मनरेगा की वार्शिक कार्य योजना एवं श्रम बजट की कार्यषाला सम्पन्न
बून्दी । महात्मा गांधी राश्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्र्तगत वर्श 2015-16 की वार्शिक कार्ययोजना एवं श्रम बजट तथा योजना की क्रिय...
इस अवसर पर जिला प्रमुख राकेष बोयत ने कहा कि मनरेगा योजनान्तर्गत स्थाई परिसम्पत्तियों का निर्माण करवाया जावे साथ ही जिले में उपयोगी कार्यो का निर्माण करवाकर विकास से जोड़ा जावे। विभागों द्वारा करवाये जाने वाले कार्यो के लिए मनरेगा योजना से कन्वर्जन किया जावे। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण विकास के लिए सर्वाधिक राषि का आवटंन किया जाता है, जिसका उपयोग बुनियादी कार्यो पर सर्वाधिक किया जावे। उन्होंने योजना व मनरेगा योजना की क्रियान्विति में बून्दी जिले का प्रथम स्थान लाने के लिए सभी विभागो द्वारा सहयोग के रूप में कार्य करने का आह्वान किया।
जिला कलक्टर आनंदी ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देषानुसार सभी मनरेगा लाइन विभाग विभागीय कार्य मनरेगा योजना से कन्वर्जन कर प्रारम्भ करवाये। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यकारी विभागों द्वारा करवाये जाने वाले कार्य ग्रामीण क्षेत्र की मूलभूत आवष्यकताओं के आधार पर समय पर नहीं हो पाते जिससे ग्रामीण क्षेत्र का समग्र विकास नहीं हो पाता। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों को निर्देष दिए की ग्रामीण क्षेत्र की मूलभूत जरूरतों का ध्यान में रखते हुए आमजन व जनप्रतिनिधियों से आवष्यक रूप से सम्पर्क कर प्राथमिकता से कार्यो को लिया जावे।
सभी विभागों द्वारा 15 प्रतिषत कार्य अनिवार्य रूप से मनरेगा से कन्वर्जन कर तैयार किया जावे। समय पर श्रमिको को रोजगार उपलब्ध करवाये जाने के लिए पूर्व में ही कार्यो की स्वीकृतियां तैयार रखी जावे। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग द्वारा जनउपयोगी कार्य करवाये जाने में आने वाली समस्या के निराकरण के लिए जिला स्तरीय उच्च अधिकारियों से ईमेल व फोन से सीधे सम्पर्क करे ताकि आमजन के लाभ के कार्य त्वरित गति से करवाये जा सके। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2015 तक मनरेगा के 40 प्रतिषत सामग्रीमद का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जावे।
कार्यषाला में जिला परिशद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सेवाराम स्वामी ने योजना पर प्रकाष डालते हुए बताया कि वर्तमान में श्री योजना भरतपुर सम्भाग में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जा रही है जो राज्य स्तर पर 2 अक्टूबर से लागू की जानी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत मूलभूत आवष्यकताओं को प्राथमिकता से चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित किया जावेगा। इस योजना के तहत ग्रामीण स्वच्छता, षौचालय निर्माण, तरल एवं ठोस कचरा प्रबन्धन, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, गांव की आन्तरिक सड़के मय नाली निर्माण एवं अप्रोच रोड़, षिक्षा, चिकित्सा की सुविधाऐं, ग्रामीण क्षेत्र में रोषनी की व्यवस्था सहित अन्य आर्थिक एवं आधारभूत सुविधाऐं उपलब्ध करवायी जानी है।
मनरेगा कार्यकारी विभाग जनोपयोगी सामग्री प्रदान कार्यो का चिन्हिकरण कर मनरेगा से कन्वर्जन करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला स्तर पर षीघ्र भेजे ताकि स्थाई परिसम्पत्तियों का निर्माण करवाया जा सके। उन्होंने मनरेगा योजना के प्रति आमजन में बनी नकारात्मक सोच को सकारात्मक करने के लिए सभी उपस्थित विभागों के अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी नें श्रमबजट वर्श 2015-16 तैयार किये जाने के सम्बन्ध में समस्त विकास अधिकारियों को निर्देष दिए कि विगत वर्शो के श्रम नियोजन को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया जावे साथ ही कार्यकारी विभागों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा की।
मनरेगा के अधिषाशी अभियंता भास्कर दत्त त्रिपाठी ने पावर पाॅइंट प्रजेंटेषन के माध्यम से योजना के विभिन्न चरणों पर प्रकाष डाला। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देषों की निरन्तरता में आगामी 15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस को सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जावेगा। इस अवसर पर जन प्रतिनिधियों व आमजन से मूल आधारभूत कार्यो के बारे में विचार विमर्ष कर अति आवष्यक कार्यो को प्राथमिकता से लिया जावे। इस अवसर पर सभी कार्यकारी विभागों के सक्षम कामिकों का उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि इन्द्रा आवास योजना के तहत निर्मित करवाये जाने वाले आवासों को मनरेगा योजनान्तर्गत कन्वर्जन कर निर्मित करवाया जावेगा। आवास निर्माण के लिए 90 रोजगार मानव दिवस मनरेगा योजना से उपलब्ध करवाये जावेगें। जिला परिशद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानचंद ने उपस्थित अधिकारियों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।