नरेन्द्र मोदी को चुना गया संसदीय दल का नेता

नई दिल्ली। देश के भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा संसदीय दल की बैठक में भाजपा संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। भाजपा संसदीय दल...

नई दिल्ली। देश के भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा संसदीय दल की बैठक में भाजपा संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर आडवाणी के प्रस्ताव का मुरली मनोहर जोशी ने गर्मजोशी के साथ समर्थन किया। इसके बाद वेंकैया नायडू ने भी आडवाणी के प्रस्ताव का समर्थन किया।

इसके बाद नितिन गडकरी और सुषमा स्वराज ने भी नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देते हुए मोदी के नाम का अनुमोदन किया, उनके बाद कड़िया मुंडा और रविशंकर प्रसाद सिंह ने भी मोदी के नाम का समर्थन किया।
सदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सबको बधाई देते हुए कहा कि आज का यह मौका हम सबके लिए एक अद्भुत अवसर है। एक पार्टी को इस प्रकार का जनसमर्थन मिलना अद्भुत है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है, हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है। हमारी पार्टी से सबसे ज्यादा सांसद चुनकर आये हैं और भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसमें एससी और एसटी के सांसदों की अच्छी संख्या है।

संसदीय दल के सदस्यों को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि हर एक व्यक्ति के जीवन में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जिन्हे वो जीवन भर याद रखता है। आज का प्रसंग उनमें से एक है। मोदी कह सकेंगे कि वो पीएम बनने के बाद ही इस कक्ष में आए। आडवाणी ने कहा कि बचपन से ही मुझमें एक कमजोरी रही है कि जब कोई खुशी का मौका होता है, तो मेरी आंखों में खुशी के आंसू भर आते हैं। 1947 में जब आजादी मिली तो बहुत खुशी हुई और आंखों में आंसू आ गए। जब इमरजेंसी लगी, कारावास मिला पर जब इमरजेंसी समाप्त हुई तो आंखों में आंसू आ गए। आज भी जब मोदी का स्वागत किया तो आंखों में आंसू आ गए। ये मुझे याद दिलाते हैं कि ये प्रसंग ऐतिहासिक है।

इसके बाद आडवाणी ने कहा कि, मैं मानता हूं कि ऐसे ऐतिहासिक प्रसंगों से गुजरना, बीजेपी और नरेंद्र भाई की कृपा है कि उन्होंने हमें ऐसे ऐतिहासिक पल से गुजरने का मौका दिया। जिस प्रकार का समर्थन इससे पहले बीजेपी और मोदी को मिला है, पहले कभी किसी नेता को नहीं मिला।

इसके बाद नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सबका आभार जताया, फिर उन्होंने आडवाणी और राजनाथ सिंह का विशेष तौर पर आभार प्रकट किया। इस मौके पर मोदी पार्टी रीढ माने जाने वाले वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को याद करना भूले नहीं, उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि काश आज अटलजी का स्वास्थ्य बेहतर होता, तो वे भी यहां उपस्थित होते और मुझे उनका आशीर्वाद भी मुझे मिल पाता तो सोने पर सुहागा होता।

मोदी ने अपने भाषण में कहा कि मैं आप सबका बहुत आभारी हूं कि आपने सर्वसम्मति से मुझे एक नया दायित्व दिया है। मैं विशेष रूप से आडवाणी जी, राजनाथ जी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया। मैं सोच रहा था कि अटल जी का स्वास्थ्य अच्छा होता और आज वो यहां होते तो सोने पर सुहागा होता। उनके आशीर्वाद से हम यहां पर बने रहे हैं और बने रहेंगे। ये लोकतंत्र का मंदिर है और हम सब इस मंदिर में बैठकर पूरी पवित्रता के साथ पद के लिए नहीं, सवा सौ करोड़ देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं को समेट कर बैठे हैं।

नेतृत्व पर मुहर लगने के बाद नरेंद्र मोदी की एनडीए के सहयोगी दलों के सांसदों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में मोदी को एनडीए का नेता चुना जाएगा। इसके बाद वो एनडीए के नेताओं के साथ दोपहर सवा तीन बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।


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