही थी।
पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस मुख्यालय में विधायक कुशवाहा ने समर्पण कर दिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और यदि जरूरत हुई तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय जाने से पूर्व अपने निवास के बाहर समर्थकों को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि भाजपा सरकार उनके विधानसभा क्षेत्र में 2012 में कथित नरेश हत्याकांड में जानबूझ कर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है, जबकि उनका नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं है।
उन्होंने कहा कि धौलपुर के दीमारी पुलिस थाने में 27 दिसंबर 2012 झील का पुरा निवासी नरेश हत्याकांड के सिलसिले में वह फरार नहीं हुए है और न ही प्राथमिकी में उनका नाम शामिल है। गत दो वर्षों के दौरान उन्होंने भरतपुर पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष उपस्थित होकर जांच का जवाब दिया है।
हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने समर्पण कर दिया। कुशवाहा ने कहा कि यह धौलपुर क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के बढते वर्चस्व को कम करने के लिए भाजपा का षडयंत्र है।
इससे पूर्व इस वर्ष सात फरवरी को बसपा विधायक कुशवाहा को मध्यप्रदेश में हुए चिटफंड घोटले के सिलसिले में राजस्थान पुलिस ने राजस्थान विधानसभा के द्वार पर उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वह विधायक की शपथ लेने वहां पहुंचे थे। बाद में उन्हें छोड दिया गया था और अगले दिन उन्होंने सभापति के समक्ष शपथ ली थी।
पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस मुख्यालय में विधायक कुशवाहा ने समर्पण कर दिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और यदि जरूरत हुई तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय जाने से पूर्व अपने निवास के बाहर समर्थकों को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि भाजपा सरकार उनके विधानसभा क्षेत्र में 2012 में कथित नरेश हत्याकांड में जानबूझ कर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है, जबकि उनका नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं है।
उन्होंने कहा कि धौलपुर के दीमारी पुलिस थाने में 27 दिसंबर 2012 झील का पुरा निवासी नरेश हत्याकांड के सिलसिले में वह फरार नहीं हुए है और न ही प्राथमिकी में उनका नाम शामिल है। गत दो वर्षों के दौरान उन्होंने भरतपुर पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष उपस्थित होकर जांच का जवाब दिया है।
हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने समर्पण कर दिया। कुशवाहा ने कहा कि यह धौलपुर क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के बढते वर्चस्व को कम करने के लिए भाजपा का षडयंत्र है।
इससे पूर्व इस वर्ष सात फरवरी को बसपा विधायक कुशवाहा को मध्यप्रदेश में हुए चिटफंड घोटले के सिलसिले में राजस्थान पुलिस ने राजस्थान विधानसभा के द्वार पर उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वह विधायक की शपथ लेने वहां पहुंचे थे। बाद में उन्हें छोड दिया गया था और अगले दिन उन्होंने सभापति के समक्ष शपथ ली थी।