मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान , अब दूसरे चरण की ओर
बूंदी । प्रदेश में जल संरक्षण का शंखनाद कर जन-जन को जोडते हुए जल बचाने की जो मुहिम ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ से चली, उसने प्रदेश...
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बूंदी । प्रदेश में जल संरक्षण का शंखनाद कर जन-जन को जोडते हुए जल बचाने की जो मुहिम ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ से चली, उसने प्रदेशभर में अभूतपूर्व परिणाम दिए हैं। बूंदी जिले में भी यह अभियान जल संरक्षण की अनूठी मिसाल बन गया। इससे तालाबों की सूरत बदल गई तो प्राचीन बावडियों का वैभव फिर से लौट आया। अभियान का पहला चरण एक सुनहरे कल की नींव रख गया। अब तैयारी है दूसरे चरण की।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का दूसरा चरण 9 दिसम्बर से प्रदेश भर में आरंभ होगा।
बूंदी में द्वितीय चरण के शुभारंभ का जिला स्तरीय समारोह लकडेश्वर महादेव के समीप पंत कुंज से होगा।
अभियान का यह चरण भी अपने आप में अनूठा होगा। एक साथ राज्य भर में कार्य आरंभ होंगे, एक साथ आगे बढेंगे और एक साथ पूरे हांेगे। इस चरण की खासियत यह भी है कि इसमें आरंभिक स्तर से ही सभी गतिविधियां ऑनलाइन मोड में होंगी। इनसे कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिष्चित होगी वहीं पारदर्शिता एवं सघन मॉनिटरिंग भी संभव होगी। अभियान के द्वितीय चरण में जिले में लगभग तीन हजार कार्य जल संरक्षण के लिए किए जाएंगे।
जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल के निर्देशन में संबंधित विभागीय अधिकारियों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियां संभाल ली हैं और द्वितीय चरण को उत्साह के साथ अंजाम देने को को तत्पर हैं। प्रयास किए गए हैं कि जिले के सभी क्षेत्रों में संतुलन के साथ जल स्वावलम्बन के कार्य हों। इस मिशन को अधिकाधिक जन जुडाव के साथ अंजाम दिया जाए ताकि यह चरण प्रथम चरण से भी अधिक फलदायी साबित हो सके। अभियान के द्वितीय चरण के तहत जिले की 28 ग्राम पंचायतों के 82 गांवों में जल संरक्षण के कार्य करवाए जाएंगे। अब तक 2821 कार्यों की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं।
प्रथम चरणः एक विहंगम दृष्टि
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान प्रथम चरण के तहत् बून्दी जिले की 5 पंचायत समितियों की 15 ग्राम पंचायतों के 54 गांवों में 2799 कार्य किए गए। अभियान में कृषि विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग, महात्मा गॉधी नरेगा योजना, जलग्रहण विकास एवं भूं-संरक्षण विभाग, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, भू जल विभाग आदि द्वारा सयुक्त रूप से कार्य किया गया। इसके तहत् जल संरक्षण के मुख्यतः कार्य लिये गये जैसैः- स्टैगर्ड ट्रेंच, सीसीटी, डीप सीसीटी, एमपीटी, पीटी, फिल्ड बडि़ग, तालाब रिनोवेशन, एनिकट आदि।़ उक्त कार्यो पर स्वीकृत राशि 2663.28 लाख के विरूद्व 2202.60 लाख व्यय किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जल स्वावम्बन (निर्बन्ध राशि) के 205 कार्य राशि रू 630.47 लाख के स्वीकृत किये गये जिसमें समस्त 205 कार्यो पर 515.49 लाख व्यय किये गये हैं। इस अभियान में जिले में कारपोरेट सेक्टर/ गैर सरकारी संस्थाओं का पूर्ण सहयोग रहा। जिनके द्वारा कुल 14 कार्यों में 52.17 लाख रुपए राशि से सहयोग किया गया है। जिले के अधिकारियों एवं दानदाताओं द्वारा भी 8.99 लाख रूपये दान किये गये हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन प्रथम चरण में निर्मित जल संरचनाओं पर विभागों द्वारा 20329 पौधे भी लगाये गये।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का दूसरा चरण 9 दिसम्बर से प्रदेश भर में आरंभ होगा।
बूंदी में द्वितीय चरण के शुभारंभ का जिला स्तरीय समारोह लकडेश्वर महादेव के समीप पंत कुंज से होगा।
अभियान का यह चरण भी अपने आप में अनूठा होगा। एक साथ राज्य भर में कार्य आरंभ होंगे, एक साथ आगे बढेंगे और एक साथ पूरे हांेगे। इस चरण की खासियत यह भी है कि इसमें आरंभिक स्तर से ही सभी गतिविधियां ऑनलाइन मोड में होंगी। इनसे कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिष्चित होगी वहीं पारदर्शिता एवं सघन मॉनिटरिंग भी संभव होगी। अभियान के द्वितीय चरण में जिले में लगभग तीन हजार कार्य जल संरक्षण के लिए किए जाएंगे।
जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल के निर्देशन में संबंधित विभागीय अधिकारियों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियां संभाल ली हैं और द्वितीय चरण को उत्साह के साथ अंजाम देने को को तत्पर हैं। प्रयास किए गए हैं कि जिले के सभी क्षेत्रों में संतुलन के साथ जल स्वावलम्बन के कार्य हों। इस मिशन को अधिकाधिक जन जुडाव के साथ अंजाम दिया जाए ताकि यह चरण प्रथम चरण से भी अधिक फलदायी साबित हो सके। अभियान के द्वितीय चरण के तहत जिले की 28 ग्राम पंचायतों के 82 गांवों में जल संरक्षण के कार्य करवाए जाएंगे। अब तक 2821 कार्यों की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं।
प्रथम चरणः एक विहंगम दृष्टि
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान प्रथम चरण के तहत् बून्दी जिले की 5 पंचायत समितियों की 15 ग्राम पंचायतों के 54 गांवों में 2799 कार्य किए गए। अभियान में कृषि विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग, महात्मा गॉधी नरेगा योजना, जलग्रहण विकास एवं भूं-संरक्षण विभाग, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, भू जल विभाग आदि द्वारा सयुक्त रूप से कार्य किया गया। इसके तहत् जल संरक्षण के मुख्यतः कार्य लिये गये जैसैः- स्टैगर्ड ट्रेंच, सीसीटी, डीप सीसीटी, एमपीटी, पीटी, फिल्ड बडि़ग, तालाब रिनोवेशन, एनिकट आदि।़ उक्त कार्यो पर स्वीकृत राशि 2663.28 लाख के विरूद्व 2202.60 लाख व्यय किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जल स्वावम्बन (निर्बन्ध राशि) के 205 कार्य राशि रू 630.47 लाख के स्वीकृत किये गये जिसमें समस्त 205 कार्यो पर 515.49 लाख व्यय किये गये हैं। इस अभियान में जिले में कारपोरेट सेक्टर/ गैर सरकारी संस्थाओं का पूर्ण सहयोग रहा। जिनके द्वारा कुल 14 कार्यों में 52.17 लाख रुपए राशि से सहयोग किया गया है। जिले के अधिकारियों एवं दानदाताओं द्वारा भी 8.99 लाख रूपये दान किये गये हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन प्रथम चरण में निर्मित जल संरचनाओं पर विभागों द्वारा 20329 पौधे भी लगाये गये।