आरटेट मामले पर विधानसभा में प्रतिपक्ष का हंगामा

जयपुर ( पवन टेलर )। 14वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कार्यवाही के चौथे दिन शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने आरटेट ...

जयपुर (पवन टेलर)। 14वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कार्यवाही के चौथे दिन शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने आरटेट मामले को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद  सदन में आरटेट का मामला छाया रहा। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर दबाव बनाते हुए सत्तासीन भाजपा सरकार की ओर से की जा रही शिक्षक भर्ती को लेकर नए नियमों में बदलाव करने के लिए विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।

शुक्रवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आरटेट की अनिवार्यता समाप्त करने के मामले पर प्रतिपक्ष ने जमकर हंगामा करते हुए शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ को घेरा और मंत्री पर जवाब देने का दबाव बनते हुए हंगामा किया और सदन की वेल में उतर आए। प्रतिपक्ष के विधायकों ने शिक्षा मंत्री पर दबाव बनाते हुए कहा कि वह आरटेट को लेकर अपना रुख स्पष्ट करें कि वह आरटेट खत्म करेगी या नहीं।

इस मामले पर किरोड़ी लाल मीणा ने सत्तापक्ष को घेरते हुए कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा ने अपनी घोषणाओं से प्रदेश के युवाओं को गुमराह किया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष ये बताएं कि क्या वह आचार संहिता लगने तक प्रदेश के बेरोजगार युवाओं में से 20 हजार युवाओं को नियुक्तियां देंगे अथवा नही।

इसके बाद शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से इस मामले में पूछे गए प्रश्नों के जवाब मे कहा कि यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। न्यायालय का फैसला आने के बाद ही इस सम्बन्ध में कोई निर्णय लिया जा सकेगा और इस मामले में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया जाएगा।

उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा के सवाल को जवाब देते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी एक है और भाजपा जो कहती है वह करती भी है। किसी के भी साथ कोई अन्याय नहीं होगा और ना ही किसी के हितों को उल्लंघन होगा।

शिक्षामंत्री के जवाबों से असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों ने उनका घेराव किया और नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। यह सब करने के बाद इन विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया, जिनमें किरोड़ीलाल मीणा, गोविंद डोटासरा, रामेश्वर डूडी, प्रद्युम्न सिंह, धीरज गुर्जर, अशोक चांदना समेत सभी कांग्रेसी विधायक शामिल थे। इस बीच जमीदारा पार्टी की श्रीगंगानगर से विधायक कामिनी जिंदल और रायसिंहनगर से सोनादेवी ने हा कि पक्ष और विपक्ष इस तरह की लड़ाई से प्रदेश का विकास कैसे कर पाएंगे।

इसके बाद प्रतिपक्ष के सचेतक गोविंद डोटासरा ने गहलोत सरकार के कार्यकाल में युवाओं को नशे के चंगुल से छुटकारा दिलाने के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में चिकित्सा मंत्री से सवाल किए, जिस पर चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं की सेहत को लेकर हमारी सरकार बहुत संवेदनशील है और इस दिशा में कई और भी अहम निर्णय लिए जाएंगे, जिससे युवाओं को नशे के चंगुल में फंसने से रोका जा सकेगा और नशे की लत पर लगाम कसी जाएगी।

इस अतिरिक्त राठौड़ ने चिकित्सा संस्थानों में व्याप्त कमियों को दूर कर सुदृढ और मजबूत बनाने की बात कही। इसके बाद शून्यकाल में सभी सदस्यों ने अपने-अपने इलाकों की समस्याओं को सदन में रखकर उनके बारे में सुझाव आदि प्रस्तुत किए।


सभी अपडेट के लिए हमें Facebook और Twitter पर फ़ॉलो करें


इस लेख पर अपने विचार व्यक्त करें...

Related Posts

Rajasthan 5743368604666383354
item