जींस पहनने पर 7 छात्राओं पर जुर्माना
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय ने सात छात्राओं को परिसर में जींस पहनने पर जुर्माना लगाया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक नेश...
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय ने सात छात्राओं को परिसर में जींस पहनने पर जुर्माना लगाया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनयूएसटी) ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं के लिए दुपट्टा धारण करना अनिवार्य कर रखा है जबकि जींस पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है।
एनयूएसटी अधिकारियों ने हालांकि इस तरह की खबरों से इनकार किया है। अधिकारियों ने कहा है कि छात्रों को शालीन परिधान पहनने के लिए कहा गया है। विश्वविद्यालय के सूचना पट्ट पर चस्पा नोटिस के मुताबिक, कम से कम सात छात्राओं को दुपट्टा धारण नहीं करने या जींस पहनने के लिए जुर्माना किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, परिधान संबंधी निर्देश का उल्लंघन करने वाली कुछ छात्राओं से 500 से 1000 पाकिस्तानी रुपए जुर्माना वसूला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के कामकाज का तरीका एकदम सख्त है, क्योंकि सभी प्रशासकीय पदों पर सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी काबिज हैं।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शिक्षक ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया कि लड़कियों और लड़कों को एक साथ नहीं बैठने दिया जाता है और इसका उल्लंघन करने पर उन पर जुर्माना किया जाता है। शिक्षकों और छात्रों को पता है कि यदि उन्होंने प्रशासन की मर्जी के खिलाफ कुछ भी किया तो वे निकाले जा सकते हैं।
एनयूएसटी अधिकारियों ने हालांकि इस तरह की खबरों से इनकार किया है। अधिकारियों ने कहा है कि छात्रों को शालीन परिधान पहनने के लिए कहा गया है। विश्वविद्यालय के सूचना पट्ट पर चस्पा नोटिस के मुताबिक, कम से कम सात छात्राओं को दुपट्टा धारण नहीं करने या जींस पहनने के लिए जुर्माना किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, परिधान संबंधी निर्देश का उल्लंघन करने वाली कुछ छात्राओं से 500 से 1000 पाकिस्तानी रुपए जुर्माना वसूला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के कामकाज का तरीका एकदम सख्त है, क्योंकि सभी प्रशासकीय पदों पर सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी काबिज हैं।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शिक्षक ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया कि लड़कियों और लड़कों को एक साथ नहीं बैठने दिया जाता है और इसका उल्लंघन करने पर उन पर जुर्माना किया जाता है। शिक्षकों और छात्रों को पता है कि यदि उन्होंने प्रशासन की मर्जी के खिलाफ कुछ भी किया तो वे निकाले जा सकते हैं।