ऐसे लापरवाह अधिकारियों के सहारे अजमेर बन सकेगा स्मार्ट सिटी?

अजमेर (विजय हंसराजानी)। ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से विश्वविख्यात शहर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए एक ओर जहां राज्य सरकार ने कवायद श...

अजमेर (विजय हंसराजानी)। ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से विश्वविख्यात शहर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए एक ओर जहां राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है, वहीं दूसरी ओर उसके कुछ नुमाइंदों की कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है शायद वे इस कवायद से खुद को दूर ही रखना चाह रहे हैं। क्योंकि शहर को स्मार्ट सिटी बनने की राह में आने वाली कुछ समस्याओं रूपी रोड़े का हटाने में भी वे अपने नाक-मुंह सिकौड़ते नजर आ रहे हैं।

ऐसा ही एक वाकिया बुधवार को उस वक्त पेश आया, जब Rajasthan News1 के द्वारा निगम में तैनात एक अधिकारी को फोन कर पिछले करीब चार-पांच दिन पहले दर्ज करवाई गई शिकायत के बारे में अवगत करवाया गया। फोन करने पर निगम में सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर तैनात महाशय ने निगम के पास खराब और सीमित संसाधन का रोना रोकर अपना पल्ला झाड़ लिया और किसी ओर के ऊपर ठीकरा फोड़ डाला।

दरअसल, अजमेर के रामनगर इलाके में स्थित विनायक पथ कॉलोनी में एक आवारा कुत्ते के द्वारा पिछले कई दिनों से कई कॉलोनीवासियों को काट लिए जाने पर कॉलोनी के ही एक प्रबुद्ध नागरिक ने निगम में फोन कर इसकी सूचना दी और कुत्ते का अन्यत्र छोड़ने का निवेदन किया था, जिस पर सेनेटरी इंस्पेक्टर ने निगम की आवारा जानवरों को पकड़ने वाली गाड़ी खराब होना बताया और कहा कि, ‘आप खरेकड़ी (एक संस्था) वालों को  बता दीजिए, वह उसे पकड़कर दूसरी जगह छोड़ देंगे।’ इसके बाद खरेकड़ी में फोन किया गया तो, वहां से भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला।

चार-पांच दिनों तक इसी तरह से फोन कर-करके परेशान कॉलोनीवासी ने इसकी जानकारी Rajasthan News1 को दी, जिस पर हमने सेनेटरी इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने फिर वही गाड़ी खराब होने का रोना रो दिया और कहा कि मैं अभी खरेकड़ी वालों को बोलकर कोई व्यवस्था करवाता हूं। इसके बाद खरेकड़ी वालों के द्वारा उस कुत्ते को पकड़ लिया गया।

बहरहाल, ऐसे में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की विश्वविख्यात दरगाह पर आने वाले देसी-विदेशी जायरीन पर्यटकों की तादाद और शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की राज्य सरकार की मंशा कितनी कारगर साबित हो सकेगी। इसका अंदाजा आप खुद बखूबी लगा सकते हैं। साथ ही सरकारी नुमाइंदों के द्वारा राज्य सरकार की कवायद में अपनी भागीदारी कितनी ईमानदारी से निभाई जा रही है, यह भी आप इस वाकिये के जरिए अच्छी तरह से समझ सकते हैं।


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