चूरू रसद विभाग यानि "एक अनार सौ बीमार"

चूरू (राकेश पंवार)। "एक अनार सौ बीमार" वाली कहावत तो आपने जरुर सुनी ही होगी। ये कहावत चरितार्थ होती है, जिले के रसद विभाग पर, ...

चूरू (राकेश पंवार)। "एक अनार सौ बीमार" वाली कहावत तो आपने जरुर सुनी ही होगी। ये कहावत चरितार्थ होती है, जिले के रसद विभाग पर, जहां 886 राशन डीलरों की दुकानें एक मात्र जिला रसद अधिकारी के भरोसे चल रही है। जबकि, राशन डीलरों पर नजर रखने के लिए जिलेभर में छह पद प्रर्वतन निरीक्षकों के तथा दो पद प्रर्वतन अधिकारी के हैं, लेकिन यह सभी पद लम्बे समय से खाली पडे हैं।

खाली पडे प्रर्वतन निरीक्षक और प्रर्वतन अधिकारी के पद आमजन के लिए परेशानी का सबब बने हैं, तो इससे जिला रसद अधिकारी की सिरदर्दी भी बढी है, लेकिन इन रिक्त पदों के चलते राशन डीलरों की मोज हो रही है। इन डीलरों पर निगरानी ना रखे जाने के कारण कालाबाजारी की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस शासन में शुरू हुई खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्ड धारकों को दो रुपए किलो में सस्ता गेहूं देने की योजना, प्रर्वतन निरीक्षकों के खाली पदों और डीलरों की मनमानी के कारण बेमानी साबित हो रही है।

यहां राशनकार्ड धारकों ने बताया कि उन्हे दो-दो महीने से गेहूं नहीं दिया जा रहा है। चूरू जिले में खाद्य सुरक्षा योजना और आठ सौ छियासी राशन डीलरों की दुकानें मात्र एक अधिकारी के भरोसे चल रही है। जिले में अधिकतर राशन डीलरों की दुकानें समय पर नहीं खुलती है, जिसके कारण खाद्य सुरक्षा योजना बेमानी साबित हो रही है।

मंगलवार को इन राशन डीलरों का अवकाश रहता है, लेकिन सप्ताह में किसी भी दिन चले जाओं, दुकानों के मुंह पर ताला जड़ा हुआ ही मिलता है, जिससे राशनकार्ड धारक उपभोक्ता सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। लोगों को दो-दो महिने से केवल गेहुं और केरोसिन तेल दिया जाता है। चीनी, चावल, दाल, साबुन और अन्य खाद्य सामग्री देखे हुए भी काफी लम्बा समय हो गया।

विभिन्न वार्ड के लोगों का कहना है कि काफी लम्बे समय तक इंतजार के बाद भी राशन नहीं मिल पाता है और राशन के नाम पर केवल गेहुं ही दिया जाता है, वो भी महिने में एक बार, जबकि प्रत्येक महिने की 16 तारीख से 30 तारीख तक राशन की दुकानों का खुला होना अनिवार्य है।

वार्ड संख्या 17 के पार्षद ने बताया कि मेरे वार्ड में राशन डीलर की दुकान कभी खुलती नहीं है। परेशान वार्ड के लोग इस सम्बन्ध में मुझे शिकायत करते हैं। इस सम्बन्ध में जिला कलेक्टर तक को शिकायत की गई, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। अब तो लोग कहते हैं कि डीलर शायद बीमार है या उसे हार्ट अटैक आ गया है, इसलिए दुकान नहीं खुलती।

इनका कहना है...

"रसद विभाग चूरू में छह पद प्रर्वतन निरीक्षक, दो पद प्रर्वतन अधिकारी, एक लेखाकार तथा दो लिपिक के पद खाली पडे हैं। इन खाली पदों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद जिम्मेदारी और अधिक बढ गई है, क्षैत्र में सभी जगह मुझे ही जाना पड़ता है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव के बाद ही शायद कोई प्रक्रिया चालु हो पाएगी।"       
-विजय कुमार, जिला रसद अधिकारी, चूरू



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