राजस्थान विधानसभा के सदन में गूंजा एसबीसी आरक्षण संबंधी मुद्दा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को गुर्जरों समेत पांच अन्य जातियों के विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) आरक्षण सम्बंधी म...
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को गुर्जरों समेत पांच अन्य जातियों के विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) आरक्षण सम्बंधी मसले की गूंज सुनाई दी। इस दौरान कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले के चलते एसबीसी आरक्षण समाप्त हो गया है। सिकंदरा में गुर्जर समाज आक्रोशित होकर अनशन पर बैठा है और सरकार की ओर से कोई वक्तव्य जारी नहीं हुआ है। हालांकि बीच में बोलने के चलते विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने इसे अंकित नहीं करने की बात कही, जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया।
दरअसल, स्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही हनुमान बेनीवाल का नाम पुकारा, बेनीवाल खड़े हो गए, जिसके बाद कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर भी खड़े हो गए और एसबीसी आरक्षण सम्बंधी मामले को लेकर हल्ला मचा दिया। इसके बाद विधायक सुखराम विश्नोई सहित कांग्रेस के कई विधायक उठकर वैल तक आ गए। मेहर ने कहा कि उनका पिछले सेशन में इस मामले पर लगा सवाल भी ड्रॉप कर दिया गया।
बढ़ते वाद-विवाद के बीच प्रतिपक्ष नेता को कैलाश मेघवाल ने प्रतिपक्ष सदस्यों को रोकने को कहा। यह भी कहा कि बिना नियमों के तहत बीच में बोलना किसी भी तरह से अंकित नहीं किया जाएगा। व्यवस्था के तहत इस बिंदु को अंकित नहीं किया गया। विधासभा अध्यक्ष ने इसे कार्यवाही से बाहर निकालने के घोषणा करते हुए अंकित नहीं किए जाने की बात कही।
कांग्रेस के हंगामे को देख संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ भी खड़े हो गए और कहा कि कांग्रेस के सदस्य बिना नियमों के कभी भी बोलना शुरू कर देते हैं। अध्यक्ष समय तय कर दें तो वह जवाब देने को तैयार हैं। इस बात पर कांग्रेसी विधायक खफा हो गए और हंगामा करने लगे। वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि नियमों में आइये, हमने लगातार इस मुद्दे पर बात की है। इसी विधानसभा ने संकल्प पारित करके केन्द्र में भेजा है और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी लड़कर एसबीसी आरक्षण को लेकर सरकार संकल्पबद्ध है। इस मामले में हम जो काम कर रहे हैं। उस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले आप आप नियमों में आइए।
वहीं खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने प्रश्नकाल के दौरान मुंडवा में अंबुजा सीमेण्ट कंपनी को प्लांट स्थापित करने को लेकर बार-बार समय अवधि बढ़ाए जाने को लेकर सवाल उठाया, जिस पर उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत एकबारगी घिरते नजर आए। बेनीवाल ने कहा कि मूंडवा में प्लांट निर्माण की शर्त पर किसानों से बेहद सस्ती दरों पर जमीन ली गई थी और बदले में उनको रोजगार मुहैया कराने की बात कही गई थी। लेकिन 2006 से लेकर 2016 तक कई बार इसकी अवधि में विस्तार किया गया।
इसके जवाब में उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि प्लांट के लिए कंपनी ने 2700 बीघा जमीन मांगी थी, लेकिन सरकार कंपनी को केवल एक हजार बीघा जमीन ही दे पाई थी, जिसमें से 500 बीघा अब्दुर्रहमान के मामले में अटक गई। दो मिलियन टन की स्थापना के लिए 31 दिसंबर 2016 के बाद फिर समय अवधि 2019 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिसके हर पक्ष का विस्तार से परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा।
दरअसल, स्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही हनुमान बेनीवाल का नाम पुकारा, बेनीवाल खड़े हो गए, जिसके बाद कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर भी खड़े हो गए और एसबीसी आरक्षण सम्बंधी मामले को लेकर हल्ला मचा दिया। इसके बाद विधायक सुखराम विश्नोई सहित कांग्रेस के कई विधायक उठकर वैल तक आ गए। मेहर ने कहा कि उनका पिछले सेशन में इस मामले पर लगा सवाल भी ड्रॉप कर दिया गया।
बढ़ते वाद-विवाद के बीच प्रतिपक्ष नेता को कैलाश मेघवाल ने प्रतिपक्ष सदस्यों को रोकने को कहा। यह भी कहा कि बिना नियमों के तहत बीच में बोलना किसी भी तरह से अंकित नहीं किया जाएगा। व्यवस्था के तहत इस बिंदु को अंकित नहीं किया गया। विधासभा अध्यक्ष ने इसे कार्यवाही से बाहर निकालने के घोषणा करते हुए अंकित नहीं किए जाने की बात कही।
कांग्रेस के हंगामे को देख संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ भी खड़े हो गए और कहा कि कांग्रेस के सदस्य बिना नियमों के कभी भी बोलना शुरू कर देते हैं। अध्यक्ष समय तय कर दें तो वह जवाब देने को तैयार हैं। इस बात पर कांग्रेसी विधायक खफा हो गए और हंगामा करने लगे। वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि नियमों में आइये, हमने लगातार इस मुद्दे पर बात की है। इसी विधानसभा ने संकल्प पारित करके केन्द्र में भेजा है और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी लड़कर एसबीसी आरक्षण को लेकर सरकार संकल्पबद्ध है। इस मामले में हम जो काम कर रहे हैं। उस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले आप आप नियमों में आइए।
वहीं खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने प्रश्नकाल के दौरान मुंडवा में अंबुजा सीमेण्ट कंपनी को प्लांट स्थापित करने को लेकर बार-बार समय अवधि बढ़ाए जाने को लेकर सवाल उठाया, जिस पर उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत एकबारगी घिरते नजर आए। बेनीवाल ने कहा कि मूंडवा में प्लांट निर्माण की शर्त पर किसानों से बेहद सस्ती दरों पर जमीन ली गई थी और बदले में उनको रोजगार मुहैया कराने की बात कही गई थी। लेकिन 2006 से लेकर 2016 तक कई बार इसकी अवधि में विस्तार किया गया।
इसके जवाब में उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि प्लांट के लिए कंपनी ने 2700 बीघा जमीन मांगी थी, लेकिन सरकार कंपनी को केवल एक हजार बीघा जमीन ही दे पाई थी, जिसमें से 500 बीघा अब्दुर्रहमान के मामले में अटक गई। दो मिलियन टन की स्थापना के लिए 31 दिसंबर 2016 के बाद फिर समय अवधि 2019 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिसके हर पक्ष का विस्तार से परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा।