अजमेर में बनेगा खादी प्लाजा, खादी को जोड़ा जायेगा महात्मा गांधी नरेगा से
अजमेर। खादी को आम जन में पुनः प्रतिष्ठापित करने के लिए अजमेर में खादी प्लाजा की स्थापना की जाएगी। यह बात राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बो...
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/04/blog-post_18.html
अजमेर। खादी को आम जन में पुनः प्रतिष्ठापित करने के लिए अजमेर में खादी प्लाजा की स्थापना की जाएगी। यह बात राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष शम्भू दयाल बड़गुजर ने रविवार को अपने अजमेर प्रवास के समय कही।
बड़गुजर ने खादी प्लाजा के लिए पंचशील में अजमेेर डिस्काॅम के पास आवंटित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि खादी को पुनः प्रतिष्ठापित करने के लिए संभाग स्तर पर पाँच-पाँच करोड़ की लागत से खादी प्लाजा आरम्भ किए जाएंगे। इनका शिलान्यास मई माह में किया जाएगा। खादी प्लाजा में तीन खण्ड निर्मीत किये जाएंगे।
प्रथम खण्ड खादी वस्त्रों के विपणन से सम्बन्धित होगा। इन स्थानों पर खादी के कतिन एवं बुनकर द्वारा हस्तनिर्मीत उत्पाद एक छत के नीचे उपलब्ध करवाये जाएंगे। ग्राहकों को इससे उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद न्यूनतम मुल्य पर प्राप्त हो सकेंगे। द्वितीय खण्ड में युवाओं को रोजगारपरक गतिविधियों के प्रशिक्षण प्रदान किये जाएंगे। खादी प्लाजा का तृतीय खण्ड फैशन डिजाईनिंग के क्षेत्र में नवाचार के लिए आरक्षित रखा जाएगा।
इससे खादी को माॅडर्न लुक के साथ वर्तमान युवा पीढ़ी की आवश्यकता के अनुरूप वस्त्रों का सृजन किया जाएगा। यह खादी को लोकप्रिय बनाने के नये आयाम स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि कतिनों और बुनकरों को उचित पारिश्रमिक प्रदान करवाने के लिए उनके हुनर को महात्मा गांधी नरेगा से जोड़ने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके सफल होने से खादी उत्पादक कारीगरों को आर्थिक स्वावलम्बन प्राप्त हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल पुष्कर के महत्व को देखते हुए इसका उपयोग खादी को विश्वस्तरीय नेचुरल फेब्रिक की पहचान दिलाने के लिए किया जाएगा। बोर्ड के पुष्कर स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में राज्य स्तरीय खादी प्लाजा खोलना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि पुष्कर के प्रशिक्षण केन्द्र को सम्भाग स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए पाँच करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य की 168 खादी संस्थाओं से जुड़े लगभग 20 हजार दस्तकारों को बीमा का लाभ दिलवाया जाएगा। इसके लिए कतिनों और बुनकरों को प्रधानमंत्राी बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। इस अनूठी पहल से खादी के उत्पादन में लगे दस्तकारों के परिवार का भविष्य सुरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दस्तकारों को सौलर ऊर्जा चालित चरखे तथा लूम उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। यह युनिट आठ घण्टे तक लगातार बिना खर्चे के नियमित रूप से कार्य करती है। इसके उपयोग से दस्तकार की कार्यक्षमता तथा उत्पादन में लगभग ढ़ाई गुना की वृद्धि दर्ज की गई है।
बड़गुजर ने अजमेर रेल्वे स्टेशन के सामने स्थित अजमेर मेरवाड़ा ग्राम सेवा मण्डल के शो रूम से ग्रामोद्योग निर्मीत शर्बत तथा गुलकन्द की खरीददारी की और मुल्य चुकाकर बिल प्राप्त किया। उन्होंने शो रूम का अवलोकन किया तथा स्थानीय दस्तकारों द्वारा निर्मीत उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की। अन्य जिलों तथा राज्य के बाहर से उत्पादित खादी उत्पादों के विपणन के बारे में भी मण्डल के मंत्री महेश चन्द गोयल, प्रबन्धक कैलाश चन्द शर्मा तथा सहायक प्रबन्धक सूर्य नारायण सिंह के साथ विस्तृत चर्चा की। इस अवसर खादी को प्रोत्साहित करने के लिए फैशन डिजाईनर अमरेश सिंह के द्वारा डिजाईन किये खादी के नवीनतम वस्त्रों का अवलोकन किया तथा उनकी सराहना की।
बड़गुजर ने खादी प्लाजा के लिए पंचशील में अजमेेर डिस्काॅम के पास आवंटित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि खादी को पुनः प्रतिष्ठापित करने के लिए संभाग स्तर पर पाँच-पाँच करोड़ की लागत से खादी प्लाजा आरम्भ किए जाएंगे। इनका शिलान्यास मई माह में किया जाएगा। खादी प्लाजा में तीन खण्ड निर्मीत किये जाएंगे।
प्रथम खण्ड खादी वस्त्रों के विपणन से सम्बन्धित होगा। इन स्थानों पर खादी के कतिन एवं बुनकर द्वारा हस्तनिर्मीत उत्पाद एक छत के नीचे उपलब्ध करवाये जाएंगे। ग्राहकों को इससे उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद न्यूनतम मुल्य पर प्राप्त हो सकेंगे। द्वितीय खण्ड में युवाओं को रोजगारपरक गतिविधियों के प्रशिक्षण प्रदान किये जाएंगे। खादी प्लाजा का तृतीय खण्ड फैशन डिजाईनिंग के क्षेत्र में नवाचार के लिए आरक्षित रखा जाएगा।
इससे खादी को माॅडर्न लुक के साथ वर्तमान युवा पीढ़ी की आवश्यकता के अनुरूप वस्त्रों का सृजन किया जाएगा। यह खादी को लोकप्रिय बनाने के नये आयाम स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि कतिनों और बुनकरों को उचित पारिश्रमिक प्रदान करवाने के लिए उनके हुनर को महात्मा गांधी नरेगा से जोड़ने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके सफल होने से खादी उत्पादक कारीगरों को आर्थिक स्वावलम्बन प्राप्त हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल पुष्कर के महत्व को देखते हुए इसका उपयोग खादी को विश्वस्तरीय नेचुरल फेब्रिक की पहचान दिलाने के लिए किया जाएगा। बोर्ड के पुष्कर स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में राज्य स्तरीय खादी प्लाजा खोलना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि पुष्कर के प्रशिक्षण केन्द्र को सम्भाग स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए पाँच करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य की 168 खादी संस्थाओं से जुड़े लगभग 20 हजार दस्तकारों को बीमा का लाभ दिलवाया जाएगा। इसके लिए कतिनों और बुनकरों को प्रधानमंत्राी बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। इस अनूठी पहल से खादी के उत्पादन में लगे दस्तकारों के परिवार का भविष्य सुरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दस्तकारों को सौलर ऊर्जा चालित चरखे तथा लूम उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। यह युनिट आठ घण्टे तक लगातार बिना खर्चे के नियमित रूप से कार्य करती है। इसके उपयोग से दस्तकार की कार्यक्षमता तथा उत्पादन में लगभग ढ़ाई गुना की वृद्धि दर्ज की गई है।
बड़गुजर ने अजमेर रेल्वे स्टेशन के सामने स्थित अजमेर मेरवाड़ा ग्राम सेवा मण्डल के शो रूम से ग्रामोद्योग निर्मीत शर्बत तथा गुलकन्द की खरीददारी की और मुल्य चुकाकर बिल प्राप्त किया। उन्होंने शो रूम का अवलोकन किया तथा स्थानीय दस्तकारों द्वारा निर्मीत उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की। अन्य जिलों तथा राज्य के बाहर से उत्पादित खादी उत्पादों के विपणन के बारे में भी मण्डल के मंत्री महेश चन्द गोयल, प्रबन्धक कैलाश चन्द शर्मा तथा सहायक प्रबन्धक सूर्य नारायण सिंह के साथ विस्तृत चर्चा की। इस अवसर खादी को प्रोत्साहित करने के लिए फैशन डिजाईनर अमरेश सिंह के द्वारा डिजाईन किये खादी के नवीनतम वस्त्रों का अवलोकन किया तथा उनकी सराहना की।