'हे राम', अब आपके खिलाफ भी महिला उत्पीड़न का मुकदमा, कल होगी सुनवाई
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/01/women-persecution-case-registered-against-the-ram-.html
पटना। धार्मिक व्यवस्थाओं पर चोट करती साल 2012 में आई अभिनेता अक्षय कुमार, परेश रावल और मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म 'ओ माई गॉड' में जिस प्रकार से परेश रावल कांजीभाई के किरदार में भगवान पर केस दर्ज कराते हुए नजर आए थे, उसी प्रकार से बिहार के सीतामढ़ी में एक शख्स ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के खिलाफ महिला उत्पीड़न का मुक़दमा दर्ज कराया है। खास बात ये है कि ये शख्स कोई आम आदमी नहीं बल्कि पेशे से एक वकील है।
जी हां, सुनने-पढ़ने में भले ही आपको यह किसी मजाक की तरह लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। बिहार के सीतामढ़ी में एक मामला ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्याम बिहारी के अदालत में आया है। स्थानीय वकील ठाकुर चंदन सिंह ने कोर्ट में मामला दर्ज कराया है, जिसमे उन्होंने भगवान राम पर अपनी पत्नी सीता के साथ उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
एडवोकेट चंदन ने कहा, उनका घर सीता की जन्मभूमि मिथिला में है। चंदन का कहना है कि भगवान राम ने मिथिला की रानी सीता के साथ अत्याचार किया है। मिथिला की बेटी के साथ नाइंसाफी हुई है, इसलिए उन्होंने यह केस दर्ज कराया है। चंदन का तर्क है कि भगवान राम ने एक धोबी के कहने पर अपनी पत्नी सीता को घर से बाहर निकाल दिया और जंगल में रहने के लिए मजबूर कर दिया था। यह माता सीता के साथ अत्याचार है।
चंदन का कहना है कि महिला उत्पीड़न त्रेता युग में ही आरंभ हो गया था। इसलिए जब त्रेता युग की नारी को न्याय नहीं मिलता, तब तक कलियुग की नारी को न्याय नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि, किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं है। उनका मकसद केवल माता सीता को न्याय दिलाना है।
बहरहाल, मुक़दमा दर्ज होने के बाद इस मामले में सुनवाई के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया गया है। ऐसे में कल सोमवार को इस सुनवाई की कार्रवाई की जाएगी।
जी हां, सुनने-पढ़ने में भले ही आपको यह किसी मजाक की तरह लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। बिहार के सीतामढ़ी में एक मामला ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्याम बिहारी के अदालत में आया है। स्थानीय वकील ठाकुर चंदन सिंह ने कोर्ट में मामला दर्ज कराया है, जिसमे उन्होंने भगवान राम पर अपनी पत्नी सीता के साथ उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
एडवोकेट चंदन ने कहा, उनका घर सीता की जन्मभूमि मिथिला में है। चंदन का कहना है कि भगवान राम ने मिथिला की रानी सीता के साथ अत्याचार किया है। मिथिला की बेटी के साथ नाइंसाफी हुई है, इसलिए उन्होंने यह केस दर्ज कराया है। चंदन का तर्क है कि भगवान राम ने एक धोबी के कहने पर अपनी पत्नी सीता को घर से बाहर निकाल दिया और जंगल में रहने के लिए मजबूर कर दिया था। यह माता सीता के साथ अत्याचार है।
चंदन का कहना है कि महिला उत्पीड़न त्रेता युग में ही आरंभ हो गया था। इसलिए जब त्रेता युग की नारी को न्याय नहीं मिलता, तब तक कलियुग की नारी को न्याय नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि, किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं है। उनका मकसद केवल माता सीता को न्याय दिलाना है।
बहरहाल, मुक़दमा दर्ज होने के बाद इस मामले में सुनवाई के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया गया है। ऐसे में कल सोमवार को इस सुनवाई की कार्रवाई की जाएगी।