जल्द ही जन आंदोलन बनेगा 'मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान'

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जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार एवं सर्व धर्म प्राथनाओं के बीच झालावाड़ जिले के गर्दनखेड़ी गांव से प्रदेश में 'मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान' का शुभारंभ किया। इसके साथ ही प्रदेश के 3,529 गांवों में आज मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का आगाज हुआ। मुख्यमंत्री ने जन भागीदारी की अनूठी मिसाल पेश करते हुए गर्दनखेड़ी गांव में चेची तालाब के सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्घार कार्य का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अभियान के लिए खुद फावड़ा-तगारी उठाई तो लोगों ने भी तन-मन और धन से इस अभियान को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अकेले झालावाड़ में कुछ ही घंटों में लोगों ने 7 करोड़ से अधिक की धनराशि इस अभियान के लिए दी। राजे ने न केवल मिटटी खोदी बल्कि अपने सिर पर तगारी रखकर उसे तालाब की पाल पर भी पहुंचाया।

इसी प्रकार से जयपुर नगर निगम क्षेत्र में केशव विद्यापीठ रोड स्थित जग्गा की बावड़ी से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने अभियान का शुभारम्भ
किया। इस अवसर पर नगर निगम महापौर निर्मल नाहटा, उप महापौर मनोज भारद्वाज एवं वी. सुरेश तथा नगर निगम की जल संरक्षण समिति के अध्यक्ष नवरतन नरनियां, लाईसेंस समिति के विष्णुदत्त लाटा समेत कई पार्षदगण उपस्थित थे।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष परनामी ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान’ को शीघ्र ही हम जन आंदोलन के रूप में देखेंगे। इस अभियान से प्रदेश में जल की समस्या का समाधान होगा तथा प्रदेश के विरासतकालीन कुएं, बावडियों का संरक्षण होगा तथा हमारा प्रदेश जल के लिए एक बार फिर से आत्मनिर्भर होगा।

उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरूआत प्रदेश की मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में लगातार घटते भूजल के स्तर को देखते हुए की गई है। इस अभियान से प्रदेश के हर नागरिक को जुडना चाहिए एवं जल के अव्यय को रोकना चाहिए, जिससे आने वाली पीढी को किसी प्रकार की जल संबंधी समस्या का सामना ना करना पड़े एवं प्रदेश की विरासत का भी संरक्षण हो सकें।

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