पूर्व लोकसभाध्यक्ष और सांसद पी.ए. संगमा के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक
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नई दिल्ली। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद पी.ए. संगमा का आज सुबह दिल्ली स्थित उनके आवास में हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद उन्हें तत्काल अस्तपाल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह 68 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगमा के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।
लोकसभा में पीए संगमा को श्रद्धांजलि दी गई और सदन को 8 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संगमा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने हंसते-हंसते संसद चलाना सिखाया। संगमा 1996 से 1998 के बीच लोकसभा के अध्यक्ष थे और 1988 से 1990 के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे।
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सह-संस्थापक रहे संगमा 8 बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे और मौजूदा समय में वह मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले की तुरा सीट से सांसद थे। संगमा नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और 11वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाली। वह 1988 से 1990 के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री और 1990 से 1991 तक राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगमा के निधन पर शोक जाहिर करते हुए उन्हें अपनी मेहनत के बल पर राजनीतिक परिदृश्य और समाज में जगह बनाने वाला नेता बताया। मोदी ने साथ ही कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में संगमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है और वह उनके निधन से दुखी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘लोकसभा स्पीकर के तौर पर संगमा के कार्यकाल को ‘भुलाया नहीं जा सकता। उनका जमीन से जुड़ा विनम्र व्यक्तित्व और उनके मिलनसार स्वभाव ने हर किसी को आकषिर्त किया।’ मोदी ने साथ ही कहा, ‘ संगमाजी नेताजी बोस से गहरे तक प्रभावित थे।’
लोकसभा में पीए संगमा को श्रद्धांजलि दी गई और सदन को 8 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संगमा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने हंसते-हंसते संसद चलाना सिखाया। संगमा 1996 से 1998 के बीच लोकसभा के अध्यक्ष थे और 1988 से 1990 के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे।
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सह-संस्थापक रहे संगमा 8 बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे और मौजूदा समय में वह मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले की तुरा सीट से सांसद थे। संगमा नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और 11वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाली। वह 1988 से 1990 के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री और 1990 से 1991 तक राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगमा के निधन पर शोक जाहिर करते हुए उन्हें अपनी मेहनत के बल पर राजनीतिक परिदृश्य और समाज में जगह बनाने वाला नेता बताया। मोदी ने साथ ही कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में संगमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है और वह उनके निधन से दुखी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘लोकसभा स्पीकर के तौर पर संगमा के कार्यकाल को ‘भुलाया नहीं जा सकता। उनका जमीन से जुड़ा विनम्र व्यक्तित्व और उनके मिलनसार स्वभाव ने हर किसी को आकषिर्त किया।’ मोदी ने साथ ही कहा, ‘ संगमाजी नेताजी बोस से गहरे तक प्रभावित थे।’