5 नवम्बर को मंगल की तरफ़ जाएगा पहला भारतीय यान
चेन्नई। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन 'इसरो' ने घोषणा की है की मंगलग्रह का अध्ययन करने के लिए भारत द्वारा छोड़ा जाने वाला पहला...
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चेन्नई। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन 'इसरो' ने घोषणा की है की मंगलग्रह का अध्ययन करने के लिए भारत द्वारा छोड़ा जाने वाला पहला यान 5 नवम्बर को रवाना किया जाएगा।
इसरो के प्रमुख कुमारस्वामी राधाकृष्णन ने बताया कि प्रक्षेपक रॉकेट पीएसएलवी और अन्य यन्त्र-उपकरणों की अन्तिम तौर पर जाँच शुरू कर दी गई है। यह मिशन 450 करोड़ रुपये का है। मंगलयान मिशन के लिए पहले 28 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन हिन्द महासागर के इलाके में मौसम ख़राब होने की वज़ह से प्रक्षेपण की तारीख़ बदल दी गई है।
इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाले उपग्रह को प्रक्षेपित करने की भारत की प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता का प्रदर्शन करना है। मिशन के माध्यम से लाल ग्रह पर जीवन के संकेत मिलने को लेकर अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा इस ग्रह की तस्वीरें भी ली जाएंगी और वहां के पर्यावरण का अध्ययन किया जाएगा।
यह मंगलयान अगले साल के सितम्बर महीने में मंगल-ग्रह तक पहुँच जाएगा। लेकिन इसके लिए यह ज़रूरी है कि उसे 19 नवम्बर तक हर हालत में प्रक्षेपित कर दिया जाए। श्रीहरिकोटा अन्तरिक्ष अड्डे पर इस प्रक्षेपण की तैयारियाँ की जा रही हैं।
इसरो के प्रमुख कुमारस्वामी राधाकृष्णन ने बताया कि प्रक्षेपक रॉकेट पीएसएलवी और अन्य यन्त्र-उपकरणों की अन्तिम तौर पर जाँच शुरू कर दी गई है। यह मिशन 450 करोड़ रुपये का है। मंगलयान मिशन के लिए पहले 28 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन हिन्द महासागर के इलाके में मौसम ख़राब होने की वज़ह से प्रक्षेपण की तारीख़ बदल दी गई है।
इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाले उपग्रह को प्रक्षेपित करने की भारत की प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता का प्रदर्शन करना है। मिशन के माध्यम से लाल ग्रह पर जीवन के संकेत मिलने को लेकर अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा इस ग्रह की तस्वीरें भी ली जाएंगी और वहां के पर्यावरण का अध्ययन किया जाएगा।
यह मंगलयान अगले साल के सितम्बर महीने में मंगल-ग्रह तक पहुँच जाएगा। लेकिन इसके लिए यह ज़रूरी है कि उसे 19 नवम्बर तक हर हालत में प्रक्षेपित कर दिया जाए। श्रीहरिकोटा अन्तरिक्ष अड्डे पर इस प्रक्षेपण की तैयारियाँ की जा रही हैं।