असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/03/election-commission-announces-election-in-five-state.html
नई दिल्ली। असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नसीम जैदी ने पांच राज्यों में चुनावों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मतदान अप्रैल और मई के बीच होंगे। चुनावों की घोषणा के साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों की लोकप्रियता की सबसे बड़ी परीक्षा असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में होने वाले इन विधानसभा चुनावों में होगी। इस चुनाव में करीब 17 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें असम में मतदान दो चरणों में और पश्चिम बंगाल में छह चरणों में होंगे। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में सिर्फ एक ही दिन में मतदान संपन्न हो जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि 126 विधानसभा सीटों वाले असम में 4 और 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल (294 सीटें) में सात चरणों में 4, 11, 17, 30 अप्रैल और 5 मई और 16 मई को मतदान होगा। केरल (140 सीटें), तमिलनाडु (234 सीटें) और पुडुचेरी (30 सीटें) में एक ही चरण में 16 मई को मतदान होगा। इन सभी पांच राज्यों में मतों की गिनती 19 मई को होगी।
वहीं दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के कुछ घंटे के अंदर ही पश्चिम बंगाल के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इन पांच राज्यों में जो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल मैदान में उतरेंगे उनमें कांग्रेस, भाजपा, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), असम गण परिषद और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ-साथ एनआर कांग्रेस है जो पुडुचेरी में सत्ता में है।
इन चुनावों में पहली बार नोटा यानी इनमें से कोई नहीं का भी विकल्प चिन्ह के रूप में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर होगा। चुनाव आयोग ने पहली बार नोटा के लिए नए चिन्ह की व्यवस्था की है, जिसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) ने खास तौर पर डिजाइन किया है। इस नए चिन्ह से मतदाताओं को वोट डालने में सहूलियत होगी। उल्लेखनीय है कि मतदाता आसानी से उम्मीदवारों को पहचान सकें इसके लिए ईवीएम और पोस्टल मत पत्रों पर उम्मीदवारों की तस्वीरें भी छापी जाएंगी।
जैदी ने कहा, “जब एक ही नाम के दो उम्मीदवार एक ही चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे तो मतदाता उलझन में पड़ जाते जाते थे। उनकी इसी उलझन को ध्यान में रख कर यह व्यवस्था की गई है। इस उद्देश्य के लिए अब आयोग द्वारा निर्देशित स्टाम्प आकार की हाल की तस्वीर उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करनी होगी।”
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों की लोकप्रियता की सबसे बड़ी परीक्षा असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में होने वाले इन विधानसभा चुनावों में होगी। इस चुनाव में करीब 17 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें असम में मतदान दो चरणों में और पश्चिम बंगाल में छह चरणों में होंगे। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में सिर्फ एक ही दिन में मतदान संपन्न हो जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि 126 विधानसभा सीटों वाले असम में 4 और 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल (294 सीटें) में सात चरणों में 4, 11, 17, 30 अप्रैल और 5 मई और 16 मई को मतदान होगा। केरल (140 सीटें), तमिलनाडु (234 सीटें) और पुडुचेरी (30 सीटें) में एक ही चरण में 16 मई को मतदान होगा। इन सभी पांच राज्यों में मतों की गिनती 19 मई को होगी।
वहीं दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के कुछ घंटे के अंदर ही पश्चिम बंगाल के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इन पांच राज्यों में जो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल मैदान में उतरेंगे उनमें कांग्रेस, भाजपा, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), असम गण परिषद और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ-साथ एनआर कांग्रेस है जो पुडुचेरी में सत्ता में है।
इन चुनावों में पहली बार नोटा यानी इनमें से कोई नहीं का भी विकल्प चिन्ह के रूप में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर होगा। चुनाव आयोग ने पहली बार नोटा के लिए नए चिन्ह की व्यवस्था की है, जिसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) ने खास तौर पर डिजाइन किया है। इस नए चिन्ह से मतदाताओं को वोट डालने में सहूलियत होगी। उल्लेखनीय है कि मतदाता आसानी से उम्मीदवारों को पहचान सकें इसके लिए ईवीएम और पोस्टल मत पत्रों पर उम्मीदवारों की तस्वीरें भी छापी जाएंगी।
जैदी ने कहा, “जब एक ही नाम के दो उम्मीदवार एक ही चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे तो मतदाता उलझन में पड़ जाते जाते थे। उनकी इसी उलझन को ध्यान में रख कर यह व्यवस्था की गई है। इस उद्देश्य के लिए अब आयोग द्वारा निर्देशित स्टाम्प आकार की हाल की तस्वीर उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करनी होगी।”