अल कायदा ने इंडियन रेलवे की माइक्रोसाइट हैक कर लिखा भारतीय मुसलमानों के नाम संदेश
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/03/al-qaeda-hack-indian-railways-microsite.html
नई दिल्ली। आतंकी संगठन अल कायदा ने मंगलवार को इंडियन रेलवे के रेल नेट पेज की एक माइक्रोसाइट को कथित तौर पर हैक कर लिया। सेंट्रल रेलवे के पर्सनल डिपार्टमेंट के भुसावल डिविजन पेज को हटाकर डाले गए एक मेसेज में अल-कायदा का साउथ एशिया चीफ मौलाना आसिम उमर का सभी भारतीय मुसलमानों के नाम संदेश लिखा गया था। हालांकि कुछ समय बाद ये मैसेज पेज से हट गया।
हैक किए गए पेज के साथ एक 11 पेज का डॉक्युमेंट भी अटैच किया गया था। इस मैसेज में लिखा था, " क्या दिल्ली की जमीन शाह मुहादिथ देहलवी को जन्म नहीं देगी, जो फिर से भारत के मुसलमानों को जिहाद का भूला हुआ सबक सिखाकर जिहाद के जंग-ए-मैदान में ले जाएगा? आपके समंदर में तूफान क्यों नहीं है? भारत के मुसलमानों के लिए मौलाना आसिम उमर (अल्लाह उसे सुरक्षित रखे) का मेसेज।"
आगे लिखा गया था, 'क्या बालाकोट में खून में भीगे कुनबे का कोई वारिस नहीं बचा, जिसमें यकीन न करने वालों के खिलाफ बगावत करने और अल्लाह के लिए अपनी जान कुर्बान करने का जज्बा हो?'
गौरतलब है कि मौलाना आसिम उमर उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला है और बताया जाता है कि पिछले साल उसे अल कायदा ने भारतीय उप महाद्वीप का चीफ बनाया था। उमर को सनाउल हक के नाम से भी जाना जाता है और 1992 में बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के बाद उसने जिहादी ग्रुप ज्वाइन किया था। उमर ने देवबंद के दार-उल-उलूम से पढ़ाई की है। 1991 में वह ग्रैजुएट हुआ था। जांच में पता चला है कि 1995 में वह संभल से गायब हो गया था।
पिछले दिनों अल कायदा से जुड़े होने के शक में पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों से 20 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया। दिल्ली पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्पेशल सेल विंग ने भी अल कायदा इन द इंडियन सब-कॉन्टिनेंट के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया हुआ है।
हैक किए गए पेज के साथ एक 11 पेज का डॉक्युमेंट भी अटैच किया गया था। इस मैसेज में लिखा था, " क्या दिल्ली की जमीन शाह मुहादिथ देहलवी को जन्म नहीं देगी, जो फिर से भारत के मुसलमानों को जिहाद का भूला हुआ सबक सिखाकर जिहाद के जंग-ए-मैदान में ले जाएगा? आपके समंदर में तूफान क्यों नहीं है? भारत के मुसलमानों के लिए मौलाना आसिम उमर (अल्लाह उसे सुरक्षित रखे) का मेसेज।"
आगे लिखा गया था, 'क्या बालाकोट में खून में भीगे कुनबे का कोई वारिस नहीं बचा, जिसमें यकीन न करने वालों के खिलाफ बगावत करने और अल्लाह के लिए अपनी जान कुर्बान करने का जज्बा हो?'
गौरतलब है कि मौलाना आसिम उमर उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला है और बताया जाता है कि पिछले साल उसे अल कायदा ने भारतीय उप महाद्वीप का चीफ बनाया था। उमर को सनाउल हक के नाम से भी जाना जाता है और 1992 में बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के बाद उसने जिहादी ग्रुप ज्वाइन किया था। उमर ने देवबंद के दार-उल-उलूम से पढ़ाई की है। 1991 में वह ग्रैजुएट हुआ था। जांच में पता चला है कि 1995 में वह संभल से गायब हो गया था।
पिछले दिनों अल कायदा से जुड़े होने के शक में पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों से 20 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया। दिल्ली पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्पेशल सेल विंग ने भी अल कायदा इन द इंडियन सब-कॉन्टिनेंट के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया हुआ है।