'अब जल्द ही निकल सकता है समस्या का समाधान'
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/05/our-problems-might-be-solve-soon-now.html
जयपुर। भिवाड़ी के नजदीक टपूकड़ा स्थित होंडा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया लिमिटेड के प्लांट में पिछले कई महीनों से चल रहे मजदूरों की यूनियन बनाने के विवाद को फिलहाल कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।
मजदूरो की मांग है कि होंडा के इस प्लांट में काम करने वाले मजदूरों की यूनियन बनाई जाए, जिस पर कंपनी मैनेजमेंट भी तैयार है, लेकिन इस यूनियन में बाहरी आदमियों अथवा यूनियनों का हस्तक्षेप कंपनी का मंजूर नहीं है। इसी बात को लेकर यहां विवाद और गहराता जा रहा है।
मजदूरों की ओर से श्रम विभाग में यूनियन गठित किए जाने के लिए आवेदन किया हुआ है, लेकिन अभी तक यूनियन को मंजूरी नहीं मिल पाई है। कंपनी और मजदूरों के बीच विवाद का कारण बनें बिन्दुओं पर कई बार वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
शुक्रवार को भी जयपुर स्थित राजस्थान श्रम विभाग के कार्यालय में मजदूरों एवं कंपनी मैनेजमेंट के बीच विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता आयोजित की गई, जिसमें परेशानी का कारण बने बिन्दुओं एवं उनके समाधान को लेकर चर्चा की गई।
इस वार्ता में मजदूरों की ओर से एटक से प्रदेशाध्यक्ष डी के छंगाणी, होंडा कामगार यूनियन के अध्यक्ष नरेश मेहता, महासचिव सुरेन्द्र कुमार, उपाध्यक्ष सोनू संधू, सचिव राजपाल मौजूद थे। वहीं कंपनी मैनेजमेंट की ओर से प्रदीप जैन एवं सुरेन्द्र डागर वार्ता के लिए पहुंचे।
होंडा कामगार यूनियन के अध्यक्ष नरेश मेहता ने बताया कि वार्ता का फिलहाल कोई प्रभावी नतीजा नहीं निकल पाया है, लेकिन दोनों पक्षों का रुख पहले से कुछ नरम हुआ है। मजदूरों की ओर से की जा रही अन्य मांगों के बारे में मैनेजमेंट ने विचार करने का आश्वासन दिया है। इसके चलते अब जल्द ही इस मुद्दे का कोई समाधान निकलने की उम्मीद की जा रही है।
मेहता ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे धरने—प्रदर्शन के दौर को जारी रखते हुए 9 मई को जयपुर में श्रम विभाग के जयपुर कार्यालय पर करीब 400—500 मजदूर इकट्ठा होंगे और तीन दिवसीय धरने में अपनी मांगों को जल्द स्वीकार किए जाने के लिए सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा।
मजदूरो की मांग है कि होंडा के इस प्लांट में काम करने वाले मजदूरों की यूनियन बनाई जाए, जिस पर कंपनी मैनेजमेंट भी तैयार है, लेकिन इस यूनियन में बाहरी आदमियों अथवा यूनियनों का हस्तक्षेप कंपनी का मंजूर नहीं है। इसी बात को लेकर यहां विवाद और गहराता जा रहा है।
मजदूरों की ओर से श्रम विभाग में यूनियन गठित किए जाने के लिए आवेदन किया हुआ है, लेकिन अभी तक यूनियन को मंजूरी नहीं मिल पाई है। कंपनी और मजदूरों के बीच विवाद का कारण बनें बिन्दुओं पर कई बार वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
शुक्रवार को भी जयपुर स्थित राजस्थान श्रम विभाग के कार्यालय में मजदूरों एवं कंपनी मैनेजमेंट के बीच विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता आयोजित की गई, जिसमें परेशानी का कारण बने बिन्दुओं एवं उनके समाधान को लेकर चर्चा की गई।
इस वार्ता में मजदूरों की ओर से एटक से प्रदेशाध्यक्ष डी के छंगाणी, होंडा कामगार यूनियन के अध्यक्ष नरेश मेहता, महासचिव सुरेन्द्र कुमार, उपाध्यक्ष सोनू संधू, सचिव राजपाल मौजूद थे। वहीं कंपनी मैनेजमेंट की ओर से प्रदीप जैन एवं सुरेन्द्र डागर वार्ता के लिए पहुंचे।
होंडा कामगार यूनियन के अध्यक्ष नरेश मेहता ने बताया कि वार्ता का फिलहाल कोई प्रभावी नतीजा नहीं निकल पाया है, लेकिन दोनों पक्षों का रुख पहले से कुछ नरम हुआ है। मजदूरों की ओर से की जा रही अन्य मांगों के बारे में मैनेजमेंट ने विचार करने का आश्वासन दिया है। इसके चलते अब जल्द ही इस मुद्दे का कोई समाधान निकलने की उम्मीद की जा रही है।
मेहता ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे धरने—प्रदर्शन के दौर को जारी रखते हुए 9 मई को जयपुर में श्रम विभाग के जयपुर कार्यालय पर करीब 400—500 मजदूर इकट्ठा होंगे और तीन दिवसीय धरने में अपनी मांगों को जल्द स्वीकार किए जाने के लिए सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा।