दक्षिण सूडान में सेना को पगार के जगह रेप की छूट, 1 साल में 1300 महिलाएं बनी शिकार
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/03/south-sudan-army-can-rape-for-salary-1300-women-became-victims-in-a-year.html
जुबा। अफ्रीका के देश दक्षिण सूडान में सरकार ने सेना को पगार की जगह पर महिलाओं से रेप करने की इजाजत दी है। यह चौंकाने वाला दावा ह्यूमन राइट्स पर संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी छूट की वजह से पिछले एक साल में यहां 1300 महिलाएं रेप की शिकार हुई है। इसके अलावा वे बच्चों और डिसेबल लोगों को जिंदा भी जला सकते हैं। हालांकि दक्षिणी सूडान की सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति सल्वा कीर के प्रवक्ता ने कहा कि वे नियमों के अनुसार काम करते हैं।
रिपोर्ट में साउथ सूडान की दो साल की सिविल वॉर कंडीशन पर नजर डाली गई है। इसके मुताबिक, गवर्नमेंट के विरोधियों को सपोर्ट करने वाले संदिग्ध सिविलियन्स को टॉर्चर किया जाता है। उन्हें शिपिंग कंटेनर्स में दम घोंटकर, पेड़ों पर फांसी देकर या टुकड़े-टुकड़े कर मार दिया जाता है। पैरेंट्स के सामने उनके बच्चों का रेप किया जाता है और उन्हें ये देखने को मजबूर किया जाता है। आर्मी के सपोर्ट वाले कुछ आर्म्स फाइटर्स सैलरी के तौर पर मवेशियों को अपने साथ ले जाते हैं। पर्सनल प्रॉपर्टी चुराते हैं और महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाकर रेप करते हैं।
यूएन ह्यूमन राइट्स चीफ जाएद राद अल-हुसैन ने बताया, “रेप और गैंगरेप के नंबर्स सिर्फ एक रिपोर्ट का हिस्साभर है। दुनिया में ह्यूमन राइट्स की ये सबसे खराब स्थिति है। आतंक और हथियारों की लड़ाई के लिए रेप का इस्तेमाल हो रहा है। यह रिपोर्ट यूएन की टीम ने साउथ सूडान में अक्टूबर से जनवरी तक रहकर तैयार की है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस देश में जिसने भी विपक्ष का समर्थन किया उनके साथ अत्याचार किया गया. विकलांगों और बच्चों को भी जिंदा जला दिया गया। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 60 से ज्यादा पुरुषों को एक कंटेनर में डालकर दम घोंट दिया गया। इतना ही नहीं आम लोगों को टुकड़ों में काट दिया जाता है।
रिपोर्ट में साउथ सूडान की दो साल की सिविल वॉर कंडीशन पर नजर डाली गई है। इसके मुताबिक, गवर्नमेंट के विरोधियों को सपोर्ट करने वाले संदिग्ध सिविलियन्स को टॉर्चर किया जाता है। उन्हें शिपिंग कंटेनर्स में दम घोंटकर, पेड़ों पर फांसी देकर या टुकड़े-टुकड़े कर मार दिया जाता है। पैरेंट्स के सामने उनके बच्चों का रेप किया जाता है और उन्हें ये देखने को मजबूर किया जाता है। आर्मी के सपोर्ट वाले कुछ आर्म्स फाइटर्स सैलरी के तौर पर मवेशियों को अपने साथ ले जाते हैं। पर्सनल प्रॉपर्टी चुराते हैं और महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाकर रेप करते हैं।
यूएन ह्यूमन राइट्स चीफ जाएद राद अल-हुसैन ने बताया, “रेप और गैंगरेप के नंबर्स सिर्फ एक रिपोर्ट का हिस्साभर है। दुनिया में ह्यूमन राइट्स की ये सबसे खराब स्थिति है। आतंक और हथियारों की लड़ाई के लिए रेप का इस्तेमाल हो रहा है। यह रिपोर्ट यूएन की टीम ने साउथ सूडान में अक्टूबर से जनवरी तक रहकर तैयार की है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस देश में जिसने भी विपक्ष का समर्थन किया उनके साथ अत्याचार किया गया. विकलांगों और बच्चों को भी जिंदा जला दिया गया। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 60 से ज्यादा पुरुषों को एक कंटेनर में डालकर दम घोंट दिया गया। इतना ही नहीं आम लोगों को टुकड़ों में काट दिया जाता है।