हॉस्पिटल ने एम्बुलेंस देने से इन्कार किया तो पति ने 80 किमी तक घसीटी बीवी की लाश
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/11/Ramulu-Eked-shuffle-his-wife-body-up-to-80-km.html
हैदराबाद। हाल ही मे कुछ समय पूर्व अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर 12 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय करने वाले ओडिशा के दाना मांझी की वो तस्वीर तो आपको याद ही होगी, जिसमें वो हॉस्पिटल की ओर से एम्बुलेंस देने से इन्कार करने पर बीवी की लाश कंधे पर ढोकर ले जा रहे थे। इस तस्वीर से देशभर में काफी हंगामा हुआ था। लेकिन अब दाना मांझी के मामले को छोटा साबित करने का माद्दा रखने वाली एक और तस्वीर सामने आई है।
इस बार यह सामने आई यह तस्वीर तेलंगाना के हैदराबाद से है, जहां लेप्रोसी से ग्रसित 53 साल के रामुलु एकेड को अपनी पत्नी की लाश को 80 किलोमीटर तक इसलिए घसीट कर ले जाना पड़ा, क्योंकि हॉस्पिटल ने उसे एम्बुलेंस देने से मना कर दिया था और उसके पास गाड़ी किराए पर लेने के पैसे नहीं थे।
रामुलु और उसकी 46 साल की पत्नी कविथा को लेप्रोसी की बीमारी थी। दोनों हैदराबाद के मंदिरों में भीख मांग कर अपना गुजारा करते हैं। बीते शुक्रवार को एक लोकल अस्पताल में कविथा की मौत हो गई थी। रामुलु ने अस्पताल से बीवी की लाश को अपने पैतृक गांव माईकोड ले जाने के लिए एम्बुलेंस देने के लिए कहा।
सूत्रों के अनुसार मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस इपलब्ध कराने के बदले रामुलु से 5000 रुपए की मांग की। रामुलु के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए उसने उसी गत्ते के बिस्तर पर बीवी की लाश को घसीटकर घर तक ले जाने की ठानी। रामुलु करीब 24 घंटे लगातार चलने के बाद शनिवार शाम तक विकराबाद नाम की जगह तक पहुंच गए।
विकराबाद पहुंचकर रामुलु की हिम्मत जबाव दे गई, उसने सड़क के किनारे पत्नी के शव को रखकर लोगों से मदद मांगनी शुरु कर दी, जिसके बाद इस मामले की खबर पुलिस तक पहुंची। स्थानीय पुलिस ने एंबुलेंस की व्यवस्था कराकर रामुलु और उसकी पत्नी के शव को उसके पैत्रक गांव तक पहुंचाया।
इस बार यह सामने आई यह तस्वीर तेलंगाना के हैदराबाद से है, जहां लेप्रोसी से ग्रसित 53 साल के रामुलु एकेड को अपनी पत्नी की लाश को 80 किलोमीटर तक इसलिए घसीट कर ले जाना पड़ा, क्योंकि हॉस्पिटल ने उसे एम्बुलेंस देने से मना कर दिया था और उसके पास गाड़ी किराए पर लेने के पैसे नहीं थे।
रामुलु और उसकी 46 साल की पत्नी कविथा को लेप्रोसी की बीमारी थी। दोनों हैदराबाद के मंदिरों में भीख मांग कर अपना गुजारा करते हैं। बीते शुक्रवार को एक लोकल अस्पताल में कविथा की मौत हो गई थी। रामुलु ने अस्पताल से बीवी की लाश को अपने पैतृक गांव माईकोड ले जाने के लिए एम्बुलेंस देने के लिए कहा।
सूत्रों के अनुसार मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस इपलब्ध कराने के बदले रामुलु से 5000 रुपए की मांग की। रामुलु के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए उसने उसी गत्ते के बिस्तर पर बीवी की लाश को घसीटकर घर तक ले जाने की ठानी। रामुलु करीब 24 घंटे लगातार चलने के बाद शनिवार शाम तक विकराबाद नाम की जगह तक पहुंच गए।
विकराबाद पहुंचकर रामुलु की हिम्मत जबाव दे गई, उसने सड़क के किनारे पत्नी के शव को रखकर लोगों से मदद मांगनी शुरु कर दी, जिसके बाद इस मामले की खबर पुलिस तक पहुंची। स्थानीय पुलिस ने एंबुलेंस की व्यवस्था कराकर रामुलु और उसकी पत्नी के शव को उसके पैत्रक गांव तक पहुंचाया।