आसाराम के आश्रम पर चला जेडीए का बुल्डोजर
जयपुर। नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोपी आसाराम के ट्रस्ट की सम्पत्ति का कब्ज़ा लेते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को पौने सात बीघ...
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जयपुर। नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोपी आसाराम के ट्रस्ट की सम्पत्ति का कब्ज़ा लेते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को पौने सात बीघा जमीन पर हुए अतिक्रमण को बुल्डोजर की सहायता से ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान विरोध की आशंका से भारी पुलिस बल मौजूद रहा। हालाकि इस दौरान अतिक्रमण जमीन पर बने हॉस्टल और स्कूल पर कार्रवाई नहीं हो पाई। जेडीए इन दोनों भवनों को पहले ही सील कर चुका है।
वहीं अब यहां बने स्कूल-हॉस्टल को हटाने के संबंध में जेडीए राज्य सरकार से बात करने चर्चा करने के बाद कार्रवाई करेगा। जेडीए बाद में करोड़ों रुपए की सम्पति को बाजार दर से बचेगा। जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने आसराम आश्रम की ओर से तीन खसरों पर किए गए स्थाई अतिक्रमण को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस के दस्ते ने चारों तरफ से आश्रम को घेर लिया।
सबसे पहले आसाराम आश्रम के पीछे की ओर बनी कुटिया की दीवार को जेसीबी मशीन से ध्वस्त किया गया। इसके बाद आश्रम में बने सत्संग भवन की दीवारों को ध्वस्त कराया गया और आश्रम की ओर से की गई ताराबंदी को भी ध्वस्त किया गया। इसके साथ आश्रम के दो हिस्सों में की गई तारबंदी के साथ ही पक्के निर्माणों को भी ध्वस्त किया गया।
आसराम आश्रम के संचालक रमेश चन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जेडीए कार्रवाई को लेकर आश्रम की ओर से किसी तरह का विरोध नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आश्रम की खुद की जमीन खाली पड़ी है। वहीं फिलहाल जिस जमीन पर आश्रम की ओर से स्कूल और हॉस्टल का निर्माण किया गया है। वह तत्कालीन पटवारी की ओर से की गई पैमाइश के आधार पर किया गया था।
गौरतलब है कि जेडीए ने आसाराम ट्रस्ट पर करीब 10 बीघा जमीन पर अतिक्रमण मानाते हुए जेडीए ने ट्रस्ट को धारा 72 का नोटिस दिया था। इसके बाद मामला ट्रिब्यूनल से हाईकोर्ट में चला गया था। हाईकोर्ट ने सेटलमेंट विभाग को पैमाईश कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सेटलमेंट विभाग की ओर से पैमाईश करते हुए करीब पौने सात बीघा जमीन पर अतिक्रमण बताते हुए जेडीए को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
वहीं अब यहां बने स्कूल-हॉस्टल को हटाने के संबंध में जेडीए राज्य सरकार से बात करने चर्चा करने के बाद कार्रवाई करेगा। जेडीए बाद में करोड़ों रुपए की सम्पति को बाजार दर से बचेगा। जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने आसराम आश्रम की ओर से तीन खसरों पर किए गए स्थाई अतिक्रमण को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस के दस्ते ने चारों तरफ से आश्रम को घेर लिया।
सबसे पहले आसाराम आश्रम के पीछे की ओर बनी कुटिया की दीवार को जेसीबी मशीन से ध्वस्त किया गया। इसके बाद आश्रम में बने सत्संग भवन की दीवारों को ध्वस्त कराया गया और आश्रम की ओर से की गई ताराबंदी को भी ध्वस्त किया गया। इसके साथ आश्रम के दो हिस्सों में की गई तारबंदी के साथ ही पक्के निर्माणों को भी ध्वस्त किया गया।
आसराम आश्रम के संचालक रमेश चन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जेडीए कार्रवाई को लेकर आश्रम की ओर से किसी तरह का विरोध नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आश्रम की खुद की जमीन खाली पड़ी है। वहीं फिलहाल जिस जमीन पर आश्रम की ओर से स्कूल और हॉस्टल का निर्माण किया गया है। वह तत्कालीन पटवारी की ओर से की गई पैमाइश के आधार पर किया गया था।
गौरतलब है कि जेडीए ने आसाराम ट्रस्ट पर करीब 10 बीघा जमीन पर अतिक्रमण मानाते हुए जेडीए ने ट्रस्ट को धारा 72 का नोटिस दिया था। इसके बाद मामला ट्रिब्यूनल से हाईकोर्ट में चला गया था। हाईकोर्ट ने सेटलमेंट विभाग को पैमाईश कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सेटलमेंट विभाग की ओर से पैमाईश करते हुए करीब पौने सात बीघा जमीन पर अतिक्रमण बताते हुए जेडीए को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
