गुजरात दंगों के लिए मोदी नहीं जिम्मेदार: केपीएस गिल
नई दिल्ली। साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के वक्त मोदी के सलाहकार और पंजाब पुलिस के पूर्व प्रमुख के पी एस गिल ने कहा है कि गुजरात दंगों क...
गिल अपनी जीवनी 'केपीएस गिल : द पैरामाउंट कॉप' के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। पुस्तक में गिल ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री हिंसा खत्म करने के प्रति गंभीर थे। उन्होंने दूसरे दलों पर मोदी को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि मैं इस बात को मानता हूं कि सभी राजनीतिक दलों के मोदी विरोधी और भाजपा विरोधी लोग गुजरात दंगों का फायदा उठा रहे हैं और किसी न किसी तरह मोदी को बदनाम करने की हर कोशिश कर रहे हैं। गिल ने आरोप लगाया कि गोधरा में जो कुछ हुआ उसके बाद पुलिसकर्मी और प्रशासन सांप्रदायिक बन गए थे और उन्हीं दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री बने मोदी की सरकारी मशीनरी पर यथोचित पकड़ नहीं थी।
संवाददाताओं से गिल ने कहा कि राज्य के सुरक्षा सलाहकार का प्रभार लेने के बाद उन्होंने ऐसी हर जगह का दौरा किया था जहां हिंसा हुई थी और उच्च से लेकर निचले स्तर तक के पुलिसकर्मियों ने किसी भी तरह के दिशा-निर्देश मिलने की बात से इंकार किया था। उन्होंने यह भी कहा कि दंगों के दौरान हुईं 5-6 घटनाओं में कई लोग मरे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उनके परिवार के कुछ सदस्यों को उनकी टिप्पणियां पसंद नहीं आईं।
गिल ने संवाददाताओं को बताया कि उनके परिवार के सदस्य अखबार पढ़ते थे जबकि वह घटनाक्रम से अवगत थे। गिल को मई 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था ताकि राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पर रोक के लिए कारगर कदम उठाए जा सकें।