जहां गधे करते हैं कैटवॉक और रैंप पर गूंजती है ढेंचू-ढेंचू

जयपुर। रैंप पर आपने अक्सर किसी मॉडल को कैटवॉक करते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भी सुना और देखा है कि कही किसी रैंप पर गधे और ...

जयपुर। रैंप पर आपने अक्सर किसी मॉडल को कैटवॉक करते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भी सुना और देखा है कि कही किसी रैंप पर गधे और घोड़े भी कैटवॉक करते हैं? शायद आपका जवाब होगा नहीं।

लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक जगह ऐसी भी है, जहां गधे रैंप पर ना सिर्फ कैटवॉक करते हैं, बल्कि किसी मॉडल की तरह से ही सज-धजकर रैंप पर उतरे हैं और उनका फैशन शो भी होता है, जहां फैंसी परिधानों में सजे-धजे घोड़ों-गधों में से सर्वश्रेष्ठ चुना जाता है और उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है।

जी हां, ये जगह है राजस्थान की राजधानी जयपुर के समीप बसा एक गांव, जिसका नाम है भावगढ़ बंध्या। जयपुर से गोनेर की ओर जाने वाले रास्ते के बीच आने वाले इस गांव में पिछले करीब 400 सालों से गदर्भ (गधे) मेले का आयोजन किया जाता है।

यहां स्थित खलखाणी माता के मंदिर पर समिति के द्वारा इस मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के कई राज्यों से गधों-घोड़ों के मालिक अपने गधों और घोड़ों को लेकर आते हैं। मेले में श्रेष्ठ नस्ल के पशु लाने वाले, सर्वाधिक पशु लाने वाले और विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी रहने वाले पशुओं के मालिकों को सम्मानित किया जाता है।

अखिल भारतीय गदर्भ मेला विकास समिति के अध्यक्ष भगवत सिंह राजावत और प्रवक्ता अमित बैजनाथ गर्ग ने बताया कि इस साल 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले इस मेले में पर्यटन विभाग की ओर से कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इसमें गधों और घोड़ों की सौन्दर्य प्रतियोगिता (फैशन शो), रंग-बिरंगे परिधानों से सजे-धजे गधे-घोड़ों की रैंप पर कैटवॉक, दौड़ प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता के अलावा कई रंगारंग कार्यक्रम शामिल हैं। इस बार आयोजित होने वाले इस मेले में करीब 500 गधों और 2 हजार घोड़ों के आने की संभावना है।


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